निर्जला एकादशी के अवसर पर भी दिखा इसका पालन
आध्यात्मिक साधना की दुनिया: 16 फरवरी 2023: (कार्तिका सिंह//आराधना टाइम्स)::
आनंद मार्ग में सभी एकादशी पर्वों//दिनों का उपवास रखा जाता है जो आम तौर पर 25 से 27 घंटे तक का उपवास होता ही है। इस बार का उपवास निर्जला एकादशी 16 फरवरी 2023 को है। इस दिन भी सभी साधक उपवास रखेंगे।
उपवास की याद दिलाते समय स्पष्ट बताया जाता है कि कुछ बातों कोण्याद रखना जरूरी है। ध्यान रहे-एकादशी के दिन, केवल गुर्दे की पथरी/पित्ताशय की पथरी/बीमार रोगी केवल नींबू नमक पानी पी कर एकादशी का पालन करेंगे।
ब्लड प्रेशर के मरीज सिर्फ पानी पी कर उपवास करेंगे। निम्न रक्तचाप के रोगियों के लिए दूध और फलों के रस की अनुमति है।
मधुमेह के रोगियों के लिए नींबू के रस और फलों के रस की अनुमति है। इस तरह कुछ विशेष प्रस्थितियों में आवश्यक छूट भी दी जाती है ताकि किसी पर भी इस अनुशासन की पालना करते समय कोई दुष्प्रभाव न पड़े।
लेकिन बाकी सभी को इस अनुशासन पालन सख्ती से करना होता है। बिना पानी के एकादशी के उपवास का पालन करना चाहिए। अत्यधिक बीमार रोगी केवल फल और दुग्ध उत्पाद ही ले सकते हैं।
एकादशी पर ठोस भोजन की अनुमति नहीं है (यह निर्देश Caryacarya और योगिक चिकित्सा पुस्तकों में छपे बाबा के प्रवचनों पर आधारित है)
गौरतलब है कि आनंदमार्ग में मेडिटेशन, योग साधना और तंत्र साधना का विशेष महत्व है। यम नियम के पालन पर बहुत जोर दिया जाता है। उच्च नैतिक जीवन शैली को बार बार याद दिलाया जाता है। दशकों पहले आनंद मार्ग ने जो नारे उठाए उनमें सबसे प्रमुख था कि बी मोरालिस्ट अर्थात नैतिक बनो। देखने को साधारण सा स्लोगन लगता है लेकिन इस में गहरी बातें छिपी हैं सारी उम्र जिनका पालन करते साधक को ज़िंदगी संवर जाती है और वह तकरीबन हर बुराई से बचा भी रहता है।
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