10th May 2022 at 11:16 PM
ईंधन के रूप में बढ़ रहे प्रयोग से गहरा है चारे का संकट
घास-चारा-पराली के ईंट भट्टों,कागज मिलों आदि फैक्ट्रियों में कच्चे माल का होता है ईंधन के रूप में प्रयोग
देश के संतवृंदो ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों एवं मुख्य सचिवों को भी लिखा पत्र
प्रकृति एवं परमात्मा ने सभी फसलों के ऊपरी भाग अनाज व तिलहन को मनुष्य के लिए तथा नीचे का घास व भूसा-चारा गोवंश व पशुधन हेतु ही प्रदान किया है पूनम राजपुरोहित मानवताधर्मी ने उठाया मुद्दा
लुधियाना:10 मई 2022: (आराधना टाईम्ज़ ब्यूरो)::
सुखा घास-चारा-पराली-भूसा के कागज मिलों,ईंट भट्टों एवं फैक्ट्रियों में उपयोग से पंजाब के समस्त गोवंश एवं पशुपालकों के सामने अभुतपूर्व संकट खडा हो गया है। पंजाब की 500 से अधिक तथा देश में संचालित हजारों गोशालाओं में अधिकतर अपंग,वृद्ध,लाचार,बीमार,दुर्घटनाग्रस्त एवं कत्लखानों जाते हुए छुडाये गये लाखों संख्या में गोवंश की सुचारू सेवा-सुश्रुषा बुरी तरह प्रभावित हो रही है। चारे की अनुपलब्धता एवं अभुतपूर्व मंहगाई से गोशालाओं तथा आम पशुधन पालकों के सामने भयंकर आर्थिक समस्या है। चारा के भाव दुगुने होकर आसमान छू रहे है और घास-चारा की खरीद असंभव हो रही है।
उपरोक्त व्यक्तव्य देते हुए श्रीपथमेडा गोधाम महातीर्थ एवं गोसेवा मिशन के वरिष्ठत्तम गोसेवक तथा राष्ट्रीय गो-अधिकार विचार मंच के संस्थापक अध्यक्ष पूनम राजपुरोहित मानवताधर्मी ने पंजाब सरकार से तत्काल प्रभाव से सुखी तुडी-पराली-भूसा आदि पषुधन के प्राण बचाने वाले सभी प्रकार के सुखे घास-चारा को कागज मिलों,ईंट भट्टों एवं फैक्ट्रियों में कच्चे माल तथा र्इ्रंधन के रूप में उपयोग पर कठोरता से प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि गोसेवा मिशन के अध्यक्ष स्वामी कृश्णानंद महाराज ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद,पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान,राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और सभी प्रमुख प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों एवं मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर देश के समस्त गोभक्तों-गोसेवकों,गोशाला संचालकों एवं पशुपालक जनमानस की समस्याओं से अवगत करवाया है।
देश के प्रमुख गोसेवा-गोरक्षा आन्दोलनों के अग्रदूत रहे श्री राजपुरोहित ने कहा है कि ‘‘प्रकृति एवं परमात्मा ने फसलों का ऊपरी भाग अनाज व तिलहन को मनुष्य तथा नीचे का घास-भूसा-चारा गोवंश व पशुधन के लिये बनाया है। अतः इस प्राकृत एवं व्यवहारिक नियम से घास-चारा पर एकमात्र अधिकार गोवंश और पशुधन का है। गोवंश देश व राज्यों की अर्थव्यवस्था,ग्रामीण रोजगार,प्राकृतिक खेती,मानव स्वास्थ्य तथा पर्यावरण संरक्षण का मूल आधार है। उन्होंने कहा है कि घास-चारा का अनावश्यक स्टाक पर सख्त कार्यवाही कर सरकार गोशालाओं एवं पशुपालकों को सस्ता घास-चारा उपलब्ध करवाये।’’
सुप्रसिद्ध विचारक,चिंतक,लेखक एवं गोसेवा-गोरक्षा विषयक जाने माने नीतिकार पूनम राजपुरोहित ने स्वामी कृष्णानंद महाराज द्वारा लिखे गये पत्र को पथमेडा संस्थापक गोऋषि स्वामी दत्तशरणानंद महाराज,मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्रदास महाराज तथा स्वंय उनकी भावनाओं का समावेश बताया है। उन्होंने गोसेवा मिशन के आन्दोलनात्मक प्रयासों पश्चात होशियारपुर जिला कलेक्टर द्वारा सभी प्रकार की फेक्ट्रियों में कच्चा माल एवं ईंधन के रूप में सुखे घास-तुडी उपयोग पर 08 मई,2022 को पाबंदी लगाने के आदेश को पूरे पंजाब एवं देश में तत्काल लगाने की मांग उठाई है।
संपर्कः- 9414154706]7742897640
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