Monday 25 December 2023

शनि ने आपकी हर गतिविधि पर मानो सीसीटीवी लगा कर रखी

Sunday 24th December 2023 at 5:45 AM

वही CCTV  का Replay वह साढेसाती के दौरान करवाता है  


ज्योतिष की दुनिया से
: 25 दिसंबर 2023: (बिभाष मिश्रा//आराधना टाईम्ज़ डेस्क)::

शनि और आपका जीवन किस तरह संबंधित हैं और किस तरह पड़ता है यह बहुत सरल भी है लेकिन इसे समझना आसान भी नहीं। बहुत जागरूक रहना पड़ता है इन रहस्यों का भेद लिए। इसी मकसद से आज के इस पोस्ट में हम शनि ग्रह के स्वरूप को समझेंगे। 

आपको मालुम भी होगा कि नवग्रह में शनि को न्यायाधीश कहा गया है, शनि नवग्रह में सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह है, इसी वजह से इसका नाम शनिश्चर ... शनै  अर्थात धीरे... चर अथार्त चलने वाला ..यानी धीरे-धीरे चलने वाला॥ 

जातक के जीवन के तमाम कर्मो का लेखा-जोखा शनि के ही पास होता है...! जो परिणाम उसे शनि की महादशा या फिर साढेसाती में नजर आता है।  करता शनि कर्मों का  इन्साफ कर देता। है। 

शनि की महादशा भले ही बहुतो के जीवन में आए ना आए पर साढ़ेसाती अवश्य ही आती है।  बहुत कुछ  सीखा जाते हैं। 

शनि का प्रभाव एक मानव जीवन पर कितना है इसको हम यू समझते हैं-एक जातक के संपूर्ण जीवन में लगभग तीन बार उसे साढेसाती का सामना करना पड़ता है। 

(जब शनि का गोचर जन्म राशि से एक राशि पहले, जन्म राशि पर , और जन्म राशि से एक राशि बाद पर चले)

इसके बाद समय-समय पर ढैया भी आती है। 

(जब शनि का गोचर  जन्म राशि से चतुर्थ और जन्म राशि से अष्टम चले)

इसके बाद शनि की अंतर्दशा और प्रत्यंतर, सूक्ष्मदशा  और प्राणदशा भी है होती है।  

अब अगर शनि की महादशा किसी जातक के पूरे जीवन ना भी चले तो भी...

साढेसाती ...ढैया ...अंतर्दशा और प्रत्यंतर दशा, सूक्ष्मदशा और प्राण दशा मिला लिया जाए तो मानव के संपूर्ण जीवन पर लगभग 75% पर शनि अपना अधिकार रखता ही रखता है ॥।

अब नवग्रह पर और आपके जीवन पर शनि का क्या प्रभाव है इससे आप बेहतर समझ सकते हैं ॥।

इसलिए कहा जाता है कि आपके तमाम कर्मों का लेखा-जोखा शनि के पास है ...

यानी शनि ने आपकी हर गतिविधि पर मानो सीसीटीवी लगा कर रखी है ॥

और वही CCTV  का Replay वह साढेसाती के दौरान करवाता है  

अब आपकी कुंडली में शनि जिस स्थान का,  जिस जिस भाव का अधिपति है साढेसाती में उससे संबंधित प्रारब्ध को भोग करवाता है

उदाहरण के तौर पर किसी की वृश्चिक लग्न की कुंडली है तो वृश्चिक लग्न की कुंडली में शनि चतुर्थ भाव का स्वामी है तो साढेसाती के दौरान संभवत उसको गृहक्लेश,  मकान संबंधित विवाद या माता संबंधित या चतुर्थ भाव संबंधित तमाम प्रारब्ध को भोगना पड़े ॥।

किसी की कर्क लग्न या सिंह लग्न की कुंडली है तो वहां पर सप्तमेश शनि है तो उसे जीवन साथी, व्यापार संबंधित प्रारब्ध भोगना पड़े ॥।

कलयुग में लोग धड़ल्ले से पाप कर रहे हैं... उनकी सुबह से रात की तमाम गतिविधि ऐसी है... जिसे शनि को सख्त सख्त सख्त नफरत है ....

और शनि धारदार तलवार लिए ...आंखें लाल किए बैठा है ...और   और इंतजार करता है तो बस साढेसाती का...

और जब साढ़ेसाती में शनि की जब हंटर चलती है तो जातक त्राहिमाम त्राहिमाम करता है...

हकीकत में यह उसके ही किए गए कर्मों का फल होता है॥।

वहीं हमने कई जातकों को ऐसे भी देखा है जो साढेसाती में बुलंदी पर होते हैं...

शनि की महादशा चल रही है... शनि की साढ़ेसाती चल रही है पर एक मक्खी तक नहीं हिलता है ...

सवाल है कोई बाल भी बांका कर दे...

क्योंकि शनि जब साढेसाती के दौरान उसे न्याय के कटघरे में खड़ा करता है... तो वह जातक बा इज्जत बरी हो जाता है...

यानी  उसका कोई भी पाप शनि, प्रारब्ध और पहले का किया खराब कर्म शनि  को नहीं नजर आता है ...

तो शनि उसे आशीर्वाद प्रदान करते हैं... और शनि की आशीर्वाद ...

दीर्घायु... दीर्घायु ....दीर्घायु

ध्यान रहे शनि जड़ है ...पेड़ में पीपल सबसे मजबूत है... पीपल की जड़  दूर-दूर तक होती है ... इतना कि कई मकानों के अंदर तक चली जाती है ...शनि की सफलता भी  स्थायित्व होती है और उसकी सफलता कई पुश्ते भोगती है

शनि का प्रारब्ध हो ...या शनि का आशीर्वाद...उसको कई पुश्तों को भोगना पड़ता है

अगर शनि ने आशीर्वाद दिया तो इतना आलीशान मकान देगा जिसको कई वंश उसके सुख को भोगेंगे...

 ऐसी प्रणाली... ऐसी व्यवस्था देगा... जिसको कई पुश्त , दर पुश्त याद रखेंगे... क्योंकि शनि जड़ है और शनि की सफलता में  गजब का स्थायित्व होता है ॥।

शहर की मकान उतनी टिकाऊ नहीं होती... पर गांव का वह पुराना मिट्टी का मकान कई पुश्तों की निशानियां होती है...

वही पुराना मकान शनि है...

तमाम प्रकार के जमीन शनि है... जब शनि बलवान हो तो जातक जमींदार या गांव का मुखिया होता है ॥।

तमाम प्रकार के कोर्ट की न्याय प्रणाली... पुलिस प्रशासन की व्यवस्था...आपके सड़क नालों की साफ सफाई... तमाम प्रकार के न्यायिक प्रणाली पर शनि का अधिकार है ॥॥

खासकर ऐसे जातक जो बहुत ज्यादा दीर्घायु जीवन जीते हैं 100% शनि उनकी कुंडली में बलवान होती है... क्योंकि दीर्घायु शनि ही देता है ॥।

एक सज्जन जिनकी आयु लगभग 93 वर्ष की है... चर्चा के दौरान जब हमने उनसे पूछा तो उन्होंने आज से 50 वर्ष पूर्व अपने जमाने का समय बताया ....

कि उन जमाने में घर में मिट्टी के चूल्हे में रोटियां पकती थी, खेत में सब्जियां होती थी ...सरसों होते थे शुद्ध तेल निकाला जाता था ...और घर का ही भोजन खाया जाता था ...

कढ़ाई वर्ष में केवल दो बार  चूल्हे पर मां चढ़ाती थी...

 होली के वक्त और दशहरा के वक्त ...

यानी वर्ष में केवल चंद दिन  होली... दिवाली... दशहरे ...रक्षाबंधन ...या किसी की जन्मदिन में पूरी और पकवान मां खिलाती थी... और पूरे वर्ष हम सुखी रोटी ही खाते थे... तब जाकर आज 93 वर्षों तक सभी दांत सुरक्षित हैं ॥।

 आज के जमाने में सभी को हर दिन पकवान चाहिए...

 हर दिन बाहर का खाना चाहिए.... घर के खाने रोटी और चावल से बच्चे दूर हो रहे हैं... केएफसी स्विग्गी जोमैटो ने घर के किचन प्रणाली को चौपट कर दिया है...

 तो पेट और शरीर की क्या हालत होगा...

यानी तमाम प्रकार के प्रक्रिया फूड और  कलयुग पर राहु का प्रभाव है जिन्होंने आपके किचन... घर और पेट सबको चौपट कर दिया है ॥।

जबकि पुराने ख्यालात ...सादा खान पान के ऊपर शनि का प्रभाव है जो दीर्घायु जीवन का कारक है ॥॥

ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः

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