18 नवंबर 2023 सुबह 08:25 बजे व्हाट्सएप
राहू की माया और रहस्यों की चर्चा कर रहे हैं बिभाष मिश्रा
जमशेदपुर: (झारखंड): 18 नवंबर 2023: (आराधना टाइम्स ज्योतिष डेस्क)::
राहु, केतु, साढ़ेसाती जैसे कई मुद्दों को लेकर लोग परेशान हैं। आख़िर ये पूरा मामला क्या है? इन मुद्दों का वैज्ञानिक पहलू एवं समुचित समाधान कैसे संभव है? कुछ लोग इन बातों पर खुलेआम विश्वास करते हैं तो कुछ लोग छुपकर।इस क्षेत्र में दिलचस्पी रखने वाले जिज्ञासुयों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण यह क्षेत्र एक बड़ा उद्योग बन गया है। हम आप तक प्रामाणिक जानकारी पहुंचाने की पूरी कोशिश करेंगे। इस प्रायोजन के लिए इस क्षेत्र के विशेषज्ञों से नियमित रूप से परामर्श लिया जाता है। इस बार हम बात कर रहे हैं राहु की. राहु को लेकर लोगों के मन में बहुत डर, भ्रम और भ्रांति है जबकि वास्तविकता के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इस बार हम आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं झारखंड के प्रसिद्ध ज्योतिष विशेषज्ञ बिभाष मिश्रा का एक विशेष लेख जिसमें राहु के बारे में कई गलतफहमियां दूर की गई हैं। ज्योतिष में रुचि रखने वालों के लिए राहू की अत्यंत सार्थक व्याख्या अत्यंत ज्ञानवर्धक होगी। -कार्तिका कल्याणी सिंह (समन्वय संपादक)
आज की इस पोस्ट में हम राहु ग्रह के गति के बारे में चर्चा करेंगे
इसका मिसाल को हम ऐसे समझते हैं
इसके साथ-साथ आपके पास एक प्राइवेट प्लेन भी है.. सीट फटी हुई है ,सीटों में खटमल लगी है , जेट का पेंट भी उखड़ा हुआ है... यानी पूरी पुरानी अवस्था में है ...सिर्फ इंजन ही सही से काम करता है ॥
अब यह बताइए कि गंतव्य तक पहुंचना हो तो डेढ़ करोड़ की मर्सिडीज़ काम करेगी या पुरानी प्राइवेट प्लेन ॥
मर्सिडीज़ कितनी भी महंगी हो, पर चलना उसे सड़क में ही है....
और सड़क पर चलने के क्रम में अगर ट्रैफिक जाम हो जाए तो मर्सिडीज़ आसमान में उड़ नहीं सकती ...
या अगर गड्ढे और उबर खाबड़ आए तो मर्सिडीज़ का टायर कितना भी अच्छे कंपनी का हो वह जर्किंग करेगा ही...
और अगर जबरदस्त ट्रैफिक हो तो वही खड़ी रहेगी आपकी डेढ़ करोड़ की मर्सिडीज़...
आप कितना भी रो ले ..चिल्ला ले.. कि आपके पास डेढ़ करोड़ की मर्सिडीज़ है.. आपको पहले जाने दिया जाए ..
फिर भी कोई सुनवाई नहीं.. और ट्रैफिक जाम में आपके ठीक आगे एक ठेला या ऑटो रिक्शा ही क्यों न खड़ा हो आपको कतार में उसके पीछे ही खड़ा रहना पड़ेगा ॥।
क्योंकि मर्सिडीज़ कितनी भी महंगी क्यों ना हो चलना उसे सड़क पर ही है ...
और हवाई जहाज कितना भी पुराना क्यों न हो उसे उड़ना आसमान में है ....
जहां ना तो कोई ट्रैफिक है... ना उबड़-खाबड़ भरी सड़क...
आसमान को चीरता हुआ अकेला बेताज बादशाह...
अब उपरोक्त उदाहरण को ग्रह से समझने की कोशिश करते हैं
आपके पास कोई ग्रह कितना ही क्यों ना बली हो चाहे वह शुक्र हो चाहे गुरु हो चाहे बुद्ध हो.... और उसकी महादशा चल रही हो तो वह आपके पास शोभा रूपी डेढ़ करोड़ की मर्सिडीज़ ही है...
जो केवल शोभा रूपी खूबसूरत है... पर चलेगी वह सड़क पर और एक बार ट्रैफिक जाम लग गया तो उसे वहां रुकना पड़ेगा...
यानी उसे बड़े-बड़े ग्रहों की अपनी एक सीमा है...
और आपकी कुंडली में पड़ा एकांत में राहु... कितनी भी फटे हालत में क्यों ना हो पर याद रखें उसे उड़ना आसमान में है...
लेखक जानेमाने ज्योतिष विशेषज्ञ बिभाष मिश्रा |
उसे तो आजाद पंछी की तरह खुले आसमान को चीरता हुआ आपकी मंजिल को पहुंचाना है...
शायद इसलिए कहा जाता है कि बाकी के ग्रह अपनी महादशा में जो काम करने की सोचेंगे... तब तक राहु उसे अपनी महादशा में करके बैठ चुका रहेगा। ॥।
हमने बड़े-बड़े प्रसिद्ध संगीतकार, क्रिकेटर ...सरकारी पद पर उच्च अधिकारी की कुंडलिया देखी है... सभी ने अपनी सफलता राहु की महादशा में ही हासिल की है ॥।
वह काम जो आपकी सोच से पड़े हैं वह असंभव सा काम राहु है...
एक छैनी और एक हथौड़ी लेकर 22 साल तक बड़े पहाड़ को तोड़कर रास्ता बना देना राहु है...
पेड़ से सेब का जमीन पर गिरना... और उसे पर शोध करके गुरुत्वाकर्षण की खोज करना राहु है ॥।
ऐसी सुख जिसकी आपने कल्पना भी ना कि हो राहु है...
ग्लैमर से भरा जबरदस्त लाइफस्टाइल बड़े-बड़े क्रिकेटरों का लाइफस्टाइल 100% राहु है ॥।
एक क्रिकेटर मंगल की महादशा में क्रिकेट खेलना शुरू करता है मंगल खेल का कारक है
राहु की 18 वर्ष की महादशा में वह चरम स्थिति पर होता है राहु प्रसिद्धि और ग्लैमर का कारक है
राहु की महादशा के अंत चरण में वह रिटायरमेंट लेता है
चंद वर्षों में वह कोच और प्रशिक्षण पद पर नियुक्त होता है जब उसकी गुरु की महादशा चल रही होती है गुरु सभी प्रकार के प्रशिक्षण का कोचिंग का कारक है ॥।
कभी-कभी उसे राजनीति का भी अवसर प्राप्त होता है और वह बदनामी , हार या बाकी चीजों को भी उसे झेलना पड़ता है जब उसकी शनि की महादशा चल रही होती है ॥
इस प्रकार भिन्न-भिन्न महादशा में अलग-अलग किरदार के रूप में वह अपने किरदार को बखूबी से निभाता है
पर तमाम किरदारों में जो उसका स्वर्णिम युग रहा होता है.. वह राहु की महादशा होती है... यानी राहु व प्लेटफार्म सेट करता है जिसका फायदा उसे बाकी की महादशा में मिलता है
आपके जीवन में वह घटना जो अचानक घटती है.. चाहे वह अच्छी हो चाहे बुरी हो... वह घटना जो आपके जीवन को पूरी तरीका से पलट कर रख दे, का कारक राहु है ॥।
अब बात यह आती है कि राहु की राजयोग कारक की स्थिति सबसे अच्छी कब बनती है
जब आपकी कुंडली में राहु तृतीय भाव में हो या आपकी कुंडली में राहु एकादश भाव में हो...
और राहु की सबसे राजयोगी स्थिति तब होती है जब राहु अपने खुद के नक्षत्र आर्द्रा.. शतभिषा .. स्वाति का बैठा हो
तीनों नक्षत्र ही राहु के अपने हैं ...पर इसमें शतभिषा में तो कमाल का प्रभाव दिखाता है ॥।
तीनों नक्षत्र में शतभिषा उसकी धर्मपत्नी के स्वरूप है, आद्रा उसका पुत्र जबकि स्वाति उसकी पुत्री स्वरूप है...
जाहिर है कोई भोगी व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ बेहद खुश रहता है... इसलिए राहु भी अगर शतभिषा का हो तो कमाल का प्रभाव दिखाता है..
यह बहुत मायने में नहीं है कि राहु किस राशि में बैठा हो या बेहद महत्वपूर्ण है कि राहु किस नक्षत्र में बैठा है...
अगर इसका संबंध लग्नेश के नक्षत्र के साथ हो... धनेश और लाभेश के नक्षत्र के साथ हो... पंचमेश और भाग्येश के नक्षत्र के साथ हो...
या कुंडली के तृतीय भाव या एकादश भाव में बैठा हो..
साथ में शतभिषा आद्रा या स्वाति नक्षत्र में बैठ जाए तब जरा देखें अपनी महादशा में यह क्या करके दिखाता है ॥।
राहु धैर्य के परिचय का कारक है..
सिर्फ दांत में दांत दबा के धैर्य के साथ टिके रहे... फिर देखे राहू अपनी महादशा में इतिहास रचा देगा ॥।
Er. Bibhash Mishra
Research Scholar
Astrologer Consultant
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