Wednesday 22 June 2022

नारी भोग की वस्तु नहीं योग का अवतार है-दिव्य ज्योति जागृति संस्थान

 22nd June 2022 at 3:02 PM

 कैलाश नगर आश्रम में हुआ महिलाओं के लिए विशेष योग आयोजन  


लुधियाना
: 22 जून 2022: (आराधना टाईम्ज़ ब्यूरो)::

योग की लोकप्रियता दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही है। ऐसे ट्रेंड और माहौल में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान ने एक विशेष शिविर आयोजित किया जिसमें महिलाओं के लिए योग के गहरे गुर सिखाए गए। 

दिव्य ज्योति जागृती संस्थान के सामाजिक प्रकल्प संतुलन के तहत अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में कैलाश नगर आश्रम में एक दिवसीय योग शिविर का आयोजन किया गया | जिसमें विभिन्न प्रकार के योगासन जैसे भुजंगासन, नौकासन, तितली आसन, गौमुख आसन, वृक्ष आसन, धनुरासन, वीरभद्र आसन एवं अनुलोम विलोम, कपाल भाती, नाड़ी शोधन आदि प्राणायाम करवाए गये और इन सभी आसनों एवं प्राणयाम के विभिन्न लाभों के बारे में बताया |

इस अवसर पर उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए साध्वी वीरेशा भारती जी ने बताया कि प्राचीन भारतीय ज्ञान में योग बहुत अधिक महत्व रखता है । यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने का एक उत्तम साधन है बल्कि मनुष्यों को मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर कारगर पद्धति को  प्रदान करता है । योग की उत्पत्ति ऋषि पतंजलि द्वारा दिए गए “पतंजलि योग सूत्र " से हुई है । योग , जैसा कि नाम से ही समझ आ जाता है की एक ऐसी पद्धिति है जिससे शरीर , मन , और आत्मा में समरसता की स्थापना की जा सके । यह न केवल शरीर को स्वस्थ , लचीला और विषाणुओ के विरुद्ध प्रतिरक्षा प्रदान करता है , बल्कि हमारे मन को भी एकाग्रता एंव तदनुसार कार्य करने के लिए भी मार्गदर्शन करता है । 

साध्वी जी ने योग के महत्व को बताते हुए कहा कि शिव संहिता में मुख्यतः 84 प्रकार के  योगासनों का वर्णन हैं जिन्हें हर वर्ग का व्यक्ति कर सकता है | प्रत्येक व्यक्ति को शारीरिक एंव मानसिक स्वास्थ्य को प्राप्त करने के लिए हर रोज योग करना चाहिए |

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