Thursday 28 November 2019

एक ऐसा कीर्तन जिसका दिव्य प्रभाव आज भी मग्न कर देता है

आचार्य मन्त्राचेतनंदा अवधूत ने बतलाये 
मीडिया से बात करते हुए आनंदमार्ग के आचार्य Mantrachetnanada Avdhuta
लुधियाना: 26 नवंबर 2019: (रेक्टर कथूरिया//आराधना टाईम्ज़)::  
जब तक भीतर प्यास न उठे तब तक मन अंतर्मुखी भी नहीं होता और प्रभु की तरफ उसका प्रेम भी नहीं जगता।यह कृपा होती है  सच्चे गुरु की उपलब्धि से और वह मिलता है सतसंग और सद्कर्मों से। इस संबंध में आनंदमार्ग के लोग बहुत से अनुभव भी बताते हैं। उन्हें जो जो दिक्क़ते आईं उनका ज़िक्र भी बहुत दिलचस्प है और फिर जब उपलब्धि हुई तो उसका ज़िक्र भी बहुत मधुर है। हर कदम परीक्षा से भरा था। आज यह सब याद आ रहा है उस कृपा के ख्याल से जो लुधियाना के आनंद मार्गी जय चंद सैणी जी पर। इसकी चर्चा बहुत से लोगों ने की लेकिन फ़िलहाल इस वीडियो में सुनिए आचार्य मंत्रचेतनानदा जी के विचार।  यह सारा आयोजन हुआ था लुधियाना के बहुत ही वरिष्ठ मार्गी जय चंद जी के घर।  बाबा की कृपा से जयचंद जी हर वर्ष ऐसा आयोजन करते हैं। इस आयोजन को देख कर ही पता चलता है बिना किसी दैवी कृपा से यह सब सम्भव ही नहीं होता। अगर आपके पास भी कोई ऐसे ही अनुभव हों तो अवश्य बताएं। हम उन्हें भी पाठकों और दर्शकों के सामने प्रस्तुत करेंगे। ईमेल है: aradhanatimes@gmail.com और दूसरी ईमेल आईडी है: 
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