Thursday 15 December 2022

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भी किया धर्मचेतना वाहन यात्रा का स्वागत

ब्रह्मलीन बालगोविंद जी शांडिल्य महाराज का अवतरण दिवस मनाया  


भोपाल
: 15 दिसंबर 2022: (आराधना टाईम्ज़ ब्यूरो)::

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान धार्मिक प्रवृति के राजनीतिज्ञ हैं। सत्ता सुख के साथ साथ चलते हुए साधना के मार्ग को कभी नहीं भूलते। जहां भी कभी धर्मकर्म की कोई बात हो वहां मुख्यमंत्री चौहान अवश्य ही पहुंचने के प्रयास करते हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने ब्रह्मलीन श्री 1008 बालगोविंद जी शांडिल्य महाराज के अवतरण दिवस के अवसर पर सनातन धर्म चेतना वाहन यात्रा का भी पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ स्वागत किया। शिवराज ने ब्रह्मलीन बालगोविंद जी शांडिल्य महाराज के अवतरण दिवस पर सनातन धर्म चेतना वाहन यात्रा का बहुत ही गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज जब ब्रह्मलीन श्री 1008 बालगोविंद जी शांडिल्य महाराज के अवतरण दिवस के अवसर पर नगर के प्रमुख मार्गों से निकली यात्रा का 74 बंगले क्षेत्र में पहुंचने पर स्वागत किया तो भक्तजन बहुत बड़ी संख्या में वहां पहुंचे हुए थे।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार यह सनातन धर्म चेतना वाहन यात्रा संत हिरदाराम नगर से प्रारंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए करुणाधाम आश्रम तक पहुंची। यात्रा के स्वामी दयानंद नगर में पहुंचने पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बी-8 निवास पर इस यात्रा का बहुत ही श्रद्धा और सम्मान के साथ स्वागत किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने यात्रा वाहन में सुसज्जित ब्रह्मलीन श्री बालगोविंद जी शांडिल्य महाराज की प्रतिमा पर पुष्प वर्षा भी की गई। इस पुष्प से बहुत ही अलौकिक अनुभूति का अहसास हो रहा था। फूलों की सौगंध ने दिव्यता से भरा माहौल भी बनाया हुआ था। उन्होंने ब्रह्मलीन श्री बालगोविंद जी शांडिल्य महाराज के 94वें जन्म-दिवस के अवसर पर इस यात्रा के उद्देश्य को पावन बताते हुए महाराज जी के योगदान का स्मरण किया। भक्तजन बहुत बड़ी संख्या में मौजूद रहे। 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ब्रह्मलीन श्री बालगोविंद जी शांडिल्य महाराज के सुपुत्र और करुणाधाम आश्रम के पीठाधीश्वर गुरूदेव श्री सुदेश जी शांडिल्य महाराज का शॉल-श्रीफल से सम्मान किया। गुरूदेव श्री सुदेश जी शांडिल्य महाराज ने मुख्यमंत्री को तुलसी का पौधा भेंट किया।

इस यादगारी और शुभ अवसर पर श्री चौहान की पत्नी श्रीमती साधना सिंह चौहान ने भी गुरुदेव श्री सुदेश जी शांडिल्य महाराज की धर्मपत्नी और गुरुमाता श्रीमती ममता शांडिल्य का पुष्पों से स्वागत किया।

विधायक कृष्णा गौर सहित जन-प्रतिनिधि और नागरिक इस धर्मकर्म के आयोजन में पूरी श्रद्धा के साथ उपस्थित थे। आम जनता से जुड़े वर्गों का भी सैलाब सा ही उम्दा हुआ था। सनातन धर्म चेतना वाहन यात्रा में बड़ी संख्या में भक्त और नागरिक शामिल हुए। लोगों ने इस धार्मिक आयोजन से धर्मकर्म का सन्देश प्राप्त करके अंतर्मन के लिए एक विशेष उपलब्धि हासिल की। 


Tuesday 13 December 2022

जया किशोरी की श्रीमद् भागवत कथा में शामिल हुए मुख्यमंत्री

 Tuesday: 13th December 2022 at 18:23 IST

कर्म मार्ग पर ईमानदारी से चल कर, कर सकते हैं परमेश्वर के दर्शन : मुख्यमंत्री श्री चौहान

हरदा में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के 133 नव-दम्पत्तियों को दिया आशीर्वाद


भोपाल
: मंगलवार, 13 दिसम्बर  2022: (कार्तिका सिंह//मध्यप्रदेश स्क्रीन)::

जब सत्ता पर बैठे लोग भी धर्मकर्म में रूचि दिखाते हैं तो अम्म जनमानस भी धर्मकर्म की तरफ रुचित होने लगता है। एक बार फिर से इस बात का अहसास हो रहा था-श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में जहाँ जानी मानी कथा वाचिका जाया किशोरी जी की कथा का विशेष आयोजन था। इस कथा के आयोजन में समाज भलाई के बहुत से कार्य भी किए गए। 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान हरदा में विख्यात कथा-वाचिका जया किशोरी की सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के समापन में शामिल हुए। कथा समापन पर मुख्यमंत्री ने 133 कन्याओं के मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में हुए सामूहिक विवाह के नव-दम्पत्तियों को आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम में कथा के आयोजक किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल, खजुराहो सांसद श्री वी.डी. शर्मा, स्थानीय सांसद श्री डी.डी. उइके, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री गजेन्द्र शाह सहित जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा‍कि परम पिता परमेश्वर को प्राप्त करने के लिये धर्मशास्त्र में भक्ति मार्ग, ज्ञान मार्ग और कर्म मार्ग बताये गये हैं। हम सभी बिना फल की इच्छा किये अपने कार्य पूरी कर्त्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी से कर ईश्वरीय मार्ग पर चल सकते हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर- मरीजों का इलाज, शिक्षक-बच्चों की पढ़ाई और अधिकारी एवं नागरिक अपने कर्त्तव्यों और दायित्वों का निर्वहन कर समाज की बेहतरी के लिये अपना योगदान दें। इसीसे प्रदेश का कल्याण होगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जनता के अनुरोध पर सुनाया भजन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कथा स्थल पर उपस्थित धर्मप्रेमियों के अनुरोध पर ‘‘राम नाम सुखदायी’’ और ‘‘हरे राम हरे राम’’ भजन गाया। श्रोता मंत्रमुग्ध होकर मुख्यमंत्री के गाये भजनों पर झूमते नजर आये।

 बृजेन्द्र शर्मा/ अलूने


Tuesday 1 November 2022

राज्य स्तरीय योग प्रतियोगिता का शुभारंभ

 Bhopal: Monday 31st October 2022 at 20:19 IST

योग प्रतियोगिता, स्पर्धा का नहीं, साधना का विषय है:डॉ. वार्ष्णेय

भोपाल: सोमवार, 31अक्टूबर 2022: (कार्तिका सिंह//मध्यप्रदेश स्क्रीन डेस्क)::

योग से पूरी की पूरी ज़िंदगी संवर जाती है। तन और मन दोनों संतुलित रहते हुए बेहद शक्तिशाली भी बन जाते हैं। योग के लाभ जितने भी गिनवाएं जाएं कम हैं। योग केफायदों को देखते हुए ही मध्यप्रदेश में भी योग साधना के विशेष üप्रशिक्षण का भी प्रबंध किया गया। 

जाने माने संस्थान महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान एवं राज्य स्तरीय शासकीय योग प्रशिक्षण केन्द्र भोपाल द्वारा प्रथम योग क्लबों के लिए प्रथम राज्य स्तरीय योग प्रतियोगिता का शुभारंभ डॉ. अशोक वार्ष्णेय राष्ट्रीय संगठन सचिव, आरोग्य भारती एवं संस्थान के चेयरमेन एवं राज्य योग आयोग के उपाध्यक्ष श्री भरत बैरागी ने दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम में नृत्य योग, कलाओं से परिपूर्ण पहली प्रस्तुति शिव आराधना की आकर्षक एवं मनमोहक प्रस्तुति ग्वालियर संभाग की छात्राओं ने दी।

इस सुअवसर पर डॉ. वार्ष्णेय ने कहा कि योग केवल शारीरिक क्रिया नहीं है, यह मन और शरीर को जोड़ने की क्रिया है। योग सम्पूर्ण विश्व में अपनी विशिष्ट पहचान बना रहा है। मनुष्य की दिनचर्या में योग भोजन की तरह अनिवार्य बनता जा रहा है। यह यम से समाधि तक की वैज्ञानिक क्रिया है। योग एनर्जी लेस से एनर्जी मैन भी बनाता है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि योग को उनकी तरह अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। योग मनुष्य का स्वभाव बन जाना चाहिए। उपस्थित छात्र/छात्राओं को भी नियमित योग अभ्यास करने को कहा। उन्होंने कहा कि योग क्वालिटी ऑफ लाइफ बनाता है। योग प्रतियोगिता एवं स्पर्धा का विषय नहीं, साधना का विषय है।

विशेष बात यह भी रही कि इस कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री बैरागी ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीनतम अनूठी विधा योग हमें विरासत में मिली है। योग से हमें नई पीढ़ी का चरित्र-निर्माण करना है। उन्होंने खगोल का उदाहरण देते हुए उज्जयिनी की वेधशाला की वर्षों पूर्व योग साधना से हमारे पूर्वजों ने स्थापना कर दी थी। 

उन्होंने भगवान योगेश्वर श्री कृष्ण एवं आदिशंकराचार्य का उदाहरण देते हुए कहा कि म.प्र. से ही नया इतिहास लिखा जा रहा है। उसी क्रम में एक और नया अध्याय हम योग साधक इन योग प्रतियोगिताओं का आयोजन कर लिखने जा रहे हैं। प्रतियोगिता में 45 जिलों से 400 छात्र/छात्राएँ एवं 110 कोच, जिलायोग प्रभारी एवं निर्णायकों द्वारा अंडर- 14,17,19 के बालक बालिकाओं के समूह वर्ग की योग रिदमिक, आर्टिस्टिक की प्रतियोगिताएँ 2 नवम्बर 2022 तक सम्पन्न की जायेंगी।

आभार प्रदर्शन निदेशक, महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान श्री प्रभात राज तिवारी ने किया। कुल मिला कर यह एक यादगारी आयोजन रहा। शामिल होने वाले सभी लोग योग के संबंध में विशेष अनुभव और ज्ञान ले कर घर लौटे। 

 राजेश दाहिमा


Tuesday 25 October 2022

क्यूं बनी सवाल उठाती फिल्म "सामान"? एक नज़रिया यह भी है!

 क्या हम सचमुच ही हत्यारे हैं?     कैसे हुआ हमारा पत्तन? 


लुधियाना
: 24 अक्टूबर 2022: (मीडिया लिंक रविंद्र//आराधना टाईम्ज़)::  
दिवाली का त्यौहार है तो दिवाली की बात ही करेंगे लेकिन एक सवाल आड़े आ रहा है। सवाल से पहले उस नौजवान की बात जिसने अपनी एक छोटी सी फिल्म के ज़रिए यह सवाल किया है। सम्राट सिंह नाम का यह नौजवान लगातार दिन रात सोचता रहा और मेहनत करता रहा तांकि पूरे समाज को हत्या के पाप से रोका  बचाया जा सके। फिर उसे लगा कि यह समाज कभी सुधरने वाला नहीं। वह निराश भी हुआ लेकिन उसने फिर हिम्मत जुटाई और सोचा चलो जितने लोग बच पाएं उतने ही सही। मैं सूर्य नहीं बन सकता तो दीपक ही सही। लेकिन जहां जितने रास्ते तक रौशनी कर सकूंवहां तक रौशनी तो करनी है।

उसका सवाल भी यही है कि जानेअनजानेहम अपने ही लोगों के हत्यारे तो नहीं बन गए? भगवान राम जी के अयोध्या आगमन की खुशियां मनाते मनाते कहीं हमें किस अज्ञात मायावी ने राक्षस तो नहीं बना दिया? हम खुद ही अपनों के  हत्यारे क्यूं और कैसे बन गए? हम धर्म के नाम पर अधर्म के मार्ग पर कैसे बढ़ने लगे? हमारे हाथ अपनों  से कैसे रंगे गए?  

समाज को झंकझौरने वाला सवाल करती इस फिल्म की मेकिंग की भी एक लम्बी कहानी है लेकिन इसकी चर्चा फिर कभी किसी अलग पोस्ट में जल्दी ही। सबसे पहले आप फिल्म देख लीजिए। शायद आप भविष्य में अब उस तरह की हत्यायें करना बंद कर दें जो हम  सभी मिलजुल कर बड़ी शान  ही जा रहे हैं। 

सम्राट का मानना है कि जिन जिन की हत्याएं भी हमसे हुई हैं उनकी बद दुआएं और उनके श्राप हमारा पीछा कर रहे हैं। हमारी कभी मुक्ति न होगी। हमारी मुक्ति कहीं पर भी न होगी। हमें कभी सुख न मिलेगा। एक ही रास्ता शेष शायद। बस अगर हम अब भी रुक जाएं। अभी  भी हत्या का यह सिलसिला बंद कर दें तो शायद बात बन जाए। अब भी क्षमा मांग लें तो शायद कुछ तर्पण भी हो सके। तर्पण हुए बिना  जन्मांतरों तक की भटकत और बेचैनी बनी रहेगी।  डाक्टर के पास नहीं होगा। खुद  पाप धोने होंगें। 

सारी विस्तृत चर्चा हम बहुत जल्द किसी अलग पोस्ट में करेंगे लेकिन फ़िलहाल आप फिल्म देख लीजिए बस यहां क्लिक करके। फिल्म मेकर सम्राट सिंह धर्म कर्म के साथ साथ इतिहास का भी ज्ञाता है और आधुनिक विज्ञान का भी। इसलिए उसकी फिल्मों और कथाओं में कुछ मिश्रित से प्रभाव भी महसूस होते है। कई बार बात बहुत ही गहरी चली भी जाती है।  उड़ान भी लगता है जैसे क्षितिज के पार चली गई हो। फिर भी उसमें गहरा मकसद  होता है। टीम के साथ उसका सम्पर्क बना रहता है।  वह अपने तन, मन और आत्मा में तारतम्य बनाए रखता है। 

इस ऊंची उड़ान को ज़मीन पर लाना भी तो एक कला है न जिसमें उसका परिवार और टीम पूरा सहयोग करते हैं।इस फिल्म से आपको उसे समझने में  सहायता मिलेगी। उसका संवेदना से भरा मानवीय दृष्टिकोण समझना आसान हो जाएगा। उसकी अन्य फिल्मों को समझना  भी सरल हो जाएगा। जल्द ही हम उसकी अन्य फिल्मों की चर्चा भी करेंगे।


समाजिक चेतना और जन सरोकारों से जुड़े हुए ब्लॉग मीडिया को मज़बूत करने के लिए आप आप अपनी इच्छा के मुताबिक आर्थिक सहयोग भी करें तांकि इस तरह का जन  मीडिया जारी रह सके।

Tuesday 18 October 2022

वार्षिक जप-प्रयोग तथा अस्सू का मेला श्रद्धा और आस्था से लगा

होती रही प्रेम, ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिकता के रंगों की अमृत वर्षा 

सतगुरु दलीप सिंह जी  गुरु के अवतरण की ज़रूरत और अहमियत 

*जब तक गुरु अवतार धारण करके नहीं आते तब तक मार्गदर्शन भी नहीं 

*तब तक गुरुवाणी को भी समझा नहीं जा सकता  

श्री गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब, डेरा बाबा तरसेम सिंह में  दीवान 


डेरा कार सेवा बाबा तरसेम सिंह/उत्तराखंड: 17  अक्टूबर 2022:(गुरमीत सग्गु//आराधना टाईम्ज़)::  

प्रत्येक बरस की तरह इस वर्ष भी सतगुरु दलीप सिंह जी की छत्रछाया में नामधारी संगत द्वारा रखे गए  40 दिन के वार्षिक जप-प्रयोग (सिमरन साधना) के उपरांत दो दिनों का अस्सू का मेला; आपसी एकता, प्रेम, ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिकता के रंग बिखेरता हुआ सम्पन्न हुआ। 
इस दौरान अनुशासन के नियमों का भी पूरी तरह से पालन किया गया और प्रत्येक प्रोग्राम को लाइव टेलेकास्ट कर, दूर बैठी संगतों तक संचारित किया गया। वर्णनयोग्य है कि नामधारी पंथ के सृजनहार सतगुरु राम सिंह जी द्वारा दर्शाये गए दिशा-निर्देश अनुसार चलते हुए, नामधारी सिक्ख प्रत्येक वर्ष जप-प्रयोग के आयोजन द्वारा अपने जीवन को गुरु वाणी अनुसार जीने तथा इस पर दृढ रहने का अभ्यास करते हैं। इस दौरान अमृत वेले से लेकर शाम तक लगभग  8-9 घण्टे परमात्मा के साथ जुड़कर, एकाग्रचित हो कर सेवा-सिमरन, कथा-कीर्तन, गुरु इतिहास की जानकारी लेते हुए एक आदर्श जीवन जीने के गुण सीखते हैं। इस समागम में विशेष रूप से सतगुरु दलीप सिंह जी ने विदेश से लाईव दर्शन देकर अपने प्रवचनों से निहाल किया। आपने संगत को गुरुवाणी आशय अनुसार चलते हुए अपने परिवारिक व समाजिक जीवन सुखी रखने एवं आदर्श जीवन जीने के तरीके बताते हुए एक दूसरे से मीठा बोलने, क्षमा करने, विनम्रता जैसे गुण धारण करने, किसी को बुरा न कहने एवं स्त्रियों को मंदा न कहने भाव शुभ कर्म करने की भी शिक्षा दी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सतगुरु नानक देव जी ने "आसा की वार" में लिखा है कि जीवन में पूर्ण सतगुरु बड़े सौभाग्य से मिलते हैं और सतगुरु ही हमारे जीवन में अज्ञान का अँधेरा दूर कर सकता है तथा सतगुरु के चरण कमलों से जुड़ कर जीवन का पार उतारा हो सकता है। आपने गुरुवाणी और गुरु को भिन्न बताया और कहा कि जब तक गुरु अवतार धारण करके नहीं आते, गुरुवाणी को समझा नहीं समझा जा सकता, क्योंकि गुरुवाणी तो गुरु जी के मुखवाक से उच्चारी हुई है। इसके साथ ही आपने कहा कि नामधारी सतगुरु राम सिंह जी को हमेशा याद रखने को कहा क्योंकि उन्होंने हमें गुरुवाणी के साथ जोड़ा एवं शुभ कर्म करने लगाया। 

40 दिन लगातार चलता हुआ यह कार्यक्रम प्रतिदिन आनन्द और सकारात्मक-ऊर्जा प्रदान करता रहा।  इन दिनों में वातावरण को शुद्ध करने लिए हवन आदि भी मर्यादा अनुसार किए गए। इस अवसर पर गुरमत मर्यादा अनुसार,  गुरुवाणी के पाठों के भोग डाले गए एवं गुरु का अतूट लंगर वितरित किया। इस शुभ अवसर पर कथा- कीर्तन एवं नाम-वाणी का प्रवाह चला। यह सारा कार्यक्रम गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब, डेरा कार सेवा बाबा तरसेम सिंह / उत्तराखंड कमेटी के सहयोग से सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर सूबा भगत सिंह जी बहेड़ी, जथेदार  कवि पंजाब सिंह पंजाब, सूबा तरसेम सिंह जी इंग्लैंड, सूबा रतन सिंह जी, सूबा अमरीक  सिंह जी, जत्थेदार संत करतार सिंह नशहरे वाले, जत्थेदार अमरीक सिंह, जत्थेदार अवतार सिंह, जत्थेदार गोपाल सिंह, जत्थेदार कृपा सिंह, सूबा दर्शन सिंह जी, गुरमीत सग्गु दिल्ली, जत्थेदार मनमोहन सिंह जी,  ब्लॉक प्रमुख खटीमा रणजीत सिंह नामधारी, साधु सिंह नामधारी, संत कुलतार सिंह नामधारी, सुरेंदर सिंह नामधारी, राजपाल जी उपाध्यक्ष किसान आयोग उत्तराखण्ड, सरदार सुखदेव सिंह नामधारी बाजपुर, बलदेव सिंह नामधारी बाजपुर, एवं उनका जथा एवं कुछ खास शख्सियतों ने शामूलियत की

समाजिक चेतना और जन सरोकारों से जुड़े हुए ब्लॉग मीडिया को मज़बूत करने के लिए आप आप अपनी इच्छा के मुताबिक आर्थिक सहयोग भी करें तांकि इस तरह का जन  मीडिया जारी रह सके।

Wednesday 5 October 2022

लुधियाना में भी धूमधाम से मनाया गया दशहरा

 Wednesday 5th October 2022 at 08:31 PM

 पुड्डा ग्राउंड में हुआ दशहरे का यादगारी उत्सव  

श्री राम लीला कमेटी सिविल लाइन की ओर से किए गए थे विशेष प्रबंध 


लुधियाना
: 5 अक्टूबर 2022: (संजय//आराधना टाईम्ज़)::

लोगों की अपेक्षायों और उम्मीदों पर पूरा उतरते हुए इस बार भी श्री राम लीला कमेटी रजि सिविल लाइन और श्री शिव शक्ति मंदिर वृंदावन रोड द्वारा दशहरे के सुअवसर पर विशेष प्रबंध किए गए थे। हर बारीकी की तरफ ध्यान दिया गया था। सुरक्षा और ट्रैफिक सहित सब कुछ बहुत अच्छा रहा। 

दशहरा उत्सव  पुरानी कचहरी वाली जगह पुड्डा  ग्राउंड में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। दशहरा उत्सव का शुभारंभ  श्री शिव शक्ति मंदिर वृंदावन रोड से प्रभु राम जी की भव्य रथ यात्रा के साथ हुआ। यह रथ यात्रा श्री शिव शक्ति मंदिर से शुरू होकर कैलाश सिनेमा चौक, दमोरिया पुल से होती हुई पुड्डा ग्राउंड जाकर समाप्त हुई। इस रथयात्रा में राम सेना, रावण सेना, हनुमान सेना और शूर्पणखा की झांकी देखने योग्य थी। 

इस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर दंडी स्वामी देवा दित्यानंद सरस्वती जी महाराज, राम शरणम राम पार्क के प्रमुख  अश्विनी बेदी, ड्रीमलैंड कॉलोनी हैबोवाल से बाबा मीना शाह, विधायक मदन लाल बग्गा, सरदार दलजीत सिंह ग्रेवाल, मेयर सरदार बलकार सिंह संधू, डिप्टी मेयर शाम सुंदर मल्होत्रा, शाम लाल सपरा, बलवीर गुप्ता, पूर्व पार्षद हेमराज अग्रवाल, पंजाब प्रभारी जीवन गुप्ता, प्रवीण बांसल, अनिल सरीन, एडवोकेट वीरेंद्र शर्मा बाँबी, राकेश कपूर, बॉबी जिंदल, सैंचूरी निट से राजेश ढ़ाड़ा, विक्रम सिद्धू , पुष्पेंद्र सिंगल, संवेदना ट्रस्ट से हेमंत सूद, कानतेंदु शर्मा, रजत सूद, पवन शर्मा, ओम प्रकाश त्रिपाठी, जीवन धवन, शहीद सुखदेव थापर से के परिवार से  अशोक थापर, समाज सेवक के के सूरी, संजय सूरी, संजय थापर, गोल्डी सभरवाल, बी जे पी नेता गुरदीप सिंह गोशा, डॉक्टर शिवा, मुकेश चढ्ढा, भाजपा नेत्री नीरू मित्तल, विरेश विज, अभिषेक मरवाहा, एस के गर्ग, संजय गुप्ता, आदि उपस्थित हुए। आए हुए सभी मुख्य मेहमानों को श्री राम लीला कमेटी द्वारा सम्मानित किया गया। 

इस मौके पर रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले भी जलाए गए। इस अवसर पर रामलीला कमेटी के चेयरमैन विधायक गुरप्रीत सिंह गोगी, वाइस चेयरमैन सुभाष गुप्ता, प्रधान कीमत राय सिकरी, सचिव सुमन गुप्ता, सीनियर उपप्रधान हरीश सग्गड़, वाइस चेयरमैन राजेश कश्यप,  महासचिव डॉक्टर एम एस चौहान, सचिव चंद्रमोहन खुराना, वित्त सचिव विश्वजीत सेठी, महासचिव सुनील मेहरा, सलाहकार संत कुमार अनेजा,  सचिव राजेश भनोट, चार्टर्ड अकाउंटेंट अनिल खन्ना,  कैशियर राजेंद्र शर्मा, सचिव प्रवीण शर्मा, विकास जिंदल, राजीव शर्मा, संगठन मंत्री अश्विनी महाजन, आशु शर्मा, गुरदीप सिंह भोगल, उप प्रधान संजीव सिंगला, हरकेश मित्तल, डिंपी मक्कड़ , योगेश मैनी , पंकज सेठी , आयुष अग्रवाल , प्रिंस शर्मा , राजीव कांसल , सचिव व  प्रेस प्रवीण शर्मा , राजन, सनी वासन, करण कपूर, सुमन वर्मा, नरेश जेठी,  कपिश बांसल, तजिंदर वशिष्ठ,  विक्रम आनंद, प्रवीण गोयल, अमित गुप्ता, अभय सहोता, राजन बांसल, अंकुर सग्गड़, रंजन धीर, बृज भूषण शर्मा, मेला प्रमुख गौरव कालिया, सम्राट शर्मा, करण मेहरा, अजय सोंधी, राजपाल दिवाकर, विकास टुहान, पवन खरबंदा, मुकेश कुमार आदि उपस्थित थे। 

कुल मिलाकर आयोजन इस बार भी यादगारी रहा। इसके साथ ही अगले वर्ष के आयोजन को और अविकसित करने के लिए भी विचार विमर्श हुआ। 

समाजिक चेतना और जन सरोकारों से जुड़े हुए ब्लॉग मीडिया को मज़बूत करने के लिए आप आप अपनी इच्छा के मुताबिक आर्थिक सहयोग भी करें तांकि इस तरह का जन  मीडिया जारी रह सके।

Tuesday 4 October 2022

सज गया है आस्था का केंद्र भगवान महाकालेश्वर का आंगन

Tuesday 4th October 2022 at 08:32 PM

अभिभूत होगी भक्त जनता, बनेगा एक नया गौरवशाली इतिहास

*इस विशेष लेख में है विस्तृत जानकारी मंदिर के भव्य दर्शन पर 

*प्रधानमंत्री 11 अक्टूबर को करेंगे ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण, 

*‘महाकाल लोक’ में हैं 190 मूर्तियां 

*सबसे लम्बी चित्रित दीवार कराती है अलौकिक सी अनुभूति 

*भगवान शिव से जुड़ी कथाओं का मिलेगा अभूतपूर्व वर्णन  


उज्जैन: 04 अक्टूबर 2022: (आराधना टाईम्ज़ डेस्क):: 

श्री महाकालेश्वर मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। लाखों भक्त  यहां पहुंच कर दर्शन पाना अपना सौभाग्य समझते हैं। बिना महाकाल की कृपा यहाँ पहुंचना है भी नामुमकिन सा ही। इस मंदिर का एक नया रूप बन कर अब तैयार है। इस नए रूप से मंदिर का एक एक पहलू देखने वाला बन जाएगा। 

द्वादश ज्योतिर्लिंगों में शामिल भगवान महाकालेश्वर न केवल देश-प्रदेश, बल्कि विश्व में प्रसिद्ध हैं। लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष भगवान महाकालेश्वर की एक झलक पाने के लिये एकत्रित होते हैं। मोक्षदायी सप्तपुरियों में से एक अवन्तिका में विराजित हैं भगवान महाकाल। भगवान शिव से जुड़ी कथाओं, ज्ञान, भक्तिभाव और तन-मन शिवमय हो सके, इसके लिये ही बनाया गया है ‘महाकाल लोक’।

शासन द्वारा यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिये हर तरह की सुविधा का बंदोबस्त किया गया है। महाकाल लोक का लोकार्पण देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 11 अक्टूबर को किया जायेगा।

प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बनारस के कॉरिडोर की तर्ज पर उज्जैन में भी इसी तरह का विकास करने के बारे में संकल्प लिया और यह संकल्प अब पूर्ण हो चुका है। महाकाल लोक श्री महाकाल महाराज विकास योजना के प्रथम चरण के अन्तर्गत निर्मित हुआ है। वर्ष 2023 तक इस प्रोजेक्ट के द्वितीय चरण के कार्य भी पूर्ण हो जाने की पूरी-पूरी संभावना है। आगामी 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री द्वारा महाकाल लोक आम श्रद्धालुओं के लिये खोल दिया जायेगा।

महाकाल लोक की अनुमानित लागत 800 करोड़ रुपये है। महाकाल लोक पहुंचने के लिये चार भुजाओं वाले महाकाल ओवर ब्रिज से होकर त्रिवेणी संग्रहालय जाना होता है। संग्रहालय के ठीक सामने लगभग 450 वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है। पार्किंग शेड के ऊपर सोलर पैनल लगाये गये हैं।

पार्किंग के ठीक सामने पिनाक द्वार है और उसके समीप स्थित है त्रिवेणी संग्रहालय। महाकाल लोक में प्रवेश करने के पहले नन्दी द्वार बनाया गया है। द्वार के बाहरी हिस्से में भगवान गणेश के दर्शन होते हैं। प्रवेश द्वार पर विशाल नन्दी की प्रतिमा बनाई गई है, जो कि अत्यन्त आकर्षक लगती है। इन्हें निहारते हुए महाकाल लोक में प्रवेश होता है। उल्लेखनीय है कि महाकाल लोक 900 मीटर लम्बे क्षेत्र में निर्मित किया गया है। महाकाल लोक के दाहिनी तरफ कमल ताल, शिव स्तंभ, सप्तऋषि परिसर, पब्लिक प्लाजा और नवग्रह परिसर बनाये गये हैं। यहां पर बैठक व्यवस्था की गई है। पास ही में कमल ताल है, जहां 25 फीट ऊंची शिव की प्रतिमा बनाई गई है। 

लोटस पोंड, ओपन एयर थिएटर तथा लेकफ्रंट एरिया और ई-रिक्शा व आकस्मिक वाहनों हेतु मार्ग भी पूर्ण हो चुका है। बड़े रूद्र सागर की झील में स्वच्छ पानी भरा जायेगा और यह सुनिश्चित किया गया है कि इस झील में गन्दा पानी बिल्कुल न मिलने पाये।

महाकाल लोक में बनी प्रतिमाएं, फव्वारे और आसपास की हरियाली आकर्षित करती है। कोबल्ड स्टोन की रोड क्रॉसिंग के जरिये पदयात्रियों की कनेक्टिविटी विकसित की गई है। पैदल चलते हुए शिव, देवी और श्रीकृष्ण से जुड़ी प्रतिमाएं नजर आती हैं। चित्रों के नीचे सम्बन्धित कथाएं भी अंकित की गई हैं। क्यूआर कोर्ड भी बनाये गये हैं, जिन्हें मोबाइल से स्केन कर कथा सुनी जा सकती है। इनमें शिव बारात का आकर्षक चित्रण किया गया है। एक शिल्प में कैलाश पर्वत को रावण ने उठा रखा है। कैलाश पर शिव परिवार भी विराजित है। एक शिल्प में देवी की नृत्य मुद्रा बनाई गई है।

सप्तऋषि परिसर में ऋषियों की विशाल प्रतिमाओं के दर्शन के साथ उनके बारे में आवश्यक जानकारी दी गई है। त्रिपुरासुर वध का चित्रण विशाल शिल्प में किया गया है। यहां रथ पर सवार भगवान शिव त्रिपुरासुर का वध कर रहे हैं।

पिनाक द्वार उनके लिये है जो सीधे मन्दिर में प्रवेश करना चाहते हैं। यह पौराणिक रूद्र सागर का घाट है। रूद्र सागर में लाईट एण्ड साउण्ड शो, लेजर शो और वाटर कर्टन शो दिखाये जायेंगे।

पूरे कॉरिडोर में देश की सबसे लम्बी भित्ति चित्र वाली दीवार है। इस दीवार पर पत्थरों पर शिव कथाएं उकेरी गई हैं। महाकाल लोक दो हिस्सों में बना है। एक तरफ पैदल पथ और दूसरी तरफ ईकार्ट पथ। बच्चे, वृद्ध, दिव्यांग और महिलाओं के लिये ईकार्ट की व्यवस्था नि:शुल्क की गई है। दोनों पथ के बीच 108 शिवस्तंभ शिव की विभिन्न मुद्राओं सहित निर्मित हैं, जो अलग ही छटा बिखेर रहे हैं। यह स्तंभ साधारण नहीं है, हर स्तंभ पर शिव की नृत्य मुद्रा अंकित है। इन्हीं पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाये गये हैं।

महाकाल लोक में शॉपिंग कॉम्पलेक्स भी बनाया गया है, जहां फूल, प्रसाद से लेकर धर्म और संस्कृति से जुड़ी विभिन्न वस्तुओं की दुकानें हैं। कॉम्पलेक्स के समीप फेसिलिटी सेन्टर क्रमांक-2 स्थित है, जहां जूते, चप्पल और बैग जमा करने की व्यवस्था की गई है। समीप ही शौचालय और नाश्ते तथा शुद्ध पेयजल की व्यवस्था भी की गई है।

महाकाल लोक में देश का पहला नाईट गार्डन बनाया गया है, जहां दिन में भी रात्रि का एहसास होता है। गोलाकार नाईट गार्डन के बीच शिव की विशाल ध्यानमग्न प्रतिमा बनाई गई है। इसके ठीक सामने के हिस्से में नीलकंठ परिसर है। लगभग 20 एकड़ में फैले महाकाल लोक में आकर्षक विद्युत सज्जा की गई है। रात्रि के समय जब मूर्तियों और म्युरल्स पर रोशनी पड़ती है तो पूरा लोक स्वर्णिम आभा से चमकने लगता है। 

(तस्वीर और जानकारी मोदीनामा से साभार)

समाजिक चेतना और जन सरोकारों से जुड़े हुए ब्लॉग मीडिया को मज़बूत करने के लिए आप आप अपनी इच्छा के मुताबिक आर्थिक सहयोग भी करें तांकि इस तरह का जन  मीडिया जारी रह सके।

Monday 3 October 2022

दशहरा पर राम भक्तों को प्रभु राम की कृपा प्राप्त होगी:अश्वनी बेदी

Monday:3rd October 2022 at 06:11 PM

विजय दशमी पर होगा 60 फुट रावण दहन:प्रधान कीमत राय सिकरी

लुधियाना: 3 अक्टूबर 2022: (संजय//आराधना टाईम्ज़)::

रामलीला का मंचन सदियों से लोगों को आकर्षित करता आ रहा है। रामायण के सभी पात्र अपनी अपनी  भूमिका में कोई गहरा संदेश मन पर छोड़ते हैं। जिन जिन स्थानों पर रामलीला का मंचन बेहद लोकप्रिय रहा है उनमें पंजाब का लुधियाना शहर भी शामिल है। लुधियाना में रामलीला और दशहरा सदियों से लोकप्रिय हैं। लुधियाना का दरेसी मैदान, उपकार नगर,  हैबोवाल, सराभा नगर, किचलू नगर और बहुत से इलाकों में इसकी लोकप्रियता अपने अपने समय में शिखर छूती रही है। जब पंजाब में  था उस समय के कुछ अल्पकाल को छोड़कर रामलीला और दशहरा हमेशां ही लोकप्रिय रहे। इस बार भी वही उत्साह देखने को मिल रहा है। 

श्री रामलीला कमेटी रजि. सिविल लाइन द्वारा दशहरा उत्सव पुरानी कचहरी वाली जगह पुड्डा  ग्राउंड में बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसी के उपलक्ष्य में माल रोड पर स्थित श्री राम शरणम राम पार्क के प्रमुख अश्विनी बेदी  द्वारा अमृतवाणी का पाठ किया गया। इस मौके पर हल्का सेंट्रल के विधायक अशोक पराशर पप्पी, विधायक चौधरी मदनलाल बग्गा और भाजपा नेता जीवन गुप्ता भी उपस्थित हुए। 

पहली बार श्री राम जन्म भूमि से राम सेना और रावण सेना द्वारा प्रदर्शन एवं रामानंद सागर की रामायण का एल इ डी स्क्रीन पर प्रतिदिन प्रसारण किया जा रहा है। इसका प्रसारण ठीक शाम 6:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक किया जाता है। 

रामायण में शूर्पणखा का मनमोहक स्वरूप देखने योग्य होगा। आए हुए सभी मुख्य मेहमानों को कमेटी द्वारा सम्मानित किया गया। इस मौके पर कमेटी के प्रधान कीमत राय सिकरी और महासचिव सुनील मेहरा ने कहा कि दशहरा पर्व वाले दिन 5 अक्टूबर को 60 फुट रावण का दहन किया जाएगा। 

इस अवसर पर रामलीला कमेटी के चेयरमैन विधायक गुरप्रीत सिंह गोगी, वाइस चेयरमैन सुभाष गुप्ता, प्रधान कीमती राय सिकरी, सचिव सुमन गुप्ता, सीनियर उपप्रधान हरीश सग्गड़, वाइस चेयरमैन राजेश कश्यप,  महासचिव डॉक्टर एम एस चौहान, सचिव चंद्रमोहन खुराना, वित्त सचिव विश्वजीत सेठी, महासचिव सुनील मेहरा, सलाहकार संत कुमार अनेजा,  सचिव राजेश भनोट, चार्टर्ड अकाउंटेंट अनिल खन्ना,  कैशियर राजेंद्र शर्मा, सचिव प्रवीण शर्मा, विकास जिंदल, राजीव शर्मा, संगठन मंत्री अश्विनी महाजन, आशु शर्मा, गुरदीप सिंह भोगल, उमेश सोनी,   अमित गुप्ता आदि उपस्थित थे। 

समाजिक चेतना और जन सरोकारों से जुड़े हुए ब्लॉग मीडिया को मज़बूत करने के लिए आप आप अपनी इच्छा के मुताबिक आर्थिक सहयोग भी करें तांकि इस तरह का जन  मीडिया जारी रह सके।

Thursday 29 September 2022

सांई मूर्ती स्थापना का दसवां आयोजन जालंधर के निकट तीन को

Posted on 29th September 2022 at 06:36 PM Updated on 3rd October 2022 at 10:24 AM

सांय सात बजे शुरू हो कर सांई इच्छा तक चलेगा कार्यक्रम 

जालंधर: 29 सितंबर 2022: (कार्तिका सिंह//आराधना टाईम्ज़):: 

साईं बाबा के भक्तों में एक परिवार डाक्टर जगमोहन उप्पल का भी है। कई बरसों से पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ सांई के चरणों में समर्पित। चिक्तिसा विज्ञान की पूरी शिक्षा और ज्ञान के साथ मान्यता यही कि वही होता है जो सांई करते हैं। ईश्वरीय सत्ता ही सर्वोच्च है और सांई के ज़रिए ही होती है ईश्वर तक पहुंच। वही बनते हैं पुल। वही पकड़ते हैं हर संकट में हमारा हाथ। उनके बिन कोई नहीं हमारा। 
यह परिवार जालंधर में भी सक्रिय हैं और नकोदर के क्षेत्र में भी। उनके साथी भी साईं के भक्त हैं। इस बार खांबरा में सांई बाबा का दसवां मूर्ती स्थापना कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। यह आयोजन सोमवार तीन अक्टूबर 2022 को सांय सात बजे शुरू हो जाएगा। भजन कीर्तन के अलौकिक से संगीत से एक आध्यात्मिक रंग छा जाएगा। एक अमृत वर्षा का अहसास होगा जिसमें वहां पहुँचने वालों में से भी किस्मत वाले लोग ही सराबोर हो पाएंगे। तन और मन के क्लेश की ताप को हर लेंगीं इस अदृश्य अमृत वर्षा की बूंदें।  आप चाहें तो स्वयं पहुंच कर भी इसका अहसास कर सकते हैं। 

इस सारे आयोजन की सफलता के लिए डाक्टर जगमोहन उप्पल के सहयोगी साथियों में राजेश चोपड़ा, सुदेश कक्क्ड़, तरन्नुम कौर खख, मनीत कलसी, सिधानी सहगल के नाम भी उल्लेखनीय हैं। यह साड़ी टीम बहुत ही श्रद्धा आस्था और सम्मान के साथ सारा आयोजन करती है।

इस बार भी इस भव्य आयोजन में सब कुछ देखने वाला होगा। सांई बाबा की कृपा से यहां आने वाले लोगों में भक्ति भावना भी जगेगी और और सब का मालिक एक की भावना भी मज़बूत होगी। आप सभी भी सांईं वंदना के इस आयोजन में शामिल होने के लिए ह्रदय से निमंत्रित हैं। 

दिलचस्प बात यह भी कि इस आयोजन के लिए सक्रिय लोगों के पास सांई बाबा के साथ अपने  अनुभवों की सच्ची कहानियां भी हैं जो आपको बिलकुल नई लगेंगी। आप चाहें तो आप की सच्ची कहानी भी सुनी जाएगी। इस आयोजन में शामिल हो कर आप भी सांईं कृपा के पात्र बन जाएंगे। 

इन सांईं भक्तों के दरम्यान पहुंच कर आप को पावन धाम शिरड़ी की सुखद यात्रा का अहसास होगा। आप इस महान यात्रा के आनंदमई अहसास को महसूस कर पाएंगे। आप सभी के स्वागत में आप सभी को यहाँ मौजूद सभी सांई भक्त उत्सुक और तैयार मिलेंगे। आपको लगेगा जैसे आप एक बड़े सात्विक परिवार में पहुँच गए जिसकी पहुंच भगवान की सत्ता तक है।  

समाजिक चेतना और जन सरोकारों से जुड़े हुए ब्लॉग मीडिया को मज़बूत करने के लिए आप आप अपनी इच्छा के मुताबिक आर्थिक सहयोग भी करें तांकि इस तरह का जन  मीडिया जारी रह सके।

Wednesday 31 August 2022

हर तरफ धूम है गणेश जी की-इस बार विशेष योग भी हैं

गणेश जी के जन्म पर भी इसी तरह के योग थे 

चंडीगढ़: 30 अगस्त 2022: (आराधना टाईम्ज़ ब्यूरो)::

हर तरफ होती है गणेश उत्सव की धूम। इस बार भी है। यहां भी है। हर तरफ होता है एक नया जोश और नया उत्साह। इस त्यौहार पर उत्सव सा माहौल स्वतः ही बन जाता है। मन में खुशियों की लहरें उठने लगती हैं। झूमना और गाना हर तरफ देखा जा सकता है।बच्चे बज़ुरग नौजवान सभी उत्साह में हैं। 

गौरतलब है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणपति बप्पा के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। हर गली मौहल्ले में छोटे बड़े आजोजन देखे जा सकते हैं। इस दिन घर-घर में बप्पा की स्थापना की जाती है। इसका सिलसिला 10 दिनों तक चलता है। गणेश उत्सव का ये पर्व बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। 

गणेश जी की पूजा अर्चना के बिना बात सही से शुरू ही नहीं होती है। इसी से होता है वास्तविक शुभारम्भ। अब तो उत्तर भारत में इसका प्रचलन बहुत बढ़ गया है। उल्लेखनीय है कि हिंदू धर्म में गौरी पुत्र भगवान श्री गणेश को सुख, समृद्धि, वैभव, विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता का प्रतीक माना जाता है। गणेश जी बुद्धि के भी देवता माने जाते हैं। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले भगवान गणेश की पूजा जरूर की जाती है। पौराणिक मान्यता है के अनुसार भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मध्याह्र काल में, स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में हुआ था। भाद्रपद माह की गणेश चतुर्थी को कलंक चतुर्थी और डण्डा चौथ के नाम से भी जाना जाता है। इस बार गणेश चतुर्थी में कुछ विशेष संयोग बन रहे हैं। इस संयोगों से बहुत से लोगों को लाभ मिल सकेगा। इन में से 3 शुभ योग और 1 सर्वार्थ सिद्धि योग शामिल है। आइए जानते हैं चतुर्थी से लेकर चतुर्दशी तक के शुभ योग के बारे में इन योगों पर सही पूजन से फायदा भी पक्का मिलेगा। 

कैसे हैं गणेश चतुर्थी पर बन रहे यह खास संयोग 

कुल मिलाकर इस बार की गणेश चतुर्थी बेहद खास है। इस बरस करीब-करीब वो सभी ख़ास योग-संयोग बन रहे हैं, जो गणेश जी के जन्म पर पर भी बने थे। इसलिए ऐसा अतिविशेष संयोग बार बार कहां आता है। उल्लेखनीय है कि गणपति का आगमन चित्रा नक्षत्र, रवि योग और शुक्‍ल योग में होगा. गणेश चतुर्थी पर दोपहर के समय चित्रा नक्षत्र में ही पार्वती जी ने मिट्टी के गणेश बनाए थे और उसमें प्राण डाले थे। रवि योग और शुक्‍ल योग दोनों को काफी शुभ माना गया है। इसलिए इस सरे संयोग का फायदा भी तकरीबन सभी को ही होगा। 

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि 31 अगस्त, बुधवार को गणेश चतुर्थी है। और इस बार चतुर्थी तिथि रवि योग में है। रवि जोग का खास महत्व होता ही है। रवि योग प्रात: 05:58 बजे से लेकर देर रात 12:12 बजे तक है।  इसके अलावा दो शुभ योग ब्रह्म और शुक्ल योग भी बन रहे हैं। इसमें शुक्ल योग प्रातः काल से लेकर रात 10:48 बजे तक है। उसके बाद से ब्रह्म योग प्रारंभ हो जाएगा। यह तीनों योग पूजा पाठ की दृष्टि से शुभ माने जाते हैं। बड़े बड़े कार्य इन योगों पर सिद्ध हो जाते हैं। 

तिथि के हिसाब से शुभ योग

इसलिए अब धन सम्पदा के रुके हुए काम भी बनेंगे। ज़मीन जायदाद के उलझे हुए मामले भी सुलझ जाएंगे। स्वास्थ्य भी उत्तम हो जाएगा। रिश्ते नातों में भी मिठास आएगी। कारोबारी संबंध भी सुधरेंगे। दुश्मन स्वयं ही मंद पड़ जाएंगे। बस विधि विधान का ध्यान ज़रुर रखियेगा। आस्था से ही होते हैं चमत्कार। आस्था अंतर्मन से ही आएगी। 

इस बार 31 अगस्त, बुधवार को रवि योग प्रात: 05:58 से देर रात 12:12 बजे तक रहेगा। 

इसी तरह 01 सितंबर, गुरुवार को रवि योग, देर रात 12:12 से  प्रातः 05:59 बजे तक रहेगा। 

इसके बाद अगले ही दिन 02 सितंबर, शुक्रवार: सर्वार्थ सिद्धि योग, रात्रि 11:47 से 3 सितंबर, शनिवार प्रातः 06:00 बजे तक बनेगा। 

 फिर उसी तारीख को अर्थात 02 सितंबर, शुक्रवार को भी रवि योग: प्रातः 05:59 बजे से रात्रि 11:47 बजे तक बना रहेगा। 

इसके बाद 3 सितंबर, शनिवार कोई  कोई विशेष योग नज़र नहीं आ रहा। 

फिर 4 सितंबर रविवार को बनेगा सर्वार्थ सिद्धि योग रात्रि 09:43 से प्रातः 06:01 बजे तक, रवि योग भी सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ही। यह एक अति विशेष अवसर होगा। 

फिर 5 सितंबर सोमवार को भी रवि योग, पूरे दिन रहेगा। आपके कार्य गणेश जी की कृपा से सिद्ध होंगें। 

इसके बाद 6 सितंबर, मंगलवार: रवि योग, प्रातः 06:01 बजे से शाम 06:09 बजे तक रहेगा। यह भी बहुत अच्छा अवसर रहेगा। 

अगले ही दिन अर्थात 7 सितंबर, बुधवार को त्रिपुष्कर योग, प्रातः 03:04 बजे से सुबह 06:02 बजे तक रहेगा। साधकों को विशेष लाभ होगा। 

इसके बाद 8 सितंबर, गुरुवार को रवि योग, दोपहर 01: 46  बजे से अगले दिन सुबह 06:03 बजे तक रहेगा। 

9 सितंबर, शुक्रवार को रवि योग, सुबह 06:03 बजे से सुबह 11:35 बजे तक बनेगा। इस काम समय में भी आप सभी लाभाविंत हो सकेंगे। 


Saturday 6 August 2022

हरप्रीत कौर प्रीत ने बताई आध्यत्मिक अनुभवों की कुछ बातें

 ठाकुर दलीप सिंह जी के 69वें प्रकाश पर्व पर विशेष 


लुधियाना: 5 अगस्त 2022: (कार्तिका सिंह//आराधना टाईम्ज़)::

भगवान है या नहीं! है तो किस रूप में है! मिलेगा तो कहां मिलेगा! इन सभी सवालों की जवाब किसी नास्तिक या तर्कशील के लिए निरथर्क हो सकते हैं लेकिन अध्यात्म की दुनिया में इन सवालों के जवाब बहुत बार बहुत से लोगों ने ढूंढे हैं। उन्होंने अपने अपने इष्ट के दर्शन कई कई बार किए हैं। स्वामी विवेकानंद जैसा नास्तिक और तर्कशील व्यक्ति भी जब सवाली रामकृष्ण परमहंस के सनिग्ध्य में आया तो हैरान रह गया। विवेकानंद इन बातों को आसानी से मानने वालों में नहीं था। उसने सीधा सवाल भी किया क्या आप ने भगवान देखा है? जवाब भी इसी तरह का सीधा था स्वामीरामकृष्ण परमहंस ने कहा हां बिलकुल देखा है और तुम्हे भी प्रतक्ष्य दिखा सकता हूँ। स्वामी राम कृष्ण परमहंस  न केवल स्वयं मां काली के दर्शन करते थे बल्कि उन्होंने स्वामी विवेकानंद को भी मां काली के दर्शन करवाए। स्वामी रामकृष्ण परमहंस तो मां से बातें भी करते थे और उन्हें  भोजन भी करवाते थे। यह सब केवल अतीत में नहीं था। आज भी आज ऐसे सिद्ध पुरुष मिल जाते हैं। बहुत सिउ कहानियां हमारे पास हैं लेकिन उनकी चर्चा फिर कभी सही। आज बात करते हैं हरप्रीत कौर प्रीत की जिसकी बातें मधुर भी हैं, रहस्यमय भी बहुत कुछ नया बताने वाली भी और ऑंखें खोलने वाली भी।  

दुनिया की बहुत सी आम लड़कियों की तरह हरप्रीत कौर भी सी लड़की ही थी। नामधारी परिवार था इसलिए घर का माहौल सात्विक था। नाम बाणी और कीर्तन का परवाह किसी न किसी बहाने चलता रहता। नामधारी लाईफ स्टाईल के मुताबिक सफेद रंग की पौशाक उसे दिव्यता प्रदान करती।  जब आंखें बंद करके अरदास में जुड़ती तो लगता किसी और ही दुनिया से आई है। सफेद वस्त्रों में दिव्यता का संदेश देती कोई परी है शायद। वस्त्रों की सफेदी जीवनभर स्वयं को बेदाग़ रखने का संकल्प समरण करवाती रहती है। वह कैसे "एक जोत दो रूप" बनी इसकी भी एक दिलचस्प कहानी है। बिलकुल सच्ची कहानी। 

बहुत पूछने पर वह कहती यह तो मेरा रूहानी खज़ाना है। पूरी तरह व्यकितिगत और गोपनीय। इसे सबसे शेयर  नहीं कर सकती। इससे अध्यात्म की शक्ति क्षीण होने लगती है। इंसान चमत्कारों में उलझ जाता है। ऋद्धियां   सिद्धियां उसे भगवान के सच्चे मार्ग से भटका देती हैं इस लिए इस पर प्लीज़ कुछ मत पूछो। फिर कोई  बात निकालनी पड़ती है। बार बार गुजारिशों करनी पड़ती है पर हरप्रीत कौर प्रीत बस एक झलक की बात बताने को राज़ी हो जाती है।  साथ ही चेतावनी भी देती है ऐसी बातें न किसी से पूछा करो न ही बताया करो। इन अनुभवों को पूरी तरह गुप्त रखने से ही फायदा होता है। भगवान और उसकी दुनिया की झलक आम बातों में आती ही नहीं। जब भगवान चाहते हैं कि दुनिया तक कोई बात पहुंचानी है तो भगवान इसका माहौल भी स्वयं ही तैयार करते हैं। किस के ज़रिए सारी बात कहनी है उसका चुनाव भी भगवान स्वयं करते हैं। मुझे भगवान के विधिविधान में दख्ल देने का कोई अधिकार ही नहीं। जब जब ठाकुर जी कृपा करते हैं तब तब ही मैं कुछ कर या कह पाती हूं। बार बार ज़ोर देने पर वह राज़ी होती है संक्षिप्त सी चर्चा के लिए। वह बताती है जबकी बात है वह वक्त था जब नामधारी समाज के गुरु की ज़िम्मेदारी सतिगुरु जगजीत सिंह जी के चरणों में थी। 

समय तेज़ी से गुज़रता जा रहा था। सतिगुरु जगजीत सिंह जी का शरीर कमज़ोर होता होता क्षीण होता जा रहा था। सतगुरु जगजीत सिंह जी के शरीर छोड़ने के कुछ महीने पहले ही मुझे सपने में उनके दर्शन हुए। इस दर्शन में ही  सतिगुरु जगजीत सिंह जी वो मेरा हाथ किसी और को पकड़ा कर खुद दूर चले गए।  मैं अचंभित थी।  भी थी। कुछ उलझन भी बढ़ गई थी। कौन है वह जिसके हाथों में सतिगिरु जगजीत सिंह मेरा हाथ पकड़ा कर स्वयं  गए हैं। कुछ समझ नहीं आ रहा था। एक दिन खबर आई सतिगुरु जगजीत सिंह जी सचमुच हम सभी को छोड़ कर इस लोक से उस लोक में चले गए हैं। सब अख़बारों  वह नहीं रहे। तब मुझे स्वप्न समझ आने लगा। 

जब गुरु जी शरीर छोड़ कर सचमुच चले गए। तब से उस अज्ञात चेहरे की " मक्खन शाह लुभाने" की तरह तलाश करने लगी। किसको पकड़ाया हाथ? कुछ समझ न आता।  हर पल आंखों में आंसू बहते रहते थे। उस बिरहा के पलों में दर्द शायरी लिखने की आदत पढ़ गई।  मुझे शायरी।   घरेलू लड़की से लेखिका बन गई। मैं उस वक्त भी नहीं जानती थी कि भगवान लीला कर रहे हैं। वास्तव में मुझे  यह दर्द और निखारने के लिए दिया गया था। इस बिरहा के दर्द  दुनिया  करना शुरू कर दिया। इसी तरह दो महीने बीत गए। मुझे अपने नए सदगुरु के दीदार नहीं हुए। मुझे लगता सदगुरु मेरे साथ लुकाछिपी का कोई खेल रहे हैं। हैं। आसपास ही हैं लेकिन दिखाई नहीं दे रहे हैं। 

फिर संकेत मिला नए सदगुरु ठाकुर दलीप सिंह जी ही हैं लेकिन एक बार भी उनके दीदार नहीं हुए। मेरी तड़प शिखर छूने लगी। जहां वो जाते थे, मैं भी वहीँ मिलने के लिए जाती लेकिन मेरे पहुंचने से पहले ही वह कहीं ओर रवाना हो जाते थे। मुझे गुस्सा भी आता। खीझ भी आती लेकिन अंत में केवल आँखों में आंसू ही बचते। फिर किसी अनुभवी साधक ने बताया किस्मत वाली हो। यह आंसू बिना नसीब के कहां  मिलते हैं।  बस इसी तरह काफी देर  चलता रहा। दीवानगी जैसी हालत बन गई। इंतज़ार हर पल रहने लगी। फिर मेरे इंतजार की भी इंतहा हो गई। कहीं से कुछ खबर मिली तो मैं उन्हें मिलने उत्तर प्रदेश स्थित एक गांव में चली गई। वहां पर भी दर्शन तो हुए पर प्यास नही मिट रही थी। उन्हें अपनी बिरहा का हाल सुनाने के लिए  स्टेज पर समय ले लिया। उनकी याद में जो बिरहा के गीत लिखे थे। रोते रोते स्टेज पर ही सुना आई। फिर ठाकुर जी ख़ुद भी वैराग में आ गए। सारा पंडाल ही आंसू बहाने लगा था। शयद मेरी विनती सुन ली गई थी। मेरी तड़प देख। मेरे आंसू उस दर पर कबूल हो गए थे। 

फिर ठाकुर जी से विनती कर चरणों में सीस रख बिरहा शांत करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। तबसे ठाकुर जी ने बांह पकड़ी है " जीवन जीने की कला उन्होंने ही सिखाई है"। मुझमें जो भी है गुण उन्ही के हैं। उस वक्त अहसास हुआ-

गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लगूं पाए। 

बलिहारी गुर आपने, जिन गोविंद दियो मिलाए।।

उसके बाद बहुत कुछ हुआ। बहुत से करिश्मे हुए। बहुत से चमत्कार भी हुए। मैंने तो हैरान होना भी छोड़ दिया। बस एक दर्शक की भांति देखती जाती। मैं किसी काबिल नहीं थी लेकिन ठाकुर जी ने अपनी कृपा से मेरे ही हाथों  बहुत से काम करवाए।  आ जाते हैं। गला है।  लगती है। हम भी कुछ पल रुक जाते हैं। जल्द ही हम कोशिश करेंगे अन्य बातें ही आपके सामने ला सकें अपनी किसी नई पोस्ट में। जिनमें होगी बहुत से दिव्य चमत्कारों और करिश्मों  की बात जो आपको भी हैरान कर देगी। --कार्तिका सिंह 

Tuesday 19 July 2022

श्री श्याम मासिक संकीर्तन मंडल की ओर से एक और प्रयास

बहुत ही श्रद्धा व आस्था से हुआ 48वें मासिक संकीर्तन का आयोजन  


लुधियाना: 19 जुलाई 2022: (कार्तिका सिंह//आराधना टाईम्ज़) :

श्री श्याम मासिक कीर्तन मंडल की ओर से श्याम बाबा का 48 वा मासिक कीर्तन का आयोजन श्याम बाबा की अध्यक्षता में उपकार नगर स्थित पाहवा धर्मशाला में किया गया। इस कीर्तन की सेवा प्रेम कुमार अग्रवाल और रोहित अग्रवाल परिवार द्वारा ली गई। इसमें श्याम बाबा जी के भजनों का गुणगान लुधियाना से हेमंत अग्रवाल और बरेली से निर्मल शर्मा द्वारा किया गया। 

इसमें भजन गायक हेमंत अग्रवाल ने भजन हारे के सहारे आजा तेरा दास पुकारे आजा और निर्मल शर्मा ने भजन झोली भर दे रे श्याम झोली भर दे, दीनानाथ मेरी बात छानी कोनी तेरे से गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया ! इस दौरान परिवार द्वारा श्याम बाबा को छप्पन भोग लगाये गये ! श्रावण का महीना शुरू हो गया है इसी के उपलक्ष्य में संकीर्तन की समाप्ति पर परिवार द्वारा महा आरती भी की गई।

महाआरती सेवा संघ द्वारा पंडित विशाल शास्त्री,आशीष वर्मा और प्रिंस शर्मा  टीम द्वारा महाआरती की गई ! इस अवसर पर प्रेम कुमार अग्रवाल, रोहित अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, हितेन अग्रवाल, अंशुल अग्रवाल, शाह  जी सेवा ट्रस्ट से मनी शाह जी, विशाल कालड़ा ,अमित जैन,शेखर सेतिया, अंशुल अग्रवाल, परबत कुमार,अमर जीत, अभिषेक, निशान, श्री श्याम मासिक कीर्तन मंडल उमेश बजाज, संजय अग्रवाल, अंशुल अग्रवाल, विनोद गोयल , अरुण कुमार जैन, योगेश जैन, हरीश गर्ग, विशाल अरोड़ा, पंकज सिंगला, विशाल अग्रवाल, गौरव गुप्ता, मनीष गुप्ता, मंगल गुप्ता आदि उपस्थित थे।

आचार्य डा. लोकेश की देखरेख में तेज़ी जारी है आरोग्य अभियान

18th July 2022 at 07:01 PM                            Updated 19th July 2022 at 08:00 AM 

महासती प्रवेश माला जैन चैरिटेबल अस्पताल में नि:शुल्क शिविर

लुधियाना: 18 जुलाई 2022: (कार्तिका सिंह//आराधना टाईम्ज़)::

न जल बिन गुज़ारा है, न ही भोजन के बिना और न ही सांस लिए बिना लेकिन हवा, पानी और भोजन सभी कुछ प्रदूषित है। ऐसे में हर दिन नई नई बिमारियाँ सामने आ रही हैं। लोगों के लिए आरोग्य एक सपना बन कर रह गया है। हर घर में और कुछ हो या न हो लेकिन दवायों का डिब्बा ज़रूर मिल जाता है। इस नाज़ुक स्थिति में निराशा का अंधेरा घिरता ही जा रहा है। निराशा के इस अंधेरे में रौशनी की किरण बन कर आए हैं आचार्य लोकेश। लीवर, हार्ट, किडनी, शूगर, बीपी, कमर दर्द कैसी गंभीर समस्याओं के लिए पीड़ा रहित निदान ले कर। बस कुछ दिन का इलाज और सारी उम्र आरोग्य का आनन्द। इसी मकसद को लेकर एक विशेष मेडिकल शिविर का आयोजन किया गया।   

महासती प्रवेश माला जैन चैरिटेबल अस्पताल में नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन बहुत से मरीज़ों के लिए आरोग्य की सौगात ले कर आया।  इसके साथ ही आरोग्य के इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए महासती प्रवेश माला जैन चैरिटेबल हॉस्पिटल मोती नगर आचार्य डॉ. लोकेश की अध्यक्षता में नि:शुल्क प्रशिक्षण भी दिया जाता है।यहां से ट्रेनिंग पाए लोग भी जनसेवा के इस मिशन को आगे बढ़ाते हैं।  

आज के इस कैंप में 100 से ज्यादा लोगों की जांच की गई। इस अवसर पर आचार्य लोकेश ने कहा कि भविष्य में भी।  इस कैंप में 100 से ज्यादा लोगों की जांच की गई। इस अवसर पर आचार्य लोकेश ने कहा कि भविष्य में भी समय-समय पर इस तरह के शिविर आयोजित किए जाएंगे। यहां 10वीं या 12वीं पास लड़के-लड़कियों के लिए आचार्य डॉ.समय-समय पर इस तरह के शिविर आयोजित किए जाएंगे। यहां 10वीं या 12वीं पास लड़के-लड़कियों के योग चिकित्सा ध्यान आयुर्वेद पंचकर्म प्राकृतिक चिकित्सा रेकी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम भी उपलब्ध... प्रत्येक रविवार को नि:शुल्क प्रशिक्षण एवं उपचार शिविर का आयोजन प्राकृतिक चिकित्सा स्वास्थ्य संस्थान लुधियाना द्वारा किया जा रहा है।फायदा उठाना चाहें तो आप भी सम्पर्क कर सकते हैं। 

Wednesday 29 June 2022

1 जुलाई को लुधियाना में विशाल रथयात्रा

  30 जून को विशेष तैयारी बैठक वीबी बिल्डर्स में 


लुधियाना: 29 जून 2022: (आराधना टाईम्ज़ ब्यूरो)::

लगातार कई दशकों से लोकप्रिय होती आ रही भगवान जगन्नाथ रथयात्रा की तैयारियां फिर से ज़ोरों पर हैं। इस बार विशाल रथ यात्रा पहली जुलाई को सांय चार बजे आरम्भ होगी। इस संबंध में तयारी कमेटी की मीटिंग में सभी आस्थावान भक्तों और मीडिया कर्मियों को विशेष तौर पर बुलाया गया है। धर्मकर्म की कवरेज से जुड़े पत्रकार विशेष तौर पर सादर आमंत्रित हैं। यह विशेष मीटिंग 30 जून दिन वीरवार को वीबी बिल्डर्स में होगी। फवारा चौंक के निकट स्थित इस जगह पर होने वाली मीटिंग में रथयात्रा से संबंधित विचार विमर्श होगा और आवश्यक फैसलों के साथ साथ अन्य बातें भी विचारणीय रहेंगी। 

यहां सभी को फिर दे याद दिलाना आवश्यक लगता है कि इस्कॉन व भगवान जगन्नाथ कमेटी के तत्वाधान में 1 जुलाई दिन शुक्रवार को श्री दुर्गा माता मंदिर जगराओ पुल से 4 बजे विशाल रथयात्रा निकाली जाएगी। इस भव्य उत्सव को लेकर इस्कॉन व भगवान जगन्नाथ कमेटी की एक विशेष मीटिंग फव्वारा चौक नजदीक वीबी बिल्डर्स में दोपहर 1 बजे होगी। मीटिंग पश्चात लंच होगा। छप्पन भोग विशेष रुप से आने वाले भक्तों को मिलेगा। कृपा सभी मीडिया कर्मी सादर आमंत्रित है। यह निवेदन जगन्नाथ सेवक संजीव सूद बांका ने विशेष तौर पर किया है। 

Wednesday 22 June 2022

नारी भोग की वस्तु नहीं योग का अवतार है-दिव्य ज्योति जागृति संस्थान

 22nd June 2022 at 3:02 PM

 कैलाश नगर आश्रम में हुआ महिलाओं के लिए विशेष योग आयोजन  


लुधियाना
: 22 जून 2022: (आराधना टाईम्ज़ ब्यूरो)::

योग की लोकप्रियता दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही है। ऐसे ट्रेंड और माहौल में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान ने एक विशेष शिविर आयोजित किया जिसमें महिलाओं के लिए योग के गहरे गुर सिखाए गए। 

दिव्य ज्योति जागृती संस्थान के सामाजिक प्रकल्प संतुलन के तहत अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में कैलाश नगर आश्रम में एक दिवसीय योग शिविर का आयोजन किया गया | जिसमें विभिन्न प्रकार के योगासन जैसे भुजंगासन, नौकासन, तितली आसन, गौमुख आसन, वृक्ष आसन, धनुरासन, वीरभद्र आसन एवं अनुलोम विलोम, कपाल भाती, नाड़ी शोधन आदि प्राणायाम करवाए गये और इन सभी आसनों एवं प्राणयाम के विभिन्न लाभों के बारे में बताया |

इस अवसर पर उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए साध्वी वीरेशा भारती जी ने बताया कि प्राचीन भारतीय ज्ञान में योग बहुत अधिक महत्व रखता है । यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने का एक उत्तम साधन है बल्कि मनुष्यों को मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर कारगर पद्धति को  प्रदान करता है । योग की उत्पत्ति ऋषि पतंजलि द्वारा दिए गए “पतंजलि योग सूत्र " से हुई है । योग , जैसा कि नाम से ही समझ आ जाता है की एक ऐसी पद्धिति है जिससे शरीर , मन , और आत्मा में समरसता की स्थापना की जा सके । यह न केवल शरीर को स्वस्थ , लचीला और विषाणुओ के विरुद्ध प्रतिरक्षा प्रदान करता है , बल्कि हमारे मन को भी एकाग्रता एंव तदनुसार कार्य करने के लिए भी मार्गदर्शन करता है । 

साध्वी जी ने योग के महत्व को बताते हुए कहा कि शिव संहिता में मुख्यतः 84 प्रकार के  योगासनों का वर्णन हैं जिन्हें हर वर्ग का व्यक्ति कर सकता है | प्रत्येक व्यक्ति को शारीरिक एंव मानसिक स्वास्थ्य को प्राप्त करने के लिए हर रोज योग करना चाहिए |

Friday 3 June 2022

विश्वास फाउंडेशन के कैंप में किया 78 युवाओं ने रक्तदान

3rd June  2022 at  4:27 PM

 गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक सेक्टर 26 पंचकूला में हुआ विशेष आयोजन 

पंचकूला: 3 जून 2022: (आराधना टाईम्ज़ ब्यूरो):: 

गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक सेक्टर 26,  व इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी जिला शाखा पंचकूला द्वारा संयुक्त रूप से मिलकर कॉलेज के हॉल में रक्तदान शिविर लगाया। शिविर में भारतीय स्टेट बैंक सेक्टर 26 के ब्रांच मैनेजर श्री वेंकटेश ने भी सहयोग किया। इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी की सचिव श्रीमती सविता अग्रवाल ने भी रक्तदताओं का हौंसला बढ़ाया व रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया। भीषण गर्मियों की वजह से अस्पतालों में भारी मात्रा में रक्त की कमी चल रही है इसी को देखते हुए रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। रक्तदान करने में कॉलेज के छात्र बढ़ चढ़ कर आगे आए।    

विश्वास फाउंडेशन की महासचिव साध्वी नीलिमा विश्वास ने बताया कि शिविर का उद्घाटन मुख्यातिथि कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभागहरियाणा के महानिदेशक श्री रमेश चंद्र बिधान (आईएएस) व कॉलेज के प्रिंसिपल दलजीत जी के करकमलों द्वारा रक्तदताओं को बैज लगाकर किया। ब्लड बैंक जीएमएसएच सेक्टर 16 चंडीगढ़ की टीम ने डॉक्टर सिमरजीत कौर गिल की देखरेख में 78 यूनिट्स रक्त एकत्रित किया। डॉक्टरों द्वारा को किन्ही कारणों की वजह से रक्तदान करने के लिए मना कर दिया गया। शिविर को सफल बनाने में कॉलेज के स्टाफ ने खूब प्रयास किया।

श्री रमेश चंद्र बिधान ने बताया कि लोगों में यह भ्रम है कि रक्तदान करने से शरीर में कमजोरी आती है। रक्तदान के कारण कोई कमजोरी नहीं आतीबल्कि सभी को 90 दिन में एक बार अवश्य ही रक्तदान करना चाहिए। इससे जरूरतमंदों को मदद मिलती है साथ ही शरीर स्वस्थ रहता है। रक्तदान जैसा पुनीत काम सबसे बड़ी सेवा में आता है। रक्त ही एकमात्र ऐसा पदार्थ है जिसका निर्माण किसी फैक्ट्री में नहीं किया जा सकता।

कॉलेज के प्रिंसिपल दलजीत जी ने बताया कि केवल स्वयं अपनी मर्जी से रक्तदाताओं द्वारा रक्तदान करने से ही रक्त की कमी पूरी की जा सकती है। पहले रक्तदान जब जरूरत होती थी तब किया जाता था। अब तो कई लोग ऐसे भी हैंजो जन्मदिन और शादी की सालगिरह पर भी रक्तदान करते हैं। रक्तदान जीवन का सबसे बड़ा दान हैजिससे मनुष्य ना जाति देखता है ना धर्म देखता। यह मनुष्य के लिए जीवन का सबसे पुनीत कार्य है। रक्तदान करके ही हम जरूरतमंदों की जान बचा सकते हैं।

इस रक्तदान शिविर में आये सभी क्तदानियों को प्रशंसा पत्र व गिफ्ट देकर प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर गंभीर सिंह व विश्वास फाउंडेशन से मुलखराज मनोचा, सुनीता मनोचा, शत्रुघन कुमार, विशाल कुवर, नीरज यादव व अन्य गणमान्य अतिथि भी मौजूद रहे।


Wednesday 1 June 2022

हमें आपकी इंतज़ार है

 कृपया दिव्य लोक के जिज्ञासुयों की तलाश आसान कीजिए  


सारा जहां तुम्हारा
: 01 जून 2022: (आराधना  टाईम्ज़ डेस्क टीम)::

विज्ञान तरक्की कर रहा है। नई से नई तकनीक हर तरह का सुख सुविधा प्रदान करने के सक्षम होती जा रही है लेकिन इस सब के बावजूद मानव के जीवन में आनन्द खोता चला जाता रहा है। उसके जीवन में सुख, चैन, सकून दिन प्रति दिन कम होता जा रहा है। 

आप अध्यात्म के जिस मार्ग पर हैं उस पर चल कर आज भी अभूत सी संभावनाएं हैं। उस राह पर सच्चा अलौकिक आनंद मिल सकता है लेकिन इस मार्ग पर भी बहुत से लोग है  जिनमें सच्चे लोगों की पहचान करना नामुमकिन नहीं तो मुश्किल ज़रूर है। ऐसे में आप हमें सहयोग दे सकते हैं। हम सभी अच्छे लोगों को आम जनता के सामने लाने के लिए प्रयासशील हैं।  

हमें बहुत ही ख़ुशी होगी यदि आप अपने सम्बन्ध में संक्षिप्त विवरण, तस्वीरें, आपने आगामी आयोजनों के कार्यक्रम और ज़िंदगी व मृत्यु के सम्बन्ध में अपने विचार भेजने//भिजवाने का कष्ट कर सकें। हम उन्हें अपने इस लोकप्रिय मीडिया में निशुल्क प्रकाशित करेंगे। इसके साथ ही आपके शिविर आयोजित करने करवाने में भी आपके सहयोगी बनेंगे। इसके साथ ही आपसे वीडियो भेंट रिकार्ड करने का प्रस्ताव भी अपनी संचालन समिति की बैठक में रखेंगे। कृपया अपना मोब्बईल नंबर//वटसप नंबर और इमेल इत्यादि भी अवश्य भेजें। --कार्तिका सिंह 

Karthika Singh 

Aradhana Times Media Group 

Email: medialink32@gmail.com

            punjabscreen@gmail.com

WhatsApp:

+919915322407

+919888272045

Tuesday 24 May 2022

ब्राह्मण समाज ने चेतना सम्मेलन में भरी हुंकार

24th May 2022 at 2:05 PM

ब्राह्मण हिंदू समाज को संगठित करके राष्ट्र सेवा में लगे हैं 

पंडित सुनील भराला ने किया संस्कृति,धर्म,सेवा और समर्पण में अग्रसित होने का भी दावा 


लुधियाना
: 24 मई 2022:  (आराधना टाईम्ज़ ब्यूरो)::
महानगर के पंजाब ट्रेड सेंटर मिल्लरगंज में ब्राह्मण समाज द्वारा राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा के बैनर तले ब्राह्मण चेतना सम्मेलन और भगवान परशुराम जयंती के उपलक्ष में कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम मंत्री पंडित सुनील भराला मुख्याथिति रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करने वालों में राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भृगुवंशी आशुतोष पांडे ने की कार्यक्रम में नागेंद्र शर्मा अध्यक्ष सुशासन विभाग भाजपा हरियाणा, उद्योगपति टी आर मिश्रा, नामधारी समाज के प्रमुख संत ठाकुर दलीप सिंह जी की तरफ से स.हरविंदर सिंह नामधारी और ब्राह्मण समाज के वरिष्ठ नेता राजेश मिश्रा विशेष तौर पर उपस्थित रहे। 
इस आयोजन में रिग्स इंटरनेशनल स्कूल अंबेडकर नगर के बच्चो ने मंत्रों के उच्चारण किए कार्यक्रम का संचालन पंडित अवधेश पांडे ने किया भगवान परशुराम जी के पूजन अर्चन उपरांत आरंभ हुए इस कार्यक्रम में संगोष्ठी दौरान विद्वान ब्राह्मणों ने अपने विचारों से सदन को अवगत करवाया और समाज के हर विषय पर विस्तृत चर्चा हुई। 
इस आयोजन को संबोधन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम मंत्री पंडित सुनील भराला ने कहा की ब्राह्मण समाज ज्ञान और संस्कारों का धनी है। आज कुछ अराजक तत्व भगवान परशुराम जी के इतिहास और उनके विचारों को तोड़मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। हमे अपने इतिहास अपने आराध्य देव और संस्कृति को हर घर में पहुंचाना है। आज हमारा ब्राह्मण समाज हिंदू समाज को संगठित करके राष्ट्र, संस्कृति,धर्म,सेवा और समर्पण में अग्रसित है। हमे अपने साथ साथ अन्य वर्गो के उत्थान के लिए भी संकल्पित होना होगा। ब्राह्मण हर वर्ग का कल्याण चाहता है कार्यक्रम में विदेश से नामधारी समाज के प्रमुख गुरु ठाकुर दिलीप सिंह जी का दूरभाष के माध्यम से उद्बोधन हुआ जिन्होंने शहीद ब्राह्मणों का ज़िक्र करते सभा को उनकी याद में आयोजन हेतु प्रेरित करते चेतना सम्मेलन की बधाई दी। 
इस अवसर पर भृगुवंशी आशुतोष पांडे ने कहा कि संगठन समाज को इकठ्ठा करके समाज की लड़ाई को हर स्तर पर लड़ने का प्रयास कर रहा है। अन्य आयोगों की तर्ज पर स्वर्ण आयोग का गठन होना चाहिए तभी इस वर्ग का कल्याण हो सकता है। इस अवसर पर अतिथियों को सम्मानित भी किया गया। 
कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों का धन्यवाद संगठन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र मिश्रा ने किया इस अवसर पर ए एन मिश्रा,सुनील त्रिपाठी, पराग दत्त शुक्ला, डी एस ठाकुर, रमेश पांडे,दिनेश मिश्रा, सुनील तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी, प्रशांत पाठक, नागेंद्र मिश्रा, दिनेश चौबे, राजेश पांडे, मंत्री पांडे, राजमणि मिश्रा, अजय कौशिक, पल्लू तिवारी, राम चन्द्र दिवेदी, संतोष उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे। 

Wednesday 11 May 2022

पशुपालकों/गोशालाओं के सामने सुखा चारा का अभुतपूर्व संकट गहराया

10th May 2022 at 11:16 PM

ईंधन के रूप में बढ़ रहे प्रयोग से गहरा है चारे का संकट 

घास-चारा-पराली के ईंट भट्टों,कागज मिलों आदि फैक्ट्रियों में कच्चे माल का होता है ईंधन के रूप में प्रयोग 

देश के संतवृंदो ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों एवं मुख्य सचिवों को भी लिखा पत्र 

प्रकृति एवं परमात्मा ने सभी फसलों के ऊपरी भाग अनाज व तिलहन को मनुष्य के लिए तथा नीचे का घास व भूसा-चारा गोवंश व पशुधन हेतु ही प्रदान किया है                                                                                          पूनम राजपुरोहित मानवताधर्मी ने उठाया मुद्दा 


लुधियाना
:10 मई 2022: (आराधना टाईम्ज़ ब्यूरो)::

सुखा घास-चारा-पराली-भूसा के कागज मिलों,ईंट भट्टों एवं फैक्ट्रियों में उपयोग से पंजाब के समस्त गोवंश एवं पशुपालकों के सामने अभुतपूर्व संकट खडा हो गया है। पंजाब की 500 से अधिक तथा देश में संचालित हजारों गोशालाओं में अधिकतर अपंग,वृद्ध,लाचार,बीमार,दुर्घटनाग्रस्त एवं कत्लखानों जाते हुए छुडाये गये लाखों संख्या में गोवंश की सुचारू सेवा-सुश्रुषा बुरी तरह प्रभावित हो रही है। चारे की अनुपलब्धता एवं अभुतपूर्व मंहगाई से गोशालाओं तथा आम पशुधन पालकों के सामने भयंकर आर्थिक समस्या है। चारा के भाव दुगुने होकर आसमान छू रहे है और घास-चारा की खरीद असंभव हो रही है।

उपरोक्त व्यक्तव्य देते हुए श्रीपथमेडा गोधाम महातीर्थ एवं गोसेवा मिशन के वरिष्ठत्तम गोसेवक तथा राष्ट्रीय गो-अधिकार विचार मंच के संस्थापक अध्यक्ष पूनम राजपुरोहित मानवताधर्मी ने पंजाब सरकार से तत्काल प्रभाव से सुखी तुडी-पराली-भूसा आदि पषुधन के प्राण बचाने वाले सभी प्रकार के सुखे घास-चारा को कागज मिलों,ईंट भट्टों एवं फैक्ट्रियों में कच्चे माल तथा र्इ्रंधन के रूप में उपयोग पर कठोरता से प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि गोसेवा मिशन के अध्यक्ष स्वामी कृश्णानंद महाराज ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद,पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान,राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और सभी प्रमुख प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों एवं मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर देश के समस्त गोभक्तों-गोसेवकों,गोशाला संचालकों एवं पशुपालक जनमानस की समस्याओं से अवगत करवाया है।

देश के प्रमुख गोसेवा-गोरक्षा आन्दोलनों के अग्रदूत रहे श्री राजपुरोहित ने कहा है कि ‘‘प्रकृति एवं परमात्मा ने फसलों का ऊपरी भाग अनाज व तिलहन को मनुष्य तथा नीचे का घास-भूसा-चारा गोवंश व पशुधन के लिये बनाया है। अतः इस प्राकृत एवं व्यवहारिक नियम से घास-चारा पर एकमात्र अधिकार गोवंश और पशुधन का है। गोवंश देश व राज्यों की अर्थव्यवस्था,ग्रामीण रोजगार,प्राकृतिक खेती,मानव स्वास्थ्य तथा पर्यावरण संरक्षण का मूल आधार है। उन्होंने कहा है कि घास-चारा का अनावश्यक स्टाक पर सख्त कार्यवाही कर सरकार गोशालाओं एवं पशुपालकों को सस्ता घास-चारा उपलब्ध करवाये।’’

सुप्रसिद्ध विचारक,चिंतक,लेखक एवं गोसेवा-गोरक्षा विषयक जाने माने नीतिकार पूनम राजपुरोहित ने स्वामी कृष्णानंद महाराज द्वारा लिखे गये पत्र को पथमेडा संस्थापक गोऋषि स्वामी दत्तशरणानंद महाराज,मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्रदास महाराज तथा स्वंय उनकी भावनाओं का समावेश बताया है। उन्होंने गोसेवा मिशन के आन्दोलनात्मक प्रयासों पश्चात होशियारपुर जिला कलेक्टर द्वारा सभी प्रकार की फेक्ट्रियों में कच्चा माल एवं ईंधन के रूप में सुखे घास-तुडी उपयोग पर 08 मई,2022 को पाबंदी लगाने के आदेश को पूरे पंजाब एवं देश में तत्काल लगाने की मांग उठाई है।

संपर्कः- 9414154706]7742897640  

आराधना टाईम्ज़ से WhatsApp पर भी जुड़िये