Monday 10 April 2023

क्या आर्थिक बराबरी के बिना कारगर होंगें आनंद उत्सव के गुर?

श्री दुर्गा माता मंदिर में बताए गए आनंद के गुर और रास्ते 
लुधियाना: 10 अप्रैल 2023: (रेक्टर कथूरिया//आराधना टाईम्ज़ डेस्क)::
महंगाई, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार, अमन कानून इत्यादि बहुत सी समस्याएं हैं जिनके चलते आम इंसान का जीना लगातार मुश्किल होता जा रहा है। गरीब और माध्यम वर्ग सबसे अधिक दुःख में है। खर्चे बढ़ते जा रहे हैं और आमदन काम होती जा रही है। इनकी मुसीबतों का अनुमान लगाना बेहद नामुमकिन जैसा ही है। मल्टीनेशनल  कंपनीओं के माया जाल ने इन लोगों को बुरी तरह चक्रव्यूह में फांस रखा है। शायद ही कोई घर परिवार हो जिसने कर्ज़ा न ले रखा हो। क़र्ज़ की किस्तों, कारोबार के झमेलों और परिवार की ज़िम्मेदारियों तले दबे हुए इन लोगों के लिए सुख सुविधा और आनंद एक सपने की बात बन कर रह गए हैं। ज़िंदगी बोझ और सज़ा लगती है। पूछने पर ऑंखें भर आती हैं और कहते हैं किसी तरह जून कट जाए। कृष्ण बिहारी नूर साहिब की पंक्तियाँ याद आती हैं:
ज़िंदगी से बड़ी सज़ा ही नहीं:और क्या जुर्म है पता ही नहीं! 

दूसरी तरफ अमीर वर्ग के भी अपने दुःख हैं। तिजोरियां कैसे और भरी जाएं। पर्तिस्पर्धा में दूसरों के कारोबारी संतानों का टेकओवर कैसे किया जाए जैसी बहुत सी चिंताएं उन्हें भी घेरि रखती हैं। नई फैक्ट्रियां कैसे खोली जाएं? नई ज़मीनें और बंगले कैसे बनाए जाएं? मीडिया में एक विवरण आया था कि एक बहुत बड़े अमीर की टॉयलेट सीट भी सोने की बानी हुई है लेकिन फिर भी उसे पैसे कमाने की होड़ से फ़ुरसत नहीं है। इस तरह इन अमीर लोगों के पास हर सुख सुविधा तो है लेकिन आनंद  बिलकुल भी नहीं है। इनको सपने भी केवल पैसा कमाने के ही आते हैं। पैसा कमाने की दौड़ ने इन्हें पागल कर रखा है। अमीर, गरीब और मध्यवर्ग से सबंधित इन तीनों वर्गों के इलावा राजनीति से जुड़े लोगों का भी एक वर्ग है जिसे इन सबसे अधिक चिंताएं हैं। अनगिनत किस्म के जोड़तोड़ हर पर दिल दिमाग में घुमते रहते हैं। 

धर्मकर्म से जुड़े वर्ग भी अपनी चिंताओं में हैं। सोशल मीडिया में अधिक से अधिक चर्चा और चढ़ावे  की बातें उनकी शांति को भी भंग किए रखती हैं। इससे से भी अधिक शोषित और चींटी वर्ग मीडिया से जुड़े लोगों का है। हर पल देश और दुनिया की चिंता जिस के चक्कर में अपने घर बार की दाल रोटी का प्रबंध भी भूल जाता है। कुल मिलकर हर वर्ग दुःख की चक्की में पिस रहा है। 

इस तरह बहुत से लोग ऐसे हैं जिनके पास सब कुछ है लेकिन आनंद की ज़रा से भी झलक नहीं हैं। ऐसे लोगों को आनंद का रास्ता बताने के लिए एक विशेष आयोजन जगराओं पुल  लुधियाना के नज़दीक स्थित श्री दुर्गा माता मंदिर में हुआ।

इन सभी की चिंता की जानेमाने समाज सेवी कुंवर रंजन सिंह ने जो किसी समय थिएटर और फिल्म जगत से भी जुड़े रहे। बाद में खुल कर सियासत में आ गए। बहुत देर वाम और कांग्रेस के साथ भी रहे। एना हज़ारे आंदोलन को भी बहुत सक्रिय हो कर नज़दीक से देखा। फिर इन्हें लगा कि बेचारे आम लोगों को नारेबाजी के सिवा कुछ नहीं  मिल रहा। मिल तो कुछ वहीं से सकता है जिसके खज़ाने में कुछ हो। कुछ हिम्मत की नाज़ा सोचा। कुछ बातें भी तय हुई और खुल कर बी जे पी के हो गए। वाम वालों के साथ रह कर भी कुंवर रंजन साहिब को धर्मकर्म याद था और अब उसकी यादें और शिद्द्त से आने लगी हैं। कला और साहित्य पर उनकी कमांड पहले से ही है। 

श्री दुर्गा माता मंदिर में हुए आयोजन के सबसे अधिक सक्रिय और गतिशील प्रबंधक कुंवर रंजन ही थे। बीजेपी से जुडी नेत्री राशि अग्रवाल भी वहां मौजूद रहीं और हर वक्त का एक एक शब्द बहुत ध्यान से सुना। भारती सचदेवा सहित कुछ और वक्त भी थे जिन्होंने बहुत ही मधुर अंदाज़ में अपने विचार रखे और वहां मौजूद श्रोतायों//दर्शकों को आनंद लेने के गुर भी समझाए। हाल में मंदिर की घंटियां बीच बीच में बज उठतीं थी और कभी कभी शंख की आवाज़ भी गूंजने लगती लेकिन कुल मिलकर आनंद के सूत्र बहुत गहनता से समझे जा रहे थे। मंच से जानीमानी एंकर कमलेश गुप्ता इस सारे आयोजन का संचालन बहुत ही खूबसूरत अंदाज़ में कर रहीं थी। रेडियों और टीवी की दुनिया का अनुभव उनके अंदाज़ को हरा आयोजन में एक नया रूप देता है। आनंदमय जीवन के गुर बताने वाले इस आयोजन में कई प्रमुख वक्त थे और उनकी अनमोल बातें भी। 

"आनन्दमय जीवन की और .. " दो दिवसीय सेमिनार ने छोड़ा श्रोताओं के दिलो दिमाग पर अमिट छाप।श्री दुर्गा माता मन्दिर ट्रस्ट द्वारा आयोजित दो दिवसीय सेमिनार भारी उत्साह एवं सकारात्मकता के फ़ैलाव के साथ सम्पन्न हुआ. शहर के प्रबुद्ध जनों मे चारों ओर इसकी चर्चा आम हो रही है. सभी वक्ताओं ने सेमिनार के मुख्य बिन्दु  स्वस्थ्य शरीर, सकारात्मक विचार, सद्कर्म एवं परमात्मा से जुड़ाव पर गहन चर्चा की.

स्वामी पुनीत जी, भाई अनिल भारती जी, कुंवर रंजन जी, रोशन लाल आर्यों जी, डा.लोकेश जी सुनील त्रिखा जी, विवेक श्रिवास्तव जी और रचना गुप्ता जी से अनंत बहूमूल्य विचार सुनने को मिले। सभी के मन के सुर मंच से मिले हुए the .उनके दिल कीबातें जो हो रहीं थी .सभी के चेहरे पर एक असीम शांति भी थी।  

सभी  श्रोताओं ने सभी वक्ताओं के विचार को बहुत ध्यान से सुना और संतुष्ट जीवन जीने के लिए बताये रास्ते पर चलने का संकल्प लिया.इस कार्यक्रम मे सैकड़ों की संख्या मे लुधियानावासी शामिल होकर भरपुर आनंद उठाया एवं मंदिर कमिटी से आगे भी ऐसे आयोजन कराते रहने की अपील की.ट्रस्ट के वाईस चेयरमैन श्री वरिन्दर मित्तल जी ने आये हुये गण मान्यों का धन्यवाद किया .इस कार्यक्रम का मंच संचालिका श्री मति कमलेश गुप्ता जी ने की. इस मौके पर बहुत से  प्रमुख व्यक्ति मौजूद रहे। 

इस सारे आयोजन में सबसे अधिक महत्मवपूर्हण भूमिका श्री दुर्गा माता मन्दिर ट्रस्ट के वाईस चेयरमैन श्री वरिन्दर मित्तल जी की रही। उन्होंने ही इस सारे आयोजन की सफलता के लिए इतनी बड़ी टीम को जोड़ा और इसे सफल करके भी दिखाया। सेमिनार के अंत में सभी लोग चाह रहे थे कि अब इसी तरह का आयोजन जल्दी हो। सुश्री राशी अग्रवाल ने तो सुझाव भी दिया कि हर महीने ऐसे आयोजन हों तो और भी अच्छा हूँ। 

इस आयोजन में शायरी का रंग भी था, भक्ति रस भी और जीवन जीने के फलसफे का रंग भी। सुश्री राशि अग्रवाल, भारती  सचदेवा के साथ  कुंवर रंजन ने इस सरे कार्यक्रम को एक सूत्र में बांधे रखा। कार्यक्रम में पूनम सपरा जैसी वशिष्ठ प्रोफेसर भी मौजूद रहीं। आयोजन में महिलाओं की मौजूदगी शायद पुरुषों से अधिक थी। केवल मौजूदगी ही नहीं थी बल्कि यह मौजूदगी पूरी तरह से सतर्क ध्यान वाली थी। इस यादगारी आयोजन ने सभी के दिलों पर एक अमित छाप छोड़ी खबर के साथ आप एक संक्षिप्त सी कैमरा रिपोर्ट भी देख सकते हैं।  

लेकिन यह  सवाल फिर भी कायम है कि क्या आर्थिक खुशहाली और आर्थिक बराबरी के बिना केवल उपदेश से आनंद का उत्सव हर किसी के लिए सम्भव हो भी सकेगा?
बहुत से लोग हैं जिन के पास दो वक्त की रोटी का प्रबंध भी नहीं हो पाता। परिवार का निर्बाह और कई बार तो अकेले अपना निर्बाह भी आज के युग में बहुत कठिन हो गया है। 

दूसरी तरफ बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिनके पास बेशुमार दौलत है लेकिन इसके बावजूद वे परेशान हैं। वे और अधिक पैसा कमाने की दौड़ में दिन रात पागल हुए रहते हैं। 

इस तरह की जीवन शैली ने बहुत सी समस्याएं पैदा कर दी हैं जिनके परिणाम स्वरूप अलग अलग बीमारियों का भयानक रूप सामने आ रहा है। 

इस तरह के सभी लोगों को ज़रूरत है आनंदमय जीवन के कुछ कारगर सूत्र बताने की। इसी तरह के विशेष सूत्र बताने के लिए ही आयोजित हुआ श्री दुर्गा माता मंदिर में एक विशेष आयोजन। देखिए एक कैमरा रिपोर्ट और इस सेमिनार में हुई चर्चा की विस्तृत स्टोरी पढ़ने के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं। https://aradhanatimes.blogspot.com/2023/04/blog-post.html



पूजा, अर्चना और भक्ति मार्ग से जुड़े सभी मित्रों से निवेदन है कि आराधना टाईमज़ से जुडीए और अपने आयोजनों की कवरेज को दूर दराज के स्थानों पर  बैठे अन्य लोगों तक पहुंचाइये ---


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