Saturday 10 February 2024

चंद्रमा आपका मन है और मन पूरे शरीर के ऊपर एकाअधिकार रखता है

 Thursday 9th February 2024 at 11:46 AM

केमुन्द्रम दोष के बहाने से इंजीनियर बिभाष मिश्रा आपके सामने रख रहे हैं बहुत से रहस्य 


ज्योतिष की दुनिया से
03 फरवरी 2023: (बिभाष मिश्रा//आराधना टाईम्ज़ डेस्क)::

पीड़ित चंद्रमा ... 

जन्म कुंडली में चंद्रमा एक बेहद विशेष स्थान रखता है

चंद्रमा आपका मन है और मन पूरे शरीर के ऊपर एकाअधिकार रखता है

कहावत भी है मन के जीते जीत ... और मन के हारे हार...

अर्थात जिसने मन पर  विजय हासिल किया है,वह विकट परिस्थिति में भी विजयी है,  और जो मन से हार चुका है वह लाख सुख सुविधा के बावजूद भी दुखी है ।।।

वेद में कहा गया है कि, चन्द्रमा मनसो जातश्चक्षोः सूर्यो अजायत: च् !

अर्थात चंद्रमा जातक के मन का स्वामी होता है, मन का स्वामी होने के कारण यदि जन्म कुंडली में चंद्रमा की स्थिति ठीक न हो या वह दोषपूर्ण स्थिति में हो तो, जातक को मन और मस्तिष्क से संबंधी परेशानियां होती हैं. चन्द्रमा मां का सूचक है और मन का कारक है, इसकी राशि कर्क होती हैं !।।

चन्द्र ग्रहों में सबसे छोटा ग्रह है, परन्तु इसकी गति ग्रहों में सबसे अधिक है ।। 

यानी नवग्रहों में यह सबसे तेज चलने वाला ग्रह है ।।

चन्द्रमा की तीव्र गति और इसके प्रभावशाली होने के कारण किस समय क्या घटना होगी, चन्द्र से ही पता चलता है ।।

चंद्रमा आपकी कुंडली में कितना महत्वपूर्ण स्थान रखता है इसका उदाहरण ऐसे समझिए ।।

विंशोत्तरी दशा, योगिनी दशा, अष्टोतरी दशा आदि यह सभी दशाएं चन्द्र की गति से ही बनती है ।।

गोचर कुंडली और शनि की साढेसाती भी चंद्र से ही देखी जाती है ।।

चन्द्र जिस नक्षत्र में बैठा हो उसके स्वामी ग्रह से ही जन्म की महादशाएं शुरू होती है ।।।

अर्थात जिस प्रकार आपके पूरे घर की व्यवस्था, घर का खानपान ,रखरखाव,राशन इत्यादि घर की कमी- बढ़त तमाम व्यवस्थाएं मां के द्वारा देखी जाती है ।।

इसी प्रकार आपकी कुंडली की तमाम व्यवस्थाएं चंद्रमा के द्वारा देखी जाती है ।।

इसीलिए ज्योतिष में चंद्रमा को मां की उपाधि दी गई है ।।

और मां शब्द के ऊपर में वही चंद्रबिंदु है ।।

तमाम सुख सुविधाओं के बावजूद भी जिस प्रकार एक मां के घर में ना होना पूरे घर को वीरान कर देता है,  उसी प्रकार आपकी कुंडली में तमाम राज योग होने के बावजूद एकमात्र चंद्रमा का पीड़ित होना आपके कुंडली के तमाम राजयोगों को वीरान और तन्हा कर देता है ।।

अब बात आती है चंद्रमा पीड़ित कब होता है और कैसे होता है

जब भी आपकी कुंडली में चंद्रमा राहु के संग ...केतु के संग बैठा हो, चंद्रमा नीच राशि वृश्चिक का बैठा हो तो पीड़ित कहलाएगा ।।

चंद्रमा के एक घर पहले और एक घर बाद कोई ग्रह ना हो जिसे केमुन्द्रम दोष कहते हैं तो चंद्रमा पीड़ित कहलाता है ।।

इसका उदाहरण ऐसा समझते हैं।। 

अगर कोई अकेली महिला सुनसान सड़क पर चल रही है और उसके दाएं और बाएं कोई ना हो तो उसके मन में एक अनजान सब भय रहेगा, एक हवा का झोंका भी चले तो वह सहसा सहम जाएगी ।।

वही महिला के दाहिने और बाएं दोनों ओर में एक-एक भाई हो तो वह महिला बड़े रौब के साथ सड़क पर चलेगी, क्योंकि उसके दाएं और बाएं में सुरक्षा हेतु उसके भाई खड़े हैं ।।

केमुन्द्रम दोष में भी चंद्रमा के जब दाहिने और बाएं ओर कोई ग्रह नहीं होता है तो अकेला पाकर चंद्रमा वही सहमी हुई महिला के समान है जो अपने आप को असहाय और डरी हुई महसूस करती है ‌‌।।

वही अनजान सा भय, चंचल मन, अस्थिर स्वभाव, मानसिक तनाव आपकी कुंडली का पीड़ित चंद्रमा है ।।

जैसे-जैसे चंद्रमा कला में कमजोर होती है जैसे अमावस्या की तिथि तो भय और डिप्रेशन बढ़ता जाता है ।।

यही कारण है कि पीड़ित चंद्रमा वाले अमावस्या के दिन खासकर ज्यादा मानसिक तनाव महसूस करते हैं ।।

और मानसिक तनाव कभी-कभी इतना बढ़ जाता है कि आत्महत्या तक के ख्याल आ जाते हैं ।।।

जब चंद्रमा पीड़ित हो तो जातक के मन का मिसाल तो बस ऐसा है ...

जैसे घना समंदर हो.... लहर के ऊपर लहर उठ रही हो... और भीतर कुप्प घना अंधेरा हो ...

ऐसा घना अंधेरा कि कोई अपना हाथ भी बाहर निकाले तो वह दिखाई ना दे ।।

और ऐसी स्थिति में ईश्वर ही एकमात्र बचाने वाला हो ।।।

चंद्रमा पीड़ित होने पर निर्णय क्षमता कमजोर हो जाती है , जातक बेहद भावुक हो जाता है , मानसिक तनाव बहुत ज्यादा हो जाती है , जातक एकांत प्रिय हो जाता है , और मन में चंचलता बेहद बढ़ जाती है ।।

उसे सही मायने में एक अच्छे सलाहकार की जरूरत होती है जो उसे ऐसे निराशावादी दौड़ से दूर  निकाल ले ।।

पीड़ित चंद्रमा के प्रभाव से मानसिक तनाव, मन में घबराहट, मन में तरह तरह की शंका और सर्दी बनी रहती है. व्यक्ति के मन में आत्महत्या करने के विचार भी बार-बार आते रहते हैं !!

जातक किसी की कही गई बातों को दिल पर लेने लगता है और डिप्रेशन में चला जाता है ।।

खासकर चंद्रमा जब कुंडली में राहु के साथ हो तो स्थिति बड़ी ही भयावह हो जाती है ।।

जातक के पास तमाम सुख सुविधा हो, जो कुंडली में उपस्थित राजयोग से प्राप्त होती है,  उसके पास आलीशान मकान, वाहन , तमाम सुख सुविधा होती है ।।

फिर भी जातक भीड़ में तन्हा हो जाता है ....

उसकी तमाम सुख सुविधा कागज के रद्दी के ढेर के समान हो जाती है, और वह एकांत जीवन जीता है ।।

इसीलिए आपके पास आलीशान सुख सुविधा कुंडली में उपस्थित राजयोगी ग्रह तो दे देंगे,  पर उस सुख सुविधाओं को आप भोग कितना करेंगे यह तो कुंडली में उपस्थित चंद्रमा ही निर्धारित करेगी ।।

और आपकी कुंडली में अगर चंद्रमा पीड़ित हुआ तो सभी भोग रूपी वस्तु मिट्टी के ढेले के समान हो जाएंगे ।।

चंद्रमा केतु के साथ हो तो स्थिति उतनी भयावह तो नहीं होती , जितनी चंद्रमा, राहु के साथ हो तो होती है ।।

जातक तार्किक हो जाता है,  और कभी-कभी अच्छा सलाहकार भी हो जाता है, कड़वे अनुभव से सीख कर अच्छा सलाहकार भी हो जाता है ।।।

वही चंद्रमा जब शनि के साथ बैठा हो तो जातक में आध्यात्मिक गुण आ जाते हैं,  और अध्यात्म के क्षेत्र में शिखर तक पहुंचता है ।।

वही चंद्रमा जब केमुन्द्रम दोष में हो तो जातक के मन में एक अनजान सा भय, डर समाए रहता है ।।

पीड़ित चंद्रमा को ठीक करने का सबसे बेहतरीन उपाय अपने आप को ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक बनाए रखना,  ऐसी चीजों से बेहद दूर रहना जो निराशावादी सोच देती है ।।

ऐसे लोगों से दूर रहना जो निराशावादी हो ।।

अकेले में ज्यादा न रहकर लोगों के मध्य रहना और हंसी-खुशी जीवन जीने का प्रयास करना,  जितना पास में हो उतना में संतुष्ट रहना और अनिश्चितता के पीछे ना भगाना ।।

दूसरे से अपने खुद की तुलना कदापि न करना ...

और शिव की पूजा में खुद को समर्पित करना नित्य कच्चे दूध से शिवजी का अभिषेक करना और सोमवार का उपवास करना पीड़ित चंद्रमा को शांत करने का उपाय है ।। 

Er. Bibhash Mishra-Research Scholar and Astrologer Consultant

+91 99559 57433


Sunday 4 February 2024

जब आसमान में दो चन्द्रमा दिखते हैं और उल्कापात होता है

दुनिया और ज़िंदगी के लिए होता है वह समय बहुत ही विशेष 


लुधियाना: 04 फरवरी 2024: (मीडिया लिंक रविंदर//आराधना टाईम्ज़ डेस्क)::

ज्योतिष और अध्नायात्बम के जानकार  के गोपाल
उत्तर भारत में जब पंजाब पहुंच कर लुधियाना से जगराओं की तरफ जाया जाए तो थोड़ी सी दूरी पर ही  मुल्लांपुर, रायकोट और जगराओं के इलाकों में एक जाना माना नाम है जनाब के. गोपाल जी का। बहुत लोकप्रिय शख्सियत हैं वह। समाजसेवी, जहां फिलास्फर और पत्रकार  होने के साथ साथ वह बहुत अच्छे ज्योतिषी भी हैं। उनकी भविष्यवाणियां बहुत बार सच भी साबित हो चुकी हैं। 

कई बार उनकी गहन बातों को समझ पाना सबके बस में भी नहीं होता। आज उन्होंने कहा है कि आसमान में दो चांद नज़र आने वाले हैं। साथ ही उल्कापात वाली बरसात भी होगी। उल्का पिंड की बरसात या उल्कापात का सिलसिला बहुत पुराना है। समय समय पर इसके आसार बनते ही रहते हैं। उनकी राजनैतिक उथल पुथल की बातें भी सच निकलती रही हैं। 

आज सुबह सुबह मुंह अंधेरे पांच बजे से पहले ही उन्होंने भविष्वाणी की है कि आज आसमान में दो चांद नज़र आएंगे। इसके साथ ही उल्कापात भी देखने को मिलेगा। जहां जहां भी यह देखा जा सकेगा वहां के लोगों के लिए यह बहुत ही यादगारी भी होगा। इस तरह के पल बहुत काव्यपूर्ण और रूमानी भी महसूस हो सकते हैं। यदि किसी को किसी गृह के प्रकोप का विचार मन में हो तो उसके लिए भयानक महसूस भी हो सकते हैं। अर्थात आपके  भी होगा उसका अनुपर कई गुना बढ़ जाएगा। आपकी यादें सचमुच यादगारी बन जाएंगी। 

गौरतलब है कि इस तरह की बरसात के संबंध में बहुत कुछ कहा सुना जाता रहा है। उल्का वर्षा  अर्थात meteor shower एक खगोलीय घटना है जिसमें किसी ग्रह पर आकाश के एक ही स्थान से बार-बार कई उल्का बरसते हुए प्रतीत होते हैं। प्रकृतिक तौर पर यह एक सौंदर्यपूर्ण दृश्य भी बन सकता है। 

वैज्ञानिक तौर पर इसके अलग पहलू होते ही हैं। मानव और अन्य जीवों पर इसके प्रभाव भी हो सकते हैं।  यह उल्का पात वास्तव में खगोलीय मलबे की धाराओं के ग्रह के वायुमंडल पर अति-तीव्रता से गिरने से प्रस्तुत होते हैं। अधिकतर का आकार बहुत ही छोटा (रेत के कण से भी छोटा) होता है इसलिए वह सतह तक पहुँचने से बहुत पहले ही ध्वस्त हो जाते हैं। सो कई बार इनके गिरने का पता नहीं भी चलता। हां अगर अधिक घनी उल्का वर्षा को उल्का बौछार अर्थात meteor outburst  या फिर उल्का तूफ़ान meteor storm कहते हैं और इनमें एक घंटे में 1000 से अधिक उल्का गिर सकते हैं। इसकी कल्पना मात्र से ही अनुमान लगाया जा सकता है कि दृश्य कैसा लग सकता है।  तन और मन में क्या महसूस हो सकता है। 

हमने एक गीत के बोलों की चर्चा की थी संगीत स्क्रीन में-

कैसी हसीन आज बहारों की रात है-एक चाँद आसमां पे है एक मेरे साथ है....

बेहद लोकप्रिय हुए इस गीत में दो पंक्तियां और भी विशेष हैं जो ब्रह्मण्ड के रहस्यों और ईश कृपा की तरफ भी इशारा करती हैं। 

देखिए ज़रा इन पंक्तियों की गहराई भी-

देने वाले तू ने तो कोई कमी न की;अब किस को क्या मिला ये मुक़द्दर की बात है

अगर आप किसी तरह आज की इस बरसात और दो चांद नज़र आने के दृश्य को देखने में कामयाब हो जाते हैं तो अवश्य बताएं कि आपको कैसा महसूस हुआ यह सब अलौकिक सा दृश्य? अब इस तरह के दो चन्द्रमा और उल्काजोोू आपके भविष्य और वॉटरमैन पर कैसा असर डालेगा इसका सही पता अच्छे ज्योतिषी ही बता सकेंगे। 

Saturday 3 February 2024

वक्री ग्रह और उसका स्वभाव अगर समझ गए तो ज़िंदगी सहज लगने लगेगी

Saturday  3rd February 2024 at 11:13 AM

यह स्वभाव भी अपने आप में गहन रहस्य जैसा ही है 


ज्योतिष की दुनिया से
:
03 फरवरी 2023: (बिभाष मिश्रा//आराधना टाईम्ज़ डेस्क)::

वक्री ग्रह और उसका स्वभाव अगर समझ गए तो ज़िंदगी सहज लगने लगेगी। मुश्किलें आएंगी तो सही पर खुद-ब-खुद उनका समाधान  भी होता जाएगा। बहुत से गन आप में आ जाएंगे इस स्वभाव को समझ लेने से। आज के इस पोस्ट में हम वक्री ग्रह और उसके स्वभाव के बारे में पुनः विशेष चर्चा करेंगे। ज्योतिष की दुनिया से जुड़े जिज्ञासुयों और पाठकों की तरफ से इसकी मांग बहुत तेज़ी से आ रही थी। इसलिए कुछ दिन पहले हमने वक्री ग्रह पर एक पोस्ट किया था आज पुण :  उसके बारे में और अधिक जानकारी हासिल करेंगे।

अगर एक लाइन में वक्री ग्रह के कांसेप्ट को समझे तो

हर ग्रह का अपना एक मूल स्वभाव होता है

कोई ग्रह अगर वक्री होता है तो अपने मूल स्वभाव और गुण को खो देता है ।।।

उदाहरण के तौर पर हम समझते हैं

आपने कभी-कभी देखा होगा कुछ औरतों में मर्दों वाली गुण होती है

उदाहरण के तौर पर मर्दों जैसी फुर्ती होना,  घर के भी काम को देखना संग ही  बाहर बाजार के काम को भी कर लेना

सुबह से रात बिल्कुल एक्टिव रहना, यहां तक घर वाले बोले भी की यह भूल से ही लड़की पैदा हो गई इसे तो लड़का पैदा होना चाहिए था ।।।

यानी उसके स्वभाव में वह सारा गुण होगा जो एक लड़के के स्वभाव में होता है ।।।

इसके उलट कर कुछ मर्दों को हम देखेंगे तो लगेगा उनका स्वभाव कुछ शर्मिला है और हर काम में वह बिल्कुल शर्मीलापन महसूस करते हैं

यानी दोनों ही पक्ष में अपने मूल स्वभाव को खो देना ।।

एक बहन को हमने देखा, पिताजी के घर पर नहीं मौजूद होने के वजह से घर का सारा काम भी देखी थी , और अपनी स्कूटी से बाजार की सभी खरीदारी भी करती थी, यानी सुबह से रात की सारी गतिविधि जो एक लड़के की होनी चाहिए, उसमें थी ।।

यहां तक कि निडर होकर अपने घर की रखवाली भी करती थी ।।

यानी लड़कियों का जो मूल स्वभाव होता है वह गुण न होकर अलग स्वभाव उसमें था ।।

वक्री ग्रह के उदाहरण को हम यहां बेहतरीन तरीके से समझ सकते हैं ।।

इसी प्रकार सभी ग्रहों का भी अपना एक मूल गुण स्वभाव होता है

और जब वह ग्रह वक्री होता है तो अपने बेसिक सिद्धांत को भूलकर अलग फल देने लगता है ।।

ग्रह के इस अलग स्वभाव को ही ग्रह का वक्री होना कहते हैं ।।

अन्य उदाहरण से समझते हैं गर्मी का मूल स्वभाव हम सभी जानते हैं लू का चलना ।।

ठंड का मूल स्वभाव हम जानते हैं शीत लहरी का चलना ।।

पर कभी-कभी भीषण गर्मी में भी मौसम अगर बेहद सुहावना हो तो यहां गर्मी का मौसम अपना मूल स्वभाव खो चुका होता है ।।

या दिसंबर महीने में भी आपने देखा होगा ठंड बिल्कुल नहीं पड़ रही है, और लोग कहते हैं कि लगता है इस बार ठंड नहीं पड़ेगी यानी ठंड के मौसम ने भी अपना मूल स्वभाव कुछ दिनों के लिए खो दिया ।।

और जब-जब कोई अपना मूल स्वभाव को खोता है तो उसे हम वक्री होना कहते हैं ।।

एक व्यक्ति प्रतिदिन घर का भोजन करता है जिसमें रोटी चावल दाल सब्जी शामिल होती है यह व्यक्ति के भोजन का मूल स्वभाव है , वही कभी-कभी वह बाहर होटल में जाकर खाना खाता है यहां पर मूल स्वभाव से अलग भोजन प्रणाली का वक्री होना समझेंगे ।।

एक व्यक्ति जो कहीं नौकरी करता है, तो उसकी सुबह से रात तक एक गतिविधि रहती है ।।।

सुबह सोकर उठना,  नहाना , टिफिन लेना, ऑफिस जाना भोजन अवकाश में भोजन करना,  शाम को घर आना ।।। वक्री ग्रह के स्वभाव पर बिभाष मिश्रा का विशेष लेख 

यह उसका एक मूल स्वभाव है, प्रतिदिन की दिनचर्या है ।।

इस मूल स्वभाव से कभी-कभी ऊबकर वह कुछ दिन की छुट्टी लेकर बाहर घूमने चला जाता है ,और मूल स्वभाव और दैनिक दिनचर्या से अलग हटके कुछ दिन अपने दिनचर्या को बदलता है , यहां भी वक्री होने को समझ सकते हैं ।।।।

अब ऊपर लिखे सभी कथनों को हम ग्रह पर अप्लाई करके देखते हैं ।।

अब गुरु का मूल स्वभाव क्या है यह आप सभी जानते हैं

गुरु 100% धर्म है गुरु बेहद बलवान हो तो जातक के माथे पर चंदन, सिखा, गले में तुलसी माला, गेरुआ वस्त्र, कथावाचक या सारा गुण उसमें मौजूद होगा ।।।

वही गुरु अगर वक्री हुआ तो जातक धार्मिक अवश्य होगा पर सूटेड बूटेड टाई लगाने वाला होगा ।।।

यानी यहां गुरु ने अपना मूल गुण को दिया ।।

हो सके जातक अपने धर्म में हुई आडंबर को दूर करने वाला भी होगा ।।

शनि खराब है तो शनि मंदिर में जाकर सरसों तेल शनि के पत्थर पर चढ़ाए यह  मार्गी गुरु वाला बोलेगा ।।।

वक्री गुरु वाला बोलेगा कि पत्थर पर तेल चढ़ाना बेकार है वह तेल किसी गरीब को दीजिए जिससे शनि ज्यादा खुश होगा , क्योंकि गरीब का कारक भी शनि है ।।

दोनों ही अपने जगह सही हैं पर कॉन्सेप्ट की लड़ाई है ।।।

वक्री ग्रह का बेहतरीन मिसाल आप ऐसे समझ सकते हैं ।।।

शिवलिंग पर दूध चढ़ाना एक आस्था है, 

गरीबों को दूध देना भी एक आस्था है ।।

मोहर्रम में मातम करना, हुसैन के नाम पर जंजीर से सीना पीटना और खून बहाना एक आस्था है ।।

ब्लड बैंक में गरीबों को खून देना भी एक आस्था है ।।

और जहां आस्था वाली बात है वह मार्गी गुरु है, पर वही आस्था पर जहां तर्क है वह वक्री गुरु है ।।।

शनि का मूल स्वभाव परिश्रम है,  मेहनत है,  दुख है , चिंता है ।।

पर वहीं शनि अगर वक्री हो जाए तो अपने मूल स्वभाव को खो देता है, यानि वक्री शनि वाले जातक बहुत मेहनत नहीं करते हैं और आराम पसंद से ही उनको चीजें हासिल हो जाती है ।।

शुक्र का मूल स्वभाव आराम पसंद है, मौज मस्ती है और सभी भौतिक सुख है ।।

वहीं अगर शुक्र वक्री हो जाए तो जातक आराम पसंद चीजों और भौतिक सुखों के भरपूर उपलब्धि होने के बावजूद भी उसे भोगना पसंद नहीं करेगा और  उससे बचने की कोशिश करेगा ।।

वक्री ग्रह चीजों को भी दोहराती है।।

चतुर्थ भाव वाहन और मकान का है अगर चतुर्थेश वक्री हुआ तो जातक के पास निश्चित तौर पर एक से ज्यादा वाहन और मकान होगा ही ।।।

पंचमेश वक्री हुआ तो एक से ज्यादा संतान एक से ज्यादा प्रेम संबंध एक से ज्यादा  एजुकेशन की डिग्री होगी ।।

लग्नेश वक्री हुआ तो दीर्घायु होगा, अष्टमेश वक्री हुआ तो मौत के मुंह से भी बच जाएगा, और पुनर्जीवन की प्राप्ति होगी और दीर्घायु भोगेगा ।।।

धनेश और लाभेश वक्री हुआ तो एक से ज्यादा आय के साधन होंगे।।

भाग्येश वक्री हुआ तो बारंबार भाग्योदय होगा ।।

सप्तमेश वक्री हुआ तो एक से ज्यादा विवाह होने की संभावना रहेगी ।।

दशमेश वक्री हुआ तो नौकरी  बार-बार बदलेगा ।।

या संभवतः नौकरी के साथ-साथ साइड इनकम के तौर पर व्यापार भी हो ।।

बुद्ध का संबंध व्यापार से है और बुध का मूल स्वभाव ही व्यापार करना है,  और बुध वक्री हुआ तो जातक व्यापार के नए-नए आइडिया बताएगा या बिज़नेस ट्रेनर होगा ।।

मंगल का मूल स्वभाव फुर्तीला जीवन, बगैर आलस के बिजली की फुर्ती , जातक क्रोधी स्वभाव का होता है ।।

मंगल अगर वक्री हुआ तो जातक मंगल के मूल गुण को खो देता है यानी वह अत्यधिक धैर्यवान होता है ।।

वक्री ग्रह पर आज इतना ही ...

Er. Bibhash Mishra

Research Scholar

Astrologer Consultant

Saturday 30 December 2023

मोहाली के भक्तों में भी अक्षित कलश यात्रा को लेकर उत्साह

 Saturday 30th December 2023 at 20:19     

मोहाली के वेव एस्टेट वाले फव्वारा चौंक में विशेष आयोजन 

मोहाली30 दिसंबर 2023: (कार्तिका कल्याणी सिंह//आराधना टाईम्स ऑनलाइन)::

श्री राम मन्दिर को लेकर मोहाली में भी भारी उत्साह है। कंप-कंपाने वाली शीत लहर और घने कोहरे के बावजूद भगवान श्री राम जी के भक्तों ने अक्षित कलश यात्रा निकालने की हिम्मत दिखाई है। भगवत कृपा के बिना इस तरह का उत्साह सम्भव ही नहीं। मोहाली के विभिन्न क्षेत्रों के लोग इस यात्रा में सम्मिलत हो कर अपनी हाज़री राम जी के दरबार में लगवाने को उत्सुक हैं। लगता है राम राज्य का समय अब तेज़ी से दस्तक देने लगा है। 

ज़ाहिर है कि श्री अयोध्या में बनने वाले
भगवान श्री राम जी के भव्य मंदिर को लेकर आध्यात्मिक माहौल में तेज़ी आ रही है। राम-मय जन चेतना बेहद तेज़ी से विकसित हो रही है। 

अस्सी के दशक की तरह फिर से सारा पर्यावरण राम-मय होता जा रहा है। इस राम मंदिर की भव्यता के साथ साथ आस्था तेई से बढ़ रही है। लोग इस मकसद के लिए पूजा अर्चना और के लिए तेज़ी से आगे बढ़ कर आ रहे हैं। इसी सिलसिले में के विशेष आयोजन रविवार को रखा गया है। 

मोहाली में अक्षित कलश यात्रा की सफलता के लिए लोग पूरी तरह से उत्साहित हैं। इस मौके पर मीडिया, लेखन और फोटोग्राफी से जुड़े लोगों के लिए भी विशेष निमंत्रण है। इस अवसर पर रचा जाने वाला लेखन और शायरी इत्यादि का भी विशेष इतिहास रचा जा रहा है जिसकी कदर और कीमत आने वाले निकट भविष्य में महसूस होगी। यह इतनी ज़्यादा होगी कि एक नया इतिहास रचा जाएगा। 

जो इस दिव्य आयोजन के अहसासों की अनुभूति सहेजना चाहते हैं उन सभी को सूचित किया जाता है कि 31 दिसंबर 2023 दिन रविवार को मोहाली के वेव एस्टेट सैक्टर 85 एवं 99 के निवासीओ द्वारा वेव एस्टेट के फुवहारा चौक में सुबह 11:00 से 1:00 बजे तक किया जाएगा। आप सभी मीडिया वाले साथी सहयोगी इस कार्यक्रम की ऐतिहासिक कवरेज हेतु सादर आमंत्रित हैं। कृपया समय पर पहुँच कर कार्यक्रम की कवरेज करने की कृपालता करें। इसे मिस करने की गलती मत करें। ऐसे अवसर बार बार कहां आते हैं!

आवश्यकता पड़ने पर भारतीय जनता पार्टी पंजाब के प्रदेश मीडिया सचिव हरदेव सिंह उभ्भा उपलब्ध रहेंगे ही। इन पलों को अपनी कलम और कैमरे में सहेजने वाले लोगों को "आराधना टाईम्ज़" की तरफ से  भी विशेष तौर पर उत्साहित किया जाएगा। 

निरंतर सामाजिक चेतना और जनहित ब्लॉग मीडिया में योगदान दें। हर दिन, हर हफ्ते, हर महीने या कभी-कभी इस शुभ कार्य के लिए आप जो भी राशि खर्च कर सकते हैं, उसे अवश्य ही खर्च करना चाहिए। आप इसे नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके आसानी से कर सकते हैं।

Monday 25 December 2023

शनि ने आपकी हर गतिविधि पर मानो सीसीटीवी लगा कर रखी

Sunday 24th December 2023 at 5:45 AM

वही CCTV  का Replay वह साढेसाती के दौरान करवाता है  


ज्योतिष की दुनिया से
: 25 दिसंबर 2023: (बिभाष मिश्रा//आराधना टाईम्ज़ डेस्क)::

शनि और आपका जीवन किस तरह संबंधित हैं और किस तरह पड़ता है यह बहुत सरल भी है लेकिन इसे समझना आसान भी नहीं। बहुत जागरूक रहना पड़ता है इन रहस्यों का भेद लिए। इसी मकसद से आज के इस पोस्ट में हम शनि ग्रह के स्वरूप को समझेंगे। 

आपको मालुम भी होगा कि नवग्रह में शनि को न्यायाधीश कहा गया है, शनि नवग्रह में सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह है, इसी वजह से इसका नाम शनिश्चर ... शनै  अर्थात धीरे... चर अथार्त चलने वाला ..यानी धीरे-धीरे चलने वाला॥ 

जातक के जीवन के तमाम कर्मो का लेखा-जोखा शनि के ही पास होता है...! जो परिणाम उसे शनि की महादशा या फिर साढेसाती में नजर आता है।  करता शनि कर्मों का  इन्साफ कर देता। है। 

शनि की महादशा भले ही बहुतो के जीवन में आए ना आए पर साढ़ेसाती अवश्य ही आती है।  बहुत कुछ  सीखा जाते हैं। 

शनि का प्रभाव एक मानव जीवन पर कितना है इसको हम यू समझते हैं-एक जातक के संपूर्ण जीवन में लगभग तीन बार उसे साढेसाती का सामना करना पड़ता है। 

(जब शनि का गोचर जन्म राशि से एक राशि पहले, जन्म राशि पर , और जन्म राशि से एक राशि बाद पर चले)

इसके बाद समय-समय पर ढैया भी आती है। 

(जब शनि का गोचर  जन्म राशि से चतुर्थ और जन्म राशि से अष्टम चले)

इसके बाद शनि की अंतर्दशा और प्रत्यंतर, सूक्ष्मदशा  और प्राणदशा भी है होती है।  

अब अगर शनि की महादशा किसी जातक के पूरे जीवन ना भी चले तो भी...

साढेसाती ...ढैया ...अंतर्दशा और प्रत्यंतर दशा, सूक्ष्मदशा और प्राण दशा मिला लिया जाए तो मानव के संपूर्ण जीवन पर लगभग 75% पर शनि अपना अधिकार रखता ही रखता है ॥।

अब नवग्रह पर और आपके जीवन पर शनि का क्या प्रभाव है इससे आप बेहतर समझ सकते हैं ॥।

इसलिए कहा जाता है कि आपके तमाम कर्मों का लेखा-जोखा शनि के पास है ...

यानी शनि ने आपकी हर गतिविधि पर मानो सीसीटीवी लगा कर रखी है ॥

और वही CCTV  का Replay वह साढेसाती के दौरान करवाता है  

अब आपकी कुंडली में शनि जिस स्थान का,  जिस जिस भाव का अधिपति है साढेसाती में उससे संबंधित प्रारब्ध को भोग करवाता है

उदाहरण के तौर पर किसी की वृश्चिक लग्न की कुंडली है तो वृश्चिक लग्न की कुंडली में शनि चतुर्थ भाव का स्वामी है तो साढेसाती के दौरान संभवत उसको गृहक्लेश,  मकान संबंधित विवाद या माता संबंधित या चतुर्थ भाव संबंधित तमाम प्रारब्ध को भोगना पड़े ॥।

किसी की कर्क लग्न या सिंह लग्न की कुंडली है तो वहां पर सप्तमेश शनि है तो उसे जीवन साथी, व्यापार संबंधित प्रारब्ध भोगना पड़े ॥।

कलयुग में लोग धड़ल्ले से पाप कर रहे हैं... उनकी सुबह से रात की तमाम गतिविधि ऐसी है... जिसे शनि को सख्त सख्त सख्त नफरत है ....

और शनि धारदार तलवार लिए ...आंखें लाल किए बैठा है ...और   और इंतजार करता है तो बस साढेसाती का...

और जब साढ़ेसाती में शनि की जब हंटर चलती है तो जातक त्राहिमाम त्राहिमाम करता है...

हकीकत में यह उसके ही किए गए कर्मों का फल होता है॥।

वहीं हमने कई जातकों को ऐसे भी देखा है जो साढेसाती में बुलंदी पर होते हैं...

शनि की महादशा चल रही है... शनि की साढ़ेसाती चल रही है पर एक मक्खी तक नहीं हिलता है ...

सवाल है कोई बाल भी बांका कर दे...

क्योंकि शनि जब साढेसाती के दौरान उसे न्याय के कटघरे में खड़ा करता है... तो वह जातक बा इज्जत बरी हो जाता है...

यानी  उसका कोई भी पाप शनि, प्रारब्ध और पहले का किया खराब कर्म शनि  को नहीं नजर आता है ...

तो शनि उसे आशीर्वाद प्रदान करते हैं... और शनि की आशीर्वाद ...

दीर्घायु... दीर्घायु ....दीर्घायु

ध्यान रहे शनि जड़ है ...पेड़ में पीपल सबसे मजबूत है... पीपल की जड़  दूर-दूर तक होती है ... इतना कि कई मकानों के अंदर तक चली जाती है ...शनि की सफलता भी  स्थायित्व होती है और उसकी सफलता कई पुश्ते भोगती है

शनि का प्रारब्ध हो ...या शनि का आशीर्वाद...उसको कई पुश्तों को भोगना पड़ता है

अगर शनि ने आशीर्वाद दिया तो इतना आलीशान मकान देगा जिसको कई वंश उसके सुख को भोगेंगे...

 ऐसी प्रणाली... ऐसी व्यवस्था देगा... जिसको कई पुश्त , दर पुश्त याद रखेंगे... क्योंकि शनि जड़ है और शनि की सफलता में  गजब का स्थायित्व होता है ॥।

शहर की मकान उतनी टिकाऊ नहीं होती... पर गांव का वह पुराना मिट्टी का मकान कई पुश्तों की निशानियां होती है...

वही पुराना मकान शनि है...

तमाम प्रकार के जमीन शनि है... जब शनि बलवान हो तो जातक जमींदार या गांव का मुखिया होता है ॥।

तमाम प्रकार के कोर्ट की न्याय प्रणाली... पुलिस प्रशासन की व्यवस्था...आपके सड़क नालों की साफ सफाई... तमाम प्रकार के न्यायिक प्रणाली पर शनि का अधिकार है ॥॥

खासकर ऐसे जातक जो बहुत ज्यादा दीर्घायु जीवन जीते हैं 100% शनि उनकी कुंडली में बलवान होती है... क्योंकि दीर्घायु शनि ही देता है ॥।

एक सज्जन जिनकी आयु लगभग 93 वर्ष की है... चर्चा के दौरान जब हमने उनसे पूछा तो उन्होंने आज से 50 वर्ष पूर्व अपने जमाने का समय बताया ....

कि उन जमाने में घर में मिट्टी के चूल्हे में रोटियां पकती थी, खेत में सब्जियां होती थी ...सरसों होते थे शुद्ध तेल निकाला जाता था ...और घर का ही भोजन खाया जाता था ...

कढ़ाई वर्ष में केवल दो बार  चूल्हे पर मां चढ़ाती थी...

 होली के वक्त और दशहरा के वक्त ...

यानी वर्ष में केवल चंद दिन  होली... दिवाली... दशहरे ...रक्षाबंधन ...या किसी की जन्मदिन में पूरी और पकवान मां खिलाती थी... और पूरे वर्ष हम सुखी रोटी ही खाते थे... तब जाकर आज 93 वर्षों तक सभी दांत सुरक्षित हैं ॥।

 आज के जमाने में सभी को हर दिन पकवान चाहिए...

 हर दिन बाहर का खाना चाहिए.... घर के खाने रोटी और चावल से बच्चे दूर हो रहे हैं... केएफसी स्विग्गी जोमैटो ने घर के किचन प्रणाली को चौपट कर दिया है...

 तो पेट और शरीर की क्या हालत होगा...

यानी तमाम प्रकार के प्रक्रिया फूड और  कलयुग पर राहु का प्रभाव है जिन्होंने आपके किचन... घर और पेट सबको चौपट कर दिया है ॥।

जबकि पुराने ख्यालात ...सादा खान पान के ऊपर शनि का प्रभाव है जो दीर्घायु जीवन का कारक है ॥॥

ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः

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Friday 22 December 2023

एस्ट्रोलॉजर इंदरप्रीत सिंह खुराना को मिला "राष्ट्र धर्म प्रहरी सम्मान" .

22nd December 2023 at 08:12 AM 

सहारनपुर में हुआ विशेष संत-सम्मेलन का  आयोजन 

श्री बाला जी सेना (भारत) तथा केसरिया जाग्रति वाहिनी के राष्ट्रीय सलाहकार भी हैं श्री खुराना 

प्रसिद्ध समाज सेवक होने के साथ साथ विश्वविख्यात ज्योतिषी होने का भी दावा 

संत श्री कमल किशोर जी ने करवाया सहारनपुर उत्तर प्रदेश में महा संत सम्मेलन

इस सम्मेलन में हुई  वेद, प्राच्या विद्या, आयुर्वेद एवं ज्योतिष की परिचर्चा


सहारनपुर
: (उत्तर प्रदेश):22 दिसंबर 2023: (
आराधना टाईम्ज़ ब्यूरो)::

धर्मकर्म और इससे जुडी अन्य विद्याओं को लेकर आयोजनों का सिलसिला जारी है। इसी तरह का एक सम्मेलन सहारन पुर में भी करवाया गया। मुख्य आयोजक आचार्य महा मंडलेश्वर पूजनीय संत श्री कमल किशोर जी महाराज दिव्या शक्ति अखाडा ट्रस्ट (पंजी.) थे। उन्होंने श्री राजन स्वामी जी के साथ मिल कर तीन दिवसीय निशुल्क वेद प्राच्या विद्या एवं संत सम्मेलन का आयोजन 15 ,16 ,17 दिसंबर 2023 को श्री प्राणनाथ ज्ञानपीठ ट्रस्ट नकुड़ रोड ,सरसावा, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश में करवाया।

इस ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन में पुरे भारत से 200 से ज्यादा ज्योतिषी, आयुर्वेदिक डॉक्टर,समाज सेवक, संत समाज से संत महा पुरुष ,महा मंडलेश्वर ,धार्मिक ,धर्म ,ज्योतिष , आयुर्वेद ,ज्ञान चर्चा ,महा संत सम्मेलन में शामिल हुए। इस अवसर पर धर्म,सामाजिक ,राजनितिक , ज्योतिष के छेत्र में कार्य सेवाएं देने के लिए पंजाब के लुधियाना  शहर के रहने वाले जानेमाने ज्योतिषी व् प्रसिद्ध समाज सेवक इंदरप्रीत सिंह खुराना को " राष्ट्र धर्म प्रहरी सम्मान" दे कर सम्मानित किया गया। 

 इस सम्मान में अंगवस्त्र ,ज्योतिष की किताबों का खास पुरस्कार, सर्टिफिकेट,फूल माला,और बहुत से उपहार दे कर सम्मानित किया गया। गौर तलब है कि इस वक़्त खुराना जी श्री बाला जी सेना (भारत) बरेली उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय सलाहकार, केसरिया जाग्रति वाहिनी भोपाल मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय सलाहकार,पंच तत्व स्पिरिचुअल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट कुरुक्षेत्र हरियाणा के राष्ट्रीय सलाहकार, नक्षत्रा 27 रिसर्च सेंटर फॉर एस्ट्रोजिकल साइंस चंडीगढ़ के राष्ट्रीय सलाहकार और वयोम इंटरनेशनल ऑस्ट्रेलिया के इंटरनेशनल सलाहकार के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे रहे है। 

इस धार्मिक महा संतसम्मेलन में अनंत विभूषित महंत श्री रविन्दरपुरी महाराज तथा बाबा निरंजन नाथ अवधूत  मुख्या मेहमान के तौर पर सब विद्वानों को आशीर्वाद व् सम्मान देने के लिए इस धार्मिक आयोजन में खास तोर पर शामिल हुए।  इस अवसर पर खुराना के साथ उनके सभी साथिओ को भी सम्मानित किया गया जिनमें आचार्य जगदीश वेदी कोटा राजस्थान,राजीव बंसल जीरकपुर,मनोज गुप्ता दिल्ली, एडवोकेट ऋतू सूद चंडीगढ़, प्रसिद्ध समाज सेवक व् भारतीय जनता पार्टी की सीनियर लीडर आदरणीय यशोधा कोश्यारी चंडीगढ़, कोमल आसरा दिल्ली, अर्चना कपूर पंचकूला हरियाणा,आचार्य महेश जैन दिल्ली, एडवोकेट सुनील त्रिपाठी राजस्थान, करनैल सिंह कँवल पटिआला ,नलिन कुमार जोशी जी मुम्बई सबको विशेष तोर पर सम्मानित किया गया। 

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Saturday 16 December 2023

महाराजा अज्ज सरोवर पर स्थापित होगी भगवान राम की प्रतिमा

16th December 2023 at 6:48 PM

यह प्रतिमा अयोध्या में स्थापित प्रतिमा की प्रतिकृति होगी

*कैबिनेट मंत्री अनमोल गगन मान की घोषणा से इलाके में उत्साह 

*बहुत ही ऐतिहासिक महत्व का है यह स्थल 

*इस स्थल पर चल रहे नवीकरण कार्य का जायजा लिया। 

*जायज़े के मकसद से महाराजा अज्ज सरोवर स्थल का दौरा किया

*खरड़ का प्रतिष्ठित नहरी जलापूर्ति प्रोजेक्ट जल्द तैयार होगा

*खरड़ को नया रूप देने और स्वागत द्वार के साथ मॉडल शहर बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई


खरड़
//एस.ए.एस. नगर: 16 दिसंबर 2023: (कार्तिका कल्याणी सिंह//आराधना टाईम्स डेस्क)::

त्रेता युग की स्मृतियों का स्मरण करने वाले महाराजा आज सरोवर स्मारक का कायाकल्प करने के लिए तैयारियां तेज़ी से जारी हैं। भगवान राम के दादा महाराजा अज की तरफ से बनाए गए सरोवर को अब फिर से पूरी शानोशौकत से आम जनता के सामने लाया जाएगा। पंजाब के पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुश्री अनमोल गगन मान ने कहा कि पंजाब की भगवंत सिंह मान सरकार जल्द ही ऐतिहासिक शहर खरड़ को एक मॉडल शहर में बदल देगी।

इसी सिलसिले में पर्यटन विभाग द्वारा महाराजा अज्ज सरोवर के चल रहे नवीकरण कार्यों का दौरा करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए, पर्यटन मंत्री ने श्री राम मंदिर महाराजा अज्ज सरोवर विकास समिति के पदाधिकारियों को आश्वासन दिया कि ऐतिहासिक सरोवर आध्यात्मिक प्रेरणा के साथ-साथ एक विरासती पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि यहां स्थापित की जाने वाली भगवान राम चंद्र जी की प्रतिमा की ऊंचाई पहले से प्रस्तावित 18 फीट से बढ़ाकर 118 फीट की जाएगी ताकि हर राहगीर खरड़ शहर के राष्ट्रीय राजमार्ग फ्लाईओवर क्रॉसिंग से इसे देख सके। उन्होंने आगे कहा कि यह मूर्ति अयोध्या में स्थापित भगवान राम चंद्रजी की मूर्ति की प्रतिकृति होगी।

उन्होंने कहा कि रेस्तरां, फव्वारे, हेरिटेज लाइटें, झील के पानी में 10 नावें, भव्य स्वागत साइनबोर्ड, फूलदार पौधे और सजावटी पेड़, ओपन जिम, रोलर कोस्टर, खिलौना ट्रेन आदि स्थापित कर इस स्थान का धार्मिक दृष्टि से विकास करने के साथ साथ, इसे बच्चों और अन्य लोगों के लिए मनोरंजन केंद्र के रूप में भी विकसित किया जाएगा।

खरड़ को अपनी राजनीतिक जन्मभूमि बताते हुए पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री ने आगे कहा कि खरड़ के लोगों ने उन्हें राजनीतिक क्षेत्र में जो पहचान दी है, उसके लिए वह हमेशा उनके आभारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि अब खरड़ के लोगों के लिए यह उनका कर्तव्य है कि वे ईमानदारी और मेहनत से इस ऐतिहासिक शहर का सर्वांगीण विकास करें। उन्होंने कहा कि सुंदर और विशाल स्वागत द्वार, बाजारों का हेरिटेज लुक, शहर की साफ-सफाई के अलावा दर्पण सिटी का कूड़ा निस्तारण उनका मुख्य एजेंडा है।

उन्होंने कहा कि 100 करोड़ रुपये की सतही जल परियोजना (कजौली से) पिछले सप्ताह ही शुरू की गई है। पिछले कई सालों से निर्माण की शक्ल नहीं देख पाने वाले नए बस स्टैंड के निर्माण को कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री स.भगवंत सिंह मान ने हरी झंडी दे दी है।

उन्होंने आगे कहा कि शहर को नया लुक देने के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी के अलावा टाउन प्लानर की भी नियुक्ति की जा रही है।

 इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में एस डी एम गुरमंदर सिंह, डी एस पी करण सिंह संधू, ई ओ एम सी खरड़ मनवीर सिंह गिल, श्री राम मंदिर महाराजा अज्ज सरोवर विकास समिति के पदाधिकारी सुदर्शन वर्मा, अशोक शर्मा, जे पी धीमान और शशि पाल जैन के अलावा राम स्वरूप और डॉ. विनीत जैन बिट्टू (दोनों पार्षद) और हाकम सिंह के नाम उल्लेखनीय हैं।

इस संबंध में मिलते विवरण के मुताबिक अज्ज सरोवर ,खरड-मोहाली सड़क, पंजाब, भारत में बेहद लोकप्रिय है। । "अज सरोवर" श्री राम चंद्र जी के दादा , महाराजा अज ने बनवाया था जिनके नाम पर ही इसका नाम अज्ज सरोवर पड़ा। इसकी विशालता और विराटता इसकी भव्यता का अहसास दिलाती है। इसे देख कर पता चलता है कि किसी समय इसकी भवजट बहुत चर्चित रही होगी। इसके पास से गुज़रो तो इसका माहौल 

आज भी इसे जहाँ लोगों ने याद  रखा वहीँ अब शासन प्रशासन से जुड़े लोग भी इसकी पुरानी शानोशौकत को फिर से सामने लेन के प्रयास में हैं।  करने की  सक्रिय हो रहा है। अज सरोवर (पंजाबी उच्चारण:अज्ज सरोवर) भारत के पंजाब राज्य के जिला एस.ए.एस.नगर (मोहाली) के खरड़ नगर कौंसल में एक धार्मिक एंव इतिहासक स्थान है। इसके साथ ही एक एतिहासिक मंदिर चिंता हरण मंदिर भी है। अज्ज सरोवर इस मंदिर के साथ बना हुआ है। इस मंदिर और सरोवर के बारे में यह बात प्रचलित है कि इस मंदिर और सरोवर का निर्माण भारत के प्राचीन राजा महाराज अज,जो श्री राम रामचन्द्र जी के दादा थे , ने किया था। अज्ज सरोवर मोहाली खरड़ सड़क पर स्थित है। इस सरोवर के लिए 15 एकड़ स्थान उपलब्ध है पर इस समय सरोवर की स्थिति ठीक नहीं है। यहाँ घास फूस उगा हुआ है और सरोवर के लिए पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। सरोवर की दशा सुधारने के लिए समय समय पर  माँग भी की जाती रही है। इस मकसद के लिए योजनाएं भी बनती रहीं और एलान भी होते रहे। 


कांग्रेस पार्टी वाली चन्नी सरकार ने भी
इसी दिशा में विशेष पहल दिखाई थी। काम भी शुरू हुआ था लेकिन उस सरकार को ज़्यादा वक़्त ही नहीं मिल पाया। अब मान सरकार भी इस दिशा में नए जोश और उत्साह के साथ अग्रसर हो रही है। इस दिशा में उठाए जा रहे कदमों को लेकर खरड़ का राम प्रेमी जनमानस बहुत उत्साहित है। भगवान राम जी के पूर्वजों की इस निशानी को भव्य रूप मिलने के इस अभियान से हर तरफ ख़ुशी की लहर है। उम्मीद है कि जल्द ही इस सरोवर का विशेष नया रूप सामने आएगा।  

इसके सम्मान का भी विशेष ध्यान रखा जाता रहा। सन 1926 में उस समय के अम्बाला मण्डल की रोपड़ सब-डिवीजन (जिसके अधीन यह क्षेत्र आता तह ) में नियुक्त सब-डिविजनल अधिकारी जे डबलियू फेअरलिए ने एक आदेश जारी कर कर इस सरोवर में नाव चलाने और मछली पकड़ने की मनाही की थी क्योंकि इस को धार्मिक और ऐतिहासक दर्जा प्राप्त था।

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