Sun, May 27, 2018 at 2:27 PM
तभी मानव वास्तव में मानव बन पायेगा
लुधियाना: 27 मई 2018: (आराधना टाईम्ज़ ब्यूरो)::
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा गांव हरनाममपुरा में अध्यात्मिक सत्संग विचारों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ समुधर भजन ‘देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान, कितना बदल गया इंसान’ के गायन से की गई।
इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को अध्यात्मिक विचार देते हुए श्री आशुतोष महाराज जी की परम शिष्या साध्वी महाशारदा भारती जी ने कहा कि वर्तमान समय में समाज नफरत, स्वार्थ, आतंकवाद जैसी तरह-तरह की कुरीतियों से ग्रस्त है। अमानवीय आचार-विचार मानवीय निष्ठाओं का गला घोंट रहे हैं। समाज में तरह-तरह की कुरीतियां मानव का दमन कर रही हैं। ऐसा नहीं कि कुरीतियों को समाप्त करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा, निरन्तर कोशिशें जारी हैं, पर परिणाम सामने नजर नहीं आ रहे। दरअसल प्रयास तो मौजूद हैं, परन्तु सही दिशा का अभाव है। हमें खत्म करना था आतंकवाद को, लेकिन हमने खत्म किये आतंकवादी, हमें लगता है कि इसमें गलत क्या है। यहां पर एक छोटी सी गलती हो गई, हमने समाप्त करना था आतंकवाद एक, आतंकवादी को मार दिया और अनेकों आतंकवादियों ने जन्म ले लिया। ठीक वैसे ही जैसे एक
रोगी का रोग खत्म करने के स्थान पर हम उसका यदि रोग कुछ समय के लिए दबा दें तो क्या उसका रोग खत्म होगा, नहीं। उसका रोग समाप्त करने के लिए हमें रोग की जड़ तक जाना पड़ेगा, फिर ही वह रोगी रोग मुक्त होगा। साध्वी जी ने कहा जैसे यदि कोई जंगली पौधा उग जाए तो उसे समाप्त करने के लिए उसके पत्ते, टहनियों को काट देना प्रयत्न नहीं होता, उसकी जड़ पर वार करना पड़ता है। ठीक वैसे ही समाज में फैली समस्त कुरीतियों को ऊपज मानव मन है, आज आवश्यकता है ब्रह्मज्ञान द्वारा मन को सही दिशा पर लेकर जाने की। आज आवश्यकता है निकृष्ट विचारों का दमन करने की और यदि ऐसा हो जाता है तो
मानव वास्तव में मानव बन पायेगा। कार्यक्रम के अंत में ब्रह्मज्ञानी साधकों ने प्रभु ध्यान कर विश्व शांति की मंगल कामना की।
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