Monday 27 December 2021

माया नगर में भी संगत ने याद की साहिबज़ादों की कुर्बानी

 गुरुद्वारा साहिब में हुए शहीदी पर्व पर विशेष आयोजन 

लुधियाना
: 27 दिसंबर 2021: (कार्तिका सिंह//आराधना टाईम्ज़):: kurbani
जब सारी दुनिया क्रिसमिस और नए वर्ष का स्वागत करने में खोई हुई है उस समय सिख पंथ के लोग और सिख पंथ से स्नेह रखने वाले दिसंबर के महीने में उन कुर्बानियों को याद क्र रहे हैं जो गुरु गोबिंद जी साहिब ने अन्याय के खिलाफ लड़ते हुए दी। दो साहिबज़ादे जंग में जूझते हुए शहीद हुए और दो छोटे साहिबज़ादे दीवारों में चिनवा कर शहीद कर  दिए गए। जिन को उनकी क़ुरबानी याद है और अपनी पगड़ी और दाढ़ी की लाज का लिहाज़ है वे लोग इस महीने में शराब पी कर खुशियां नहीं मनाते। वे गुरु जी के जीवन को याद करते हुए उन कुर्बानियों की बात करते हैं जो उन्होंने हम सभी के लिए दी। वे पाठ करते हैं, कीर्तन करते हैं और अरदास करते हैं। सिख पंथ के संदेश को हर जगह फैलते हैं। सरबत्त का भला मांगने वाले इस महान पंथ की जय जय कार करते हैं। सिर दे कर मिली सरदारी पर कोई आंच नहीं आने देते। लंगर या सेवा में किसी मतभेद को नज़दीक नहीं फटकने देते। गुरु जी की बात को याद रखते हैं कि चार मुये तो क्या हुआ जीवित कई हज़ार। सच्चे सिंह याद रखते हैं कि वे गुरु गोबिंद सिंह और माता साहिब कौर की संतान हैं। 
इस नज़रिए से लुधियाना के माया नगर के गुरुद्वारा साहिब में भी संगत जुडी और उन महान कुर्बानियों ओके याद किया। गुरुबाणी के पाठ हुए और कीर्तन भी हुआ। इस तरह उन साहिबज़ादों को याद किया गया। नतमस्तक हो कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। 
इस शहीदी पर्व को मनाने के लिए गुरुद्वारा श्री गुरु नानक देव जी माया नगर लुधियाना में विशेष आयोजन हुआ। मंच संचालन किया कोमलप्रीत कौर ने, आयोजन की तैयारी करवाई जसप्रीत कौर और हमीर कौर ने। इस आयोजन में कवितायेँ भी पढ़ीं गयीं और लेक्चर भी हुए। 
गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान करतार सिंह बावा और चेयरमैन रंजीत सिंह (नेशनल अवार्डी), कमेटी की महासचिव कवलजीत कौर डाली ने सभी प्रबंध अपनी देख रेख में स्वयं शामिल हो कर पूरे करवाए। भाई कश्मीर सिंह के रागी जत्थे ने वैरागमई कीर्तन किया। ज़ुल्म के खिलाफ सिख पंथ के ऐतिहासिक जोश को बढ़ाने वाले शब्दों का भी गायन किया। ग्रंथि भाई कल्वीर सिंह ने भी सफलता के लिए सभी आवश्यक कार्यों में योगदान दिया। लंगर की सेवा हरचरण सिंह रंगी ने निभाई। इलाके की संगत ने सुबह सुबह घरों से निकल कर इस सतसंग में भाग लिया।  

Sunday 19 December 2021

श्री कृष्ण बलराम रथ यात्रा को ‘राज्य उत्सव’ के तौर पर मनाने का ऐलान

 Sunday 19th December 2021 at  4:25 PM

मुख्यमंत्री चन्नी द्वारा लुधियाना के इस्कॉन मंदिर के लिए 2.51 करोड़ रुपए देने का भी ऐलान 

*आत्मिक शान्ति के लिए पिछले 25 सालों से रोज़ाना भगवद गीता के श्लोक का पाठ कर रहा हूं-चन्नी


लुधियाना
: 19 दिसंबर 2021: (कार्तिका सिंह//आराधना टाईम्ज़ डेस्क)::

मुख्यमंत्री पंजाब स. चरणजीत सिंह चन्नी ने आज श्री कृष्ण बलराम रथ यात्रा को ‘राज्य उत्सव’ के तौर पर मनाने का ऐलान किया। कैबिनेट मंत्री श्री भारत भूषण आशु, विधायकों श्री सुरिन्दर डावर, श्री संजय तलवार और स. कुलदीप सिंह वैद्य और विभिन्न मशहूर शख्सियतों के साथ मुख्यमंत्री आज रथ यात्रा के मौके पर नतमस्तक हुए।

इस मौके पर मुख्यमंत्री स. चरणजीत सिंह चन्नी ने लुधियाना के इस्कॉन मंदिर के लिए 2.51 करोड़ रुपए देने का ऐलान भी किया।

श्री दुर्गा माता मन्दिर के नज़दीक करवाए समागम के दौरान संबोधन करते हुये मुख्यमंत्री स. चन्नी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण जी के सम्मान के तौर पर पंजाब सरकार की तरफ से हर साल श्री कृष्ण बलराम रथ यात्रा को ‘राज्य उत्सव’ के तौर पर मनाया जायेगा।

भगवत गीता के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हुये मुख्यमंत्री ने बताया कि जब वह लगभग 25 साल पहले काऊंसलर बने थे तो एक नेक रूह ने उनको मन की शान्ति के लिए पवित्र भगवद गीता का एक श्लोक हर रोज़ पढ़ने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा कि पवित्र गीता ने उनके जीवन का मार्गदर्शन किया और कहा कि नौजवानों को भी भगवद गीता की शिक्षाओं को ग्रहण करना चाहिए और अपने जीवन में अमल लाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि यदि गीता में लिखे श्लोकों में से कोई व्यक्ति किसी एक श्लोक को धारण कर सकता है, तो यह जीवन में सफल होने के लिए काफ़ी है।

उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब सरकार की तरफ से पटियाला में 20 एकड़ ज़मीन पर श्री भगवद गीता और रामायण शोध केंद्र विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि धार्मिक गीता प्रेरणा का सबसे बड़ा स्रोत है जो हमें हमारे जीवन की बेहतरी की तरफ सीख देती है। उन्होंने कहा कि रामायण, महाभारत और भगवद गीता के महाकाव्य ग्रंथों में ज्ञान के द्वारा हमारे विवेक में और विस्तार करने के लिए पटियाला में एक विशेष शोध केंद्र स्थापित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री की तरफ से 25वीं श्री कृष्ण बलराम रथ यात्रा को भी हरी झंडी देकर रवाना किया गया।

कैबिनेट मंत्री श्री भारत भूषण आशु ने श्री कृष्ण बलराम रथ यात्रा के प्रबंधकों के साथ अपनी सांझ को याद किया। उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए मान महसूस हो रहा है कि मैं इस समागम के साथ 1996 से जुड़ा हुआ हूं, जब मैं नगर काऊंसलर था।

उन्होंने कहा कि दो सालों के समय के बाद निकाली जा रही इस रथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है।

इस मौके पर मेयर श्री बलकार सिंह संधू, सीनियर डिप्टी मेयर श्री शाम सुंदर मल्होत्रा, पी.एम.आई.डी.बी के चेयरमैन स. अमरजीत सिंह टिक्का, डिप्टी कमिशनर श्री वरिन्दर कुमार शर्मा, पुलिस कमिशनर स. गुरप्रीत सिंह भुल्लर के अलावा अन्य भी उपस्थित थे।

----------

Wednesday 15 December 2021

सिख कौन है//ठाकुर दलीप सिंह जी की कलम से विशेष लेख

15th December 2021 at 9:12 PM

किन श्रद्धालुओं को मिलाकर , “सिख पंथ/धर्म” बनता है ?

१ਓ सतिगुरु प्रसादि।                 


सतगुरु नानक देव जी पर श्रद्धा रखने वाला प्रत्येक प्राणी “सिख" है , क्योंकि "सिखी" श्रद्धा से है; मेरे प्रभि सरधा भगति मनि भावे ( महला १ ) | जिस सर्प ने गुरु जी पर छाया की थी, वह भी “सिख" था। सभी गुरु नानक नाम लेवा (नानक पंथियों) को मिलाकर ही "सम्पूर्ण सिख पंथ" बनता है। 
इस लेख के लेखक
ठाकुर दलीप सिंह
 
"सिख पंथ", केवल “अमृतधारी खालसे" ही नहीं, जबकि “अमृतधारी खालसे " ( खालसा पंथ ) तो सम्पूर्ण सिख पंथ का एक श्रेष्ठ अंग है। भाई कन्हैया, भाई नंदलाल , दीवान टोडर मल आदि सिख; दसवें पातशाह जी के समय भी “अमृतधारी" नहीं थे लेकिन वो भी महान “ सिख" थे। आज जो भी हिन्दू, मुसलमान, जैन, बौद्ध आदि गुरु जी पर श्रद्धा रखते हैं, वो  सभी “नानकपंथी ” हैं और “सिख” ( शिष्य / मुरीद ) है। क्योंकि , गुरु जी ने कभी कोई अलग पंथ/धर्म नहीं बनाया और न ही उन्होंने कभी यह वचन दिया : " मैं यह अलग से नया पंथ बना रहा हूँ, इसका नाम “ सिख " (*अ ) होगा। 

यदि गुरु जी ने अपना नया अलग पंथ बनाकर उसको “सिख" नाम दिया होता तो मुसलमानों के बड़े - बड़े पीर : जैसे साईं मियां मीर, पीर बुद्धु शाह आदि ; कभी भी गुरु जी के श्रद्धालु न बनते। यदि गुरु जी ने अलग से नया पंथ बनाया होता, तो पीर भीखन शाह दो कुज्जियों  के स्थान पर, तीन कुज्जियाँ ले कर आता। लेकिन गुरु जी ने अपना अलगाव: अलग धर्म, अलग पंथ कभी बनाया ही नहीं। गुरु जी ने तो चमत्कार/दैविक शक्तियाँ  दिखाईं और साँझा शुभ उपदेश दिया, तभी: लामे, हिन्दू, मुसलमान, बौद्ध आदि सभी सतगुरु नानक देव जी के श्रद्धालु सेवक बने। इसलिए प्रत्येक गुरु नानक नाम लेवा श्रद्धालु “सिख" है। जो भी सतगुरु नानक देव जी को मानता/श्रद्धा रखता है और उनके गद्दी नशीन गुरु साहिबानों को मानता है; चाहे वह एक को माने या अधिक को माने; वह मनुष्य अपने उसी विश्वास व श्रद्धा के साथ ही सिख/शिष्य/मुरीद है। जैसे:मुसलमान, धीरमलिए, रामराईए, सहजधारी, नामधारी आदि।

“गुरु नानक पंथियों” को, वे जिस विश्वास से भी सतगुरु नानक देव जी व उनके गद्दी नशीन गुरु साहिबानों को मानते हैं, उन श्रद्धालुओं को, उसी रूप में “ नानक पंथी ” होने के कारण “सिख" स्वीकार करना उचित है। जैसे उदासी: सतगुरु नानक देव जी के उपरांत बाबा श्री चन्द जी को, रामराईए: बाबा राम राए जी को और नामधारी: सतगुरु राम सिंह जी को मानते हैं। इसी तरह अन्य संप्रदायों की भी अपनी-अपनी मान्यताएं व विश्वास हैं, उनके विश्वास को उसी तरह ही स्वीकार  कर लेना चाहिए और किसी भी संप्रदाय को अपने विश्वास व मान्यताएं, दूसरी संप्रदाय पर थोपने नहीं चाहिए। यदि हम इस उत्तम व विशाल सोच को अपना लें, तो सभी गुरु नानक पंथियों को मिलाकर सिख पंथ की गिनती 50 करोड़ से भी अधिक हो जायेगी। (क्योंकि बहुत से हिन्दू कहलाये जाने भाई, सतगुरु नानक देव जी को मानते हैं) 

अक्टूबर-2019 में जब कराची में नगर कीर्तन निकला तो सिंधी संगत को सुसावगतम कहने के लिए  ननकाना साहिब से सैंकड़ों की संख्या में लोग बहुत ही प्रेम और सम्मान के साथ आए-देखो कितनी आस्था है सिंधियों में-नानक सभी के हैं Courtesy Photo
क्योंकि, सतगुरु नानक देव जी की रंग-बिरंगी फुलवारी के रंग-बिरंगे फूल; कई सम्प्रदाओं  के रूप में हैं। कुछ “गुरु नानक नाम लेवा सम्प्रदायों" के नाम निम्नलिखित हैं, परन्तु सभी नहीं मिले:

1) उदासी  2) सिन्धी  3) धीरमलिए 4) रामराईए  5) सति करतारिए  6) हिंदालिए  7) हीरा दासिए  8) नामधारी  9) निरंकारी  10)  निहंग  11) बंदई  12) निर्मले 13) सेवा पंथी  14) गहिर गम्भीरिए  15 ) नीलधारी 16) अकाली 17) भगतपंथी 18) सिकलीगर 19) सतनामी  20) जौहरी 21) अफगानी  22)  मरदाने के  23) असामी  24) लामे  25) वनजारे  26) अगरहारी   27) सहजधारी आदि। 

विशेष: इन सम्प्रदाओं की मान्यताएं, बाहरी स्वरुप और परंपराएं अपनी-अपनी, अलग-अलग हैं। उस अंतर व विलक्षणता के कारण ही सतगुरु नानक देव जी की फुलवाड़ी रंग-बिरंगी है। उस रंग-बिरंगी फुलवाड़ी को रंग-बिरंगी ही रखने की आवश्यकता है। 

 (अ) संस्कृति के “शिष्य" शब्द से पंजाबी का शब्द “सिख" बना है । गुरु जी के शिष्य / सिख होने के कारण हमारा 'सिख' नाम प्रचलित हो गया है। जोकि सही है, इस नाम का उपयोग करना उचित है। आज विश्व भर में "सिख" नाम वाले धर्म / पंथ का बहुत यश है।

 नोट: सिख पंथ की चढ़दी कला (उन्नति) चाहने वाले सज्जन, अपने विचार (तर्क सहित) बेझिझक होकर निम्नलिखित नंबरों व ईमेल द्वारा भेजने की कृपालता करें:                                                                                             --ठाकुर दलीप सिंह जी 

संपर्क नंबर : राजपाल कौर 9023150008 , रतनदीप सिंह 9650066108 

ई-मेल:  rajpal16773@gmail.com       ratandeeps5@gmail.com

---------------------------------------------------------------------------------------------------


तुम जब जाते हो मंदिर तो तुम मांगने जाते हो ! तुम्हारी प्रार्थना झूठी है ! नानक भी जाते है ! वे धन्यवाद देने जाते है ! वे कहने जाते है , जो तूने दिया है वह भरोसे के बाहर है ! कोई कारण नही मेरे भीतर की मुझे मिले ! कोई मेरी योग्यता नही ! न मिले , शिकायत करने का कोई उपाय नही ! और तू देता चला जाता है !
परमात्मा औघड़ दानी है, अस्तित्व दिए चला जाता है ! और हम? हमसे ज्यादा कृतघ्न लोग खोजने कठिन है! हम धन्यवाद भी नही दे सकते! उसके देने का अंत नही है और हमारी कृतघ्नता का कोई अंत नही! हम कृतज्ञता भी प्रगट नही कर सकते ! हम यह भी नही कह सकते की धन्यवाद! कि हम आभारी है! कि तेरा शुक्रिया! उतना भी हमसे नही होता ! उतने में भी हमें बड़ी कठिनाई मालूम पड़ती है! हमारा कंठ अवरुद्ध हो जाता है ! --- ओशो ( एक ओंकार सतनाम )

बिमारी कभी अकेली क्यूं नहीं आती?-ओशो

पढिए तन्त्र स्क्रीन में 

Sunday 28 November 2021

हिमाचल के राज्यपाल ने माता चिंतपूर्णी मंदिर में टेका माथा

28th November 2021 at 7:06 PM

इसी दौरान चिंतपूर्णी मार्ग रेलवे स्टेशन को भी पूरी तरह से जांचा

शिमला: 28 नवम्बर, 2021: (देवभूमि स्क्रीन//आराधना टाईम्ज़)::

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता चिंतपूर्णी मंदिर में माथा टेका और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की। राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर माता चिंतपूर्णी की संध्या आरती में भी शामिल हुए और मां का आशीर्वाद लिया।

उन्होंने कहा कि माता चिंतपूर्णी मंदिर में करोड़ों भक्तों की आस्था है तथा यहां विश्व भर से श्रद्धालु मां के दर्शन करने के लिए आते हैं। राज्यपाल ने श्रद्धालुओं को प्रदान की जा रही सुविधाओं पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि प्रदेश सरकार चिंतपूर्णी मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का निरंतर विस्तार कर रही है।

अतिरिक्त उपायुक्त ऊना डाॅ. अमित कुमार शर्मा ने इस अवसर पर राज्यपाल को माता चिंतपूर्णी की चुनरी तथा स्मृति चिन्ह भेंट किया।

इससे पूर्व राज्यपाल ने चिंतपूर्णी मार्ग रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया और यहां ट्रेन से मां चिंतपूर्णी के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को प्रदान की जा रही सुविधाओं का जायजा लिया। राज्यपाल ने कहा कि चिंतपूर्णी मार्ग रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं के लिए अच्छी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं तथा प्रदेश सरकार सुविधाएं बेहतर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि चिंतपूर्णी मार्ग रेलवे स्टेशन से चिंतपूर्णी मंदिर के लिए एक सड़क का निर्माण प्रस्तावित है, जिस पर कुछ कार्य होना बाकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस सड़क के निर्माण के लिए प्रयासरत है, जिससे चिंतपूर्णी मार्ग रेलवे स्टेशन से चिंतपूर्णी मंदिर की दूरी 12 कि.मी. रह जाएगी। राज्यपाल ने उम्मीद जताई कि बहुत जल्द इस प्रस्तावित सड़क का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा, जिससे श्रद्धालु लाभान्वित होंगे।

राज्यपाल ने चिंतपूर्णी में अपने पारिवारिक मित्र मलकीयत सिंह से भी घर जाकर मुलाकात की और उनका कुशलक्षेम जाना। इस अवसर पर विधायक चिंतपूर्णी बलबीर सिंह, उप-मंडलाधिकारी मनेश कुमार यादव सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

हिमाचल प्रदेश की अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहिए देवभूमि स्क्रीन 

Saturday 13 November 2021

हिमाचल के सिरमौर ज़िला में अन्तरराष्ट्रीय रेणुका जी मेला शुरू

 13th November 2021 at 9:33 PM

 मुख्यमंत्री ने मेले की प्रथम सांस्कृतिक संध्या की अध्यक्षता की 


शिमला
:13 नवम्बर 2021: (देवभूमि स्क्रीन//आराधना टाईम्ज़)::
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज सिरमौर जिला के रेणुका स्थित रेणु मंच में सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय रेणुका जी मेले की प्रथम सांस्कृतिक संध्या की अध्यक्षता की।

मुख्यमंत्री ने मेला समिति द्वारा अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेले के शुभ अवसर पर प्रकाशित की गई स्मारिका का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए ददाहू में खण्ड विकास कार्यालय, धरतीधार और बचर बाग में आईटीआई (सेमधार) और धरतीधार में पशु औषधालय खोलने की घोषणा की। उन्होंने संगड़ाह में विद्युत बोर्ड का मण्डल कार्यालय खोलने और राजकीय उच्च पाठशाला बागथान को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में स्तरोन्नत करने, राजकीय माध्यमिक पाठशाला सत्तार बढ़ो को राजकीय उच्च पाठशाला में स्तरोन्नत करने और क्षेत्र की दो राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं को राजकीय माध्यमिक पाठशाला में स्तरोन्नत करने की घोषणा की।

जय राम ठाकुर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय रेणुका मेला प्रदेश के महत्वपूर्ण मेलों में से एक है, जिसमें भगवान परशुराम और माता रेणुका के मिलन को दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि यह मेला न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि राज्य को समृद्ध संस्कृति का भी प्रतीक है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश इस वर्ष को राज्य की स्वर्ण जयंती वर्ष के रूप में मना रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य ने विकास के क्षेत्र में  अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। हिमाचल प्रदेश आज न केवल पहाड़ी राज्यों, बल्कि देश के बड़े राज्यों के लिए भी एक आदर्श राज्य के रूप में उभरा है। उन्होंने राज्य के पहले मुख्यमंत्री डाॅ. वाई.एस. परमार के योगदान को भी याद किया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण पिछले दो वर्ष प्रभावित हुए हंै, लेकिन राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि विकास की गति निर्बाध रूप से चलती रहे। उन्होंने कहा कि देश भाग्यशाली है कि इस कठिन समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में एक सशक्त नेतृत्व देश को मिला है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा समय पर लिए गए निर्णयों और उठाए गए कदमों के कारण ही भारत शेष दुनिया के लिए प्रभावी कोविड प्रबंधन के लिए एक माॅडल के रूप में सामने आया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड महामारी के दौरान यह सुनिश्चित किया है कि कोविड मरीजों के लिए आॅक्सीजन, वेंटिलेटर, बिस्तरों आदि की कोई कमी न हो। उन्होंने कहा कि राज्य में जब यह महामारी फैली थी, तो उस समय राज्य में केवल 50 वेंटिलेटर थे। राज्य सरकार ने केन्द्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मामले को उठाया और केन्द्र सरकार द्वारा पीएमकेयर के तहत 500 वेंटिलेटर राज्य को शीघ्र प्रदान किए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे करीब अढ़ाई लाख हिमाचलियों को विशेष बसों और ट्रेनों के माध्यम से घर वापस पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि दो वर्ष पूर्व राज्य में केवल दो ही आॅक्सीजन प्लांट थे, लेकिन आज राज्य में 30 पीएसए ऑक्सीज़न प्लांट हैं।

जय राम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार का एकमात्र उद्देश्य प्रदेश का समग्र व संतुलित विकास सुनिश्चित करना है। 

उपायुक्त सिरमौर एवं अध्यक्ष मेला समिति आर.के. गौतम ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह तथा डांगरा प्रस्तुत कर सम्मानित किया। उन्होंने सात दिवसीय मेले में आयोजित होने वाली विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत जानकारी भी दी।

राज्य रेडक्राॅस सोसायटी की उपाध्यक्षा एवं मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी डाॅ. साधना ठाकुर, ऊर्जा मंत्री सुखराम चैधरी, सांसद एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप, नाहन के विधायक डाॅ. राजीव बिन्दल, रेणुका के विधायक विनय कुमार, पच्छाद की विधायक रीना कश्यप, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बदलेव तोमर, राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी, सिरमौर जिला परिषद की अध्यक्षा सीमा, क्षेत्र के वरिष्ठ भाजपा नेता बलवीर चैहान, खंड विकास समिति संगड़ाह के अध्यक्ष मेला राम शर्मा, सिरमौर के कृषि उत्पाद विपणन समिति के अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा व पुलिस अधीक्षक ओमापति जम्वाल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

Tuesday 9 November 2021

ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी को किया गया सम्मानित

‘सर्टीफिकेट आफ कमिटमैंट’  प्रमाण पत्र से किया  गया सम्मानित


सम्पादन और पोस्टिंग:कार्तिका सिंह 

8th November 2021 at 10:33 PM

मोहाली: 8 नवंबर 2021: (गुरजीत बिल्ला और आराधना टाईम्ज़ डेस्क)::

दुनिया जल रही है तनाव की आग में। परेशानियों की आग में। लोग विचलित हैं दिन प्रति दिन बढ़ रही उलझनों जंजाल से। एक संकट हल करने की कोशिश करते हैं तो बीसियों नए संकट खड़े हो जाते हैं। ऐसे में ब्लड प्रेशर भी बढ़ रहा है, दिल के दौरे भी बढ़ रहे हैं और शूगर जैसी बीमारियां भी बढ़ रही हैं। ज़िंदगी का सुख चैन उड़ चुका है। किस ने हर लिए मन की शांति को? ब्रह्मकुमारियों के पास हैं इन सभी सवालों के जवाब। केवल सवाल ही नहीं समस्याओं के समाधान भी हैं। उनके द्वारा बताई गई जीवन पड़ती को अपना कर बहुत जल्द कुछ ही दिनों में मिलने लगती है सुख और शांति की झलक। तड़क भड़क और फैशन से बहुत दूर सादगी भरा जीवन जी रही ब्रह्मकुमारियों के पास मन की शांति का भंडार ,उनके चेहरों पर नज़र आती है शांति। दीदी बी के शिवानी को सोशल मीडिया पर फॉलो करने वालों की संख्या हर रोज़ बढ़ रही है।  

राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी इंचार्ज, राजयोग केंद्र मोहाली-रोपड़ क्षेत्रा को वर्ल्ड बुक आफ रिकार्डस, लंदन द्वारा लाकडाउन में करोना महामारी के चलते मानवता के लिए लोक कल्याण में अपना योगदान देने के कार्य के लिए ‘सर्टीफिकेट आफ कमिटमैंट’ से सम्मानित किया गया ।

वर्ल्ड बुक आफ रिकार्डस, यूरोप के अध्यक्ष विलियम जेज़लर के मार्गद}ार्न में दुनिया भर के 70 दे}ाों में करोना मुक्ति के लिए जन जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। व्यक्तियों और संगठनोें को कोरोना से मुक्ति के लिए काम करने के लिए प्रेरित करने  अर्थ ‘सर्टीफिकेट आफ कमिटमैंट’ ;स्विटजरलैंड से सम्मानित किया जा रहा है । 

इस पहल के तहत, वर्ल्ड बुक आफ रिकार्डस, लंदन के राष्ट्रीय सचिव डा. दीपक हरके व पंजाब के भुतपूर्व स्वास्थ्य मंत्राी व वर्तमान विधयक  श्री बलबीर सिंह सिदू ने कल रात्रि यहां ब्रह्माकुमारीज़ सुख शांति भवन फेज़ 7 में आयोजित कार्यक्रम में  राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी को विशेष तौर पर प्रमाण पत्रा से सम्मानित  किया । इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज़ के रोपड़ की संचालिका ब्रह्माकुमारी रमा, खरड़ की संचालिका ब्रह्माकुमारी भावना व नम्रता तथा ब्रह्माकुमारी अमन, ब्रह्माकुमारी रषजीत, ब्रह्माकुमारी मीना, ब्रह्माकुमारी सुमन, ब्रह्माकुमार जसबीर सिंह व विनोद भाई भी मंच पर उपस्थित थे । 

श्री बलबीर सिंह सिदू ने इस अवसर पर  ब्रह्माकुमारीज़ संस्था व विशेष  रूप से प्रेमलता दीदी  जी को बधई दी और कहा कि समाज सेवा के लिए वे हमारे प्रेरणा के स्त्रोत हैं । इनके प्रयासों, जनता व  भारत  तथा पंजाब सरकार के सहयोग से पंजाब के लोगों की जो जाने बचाई जा सकी, उसकी भारत व केनेडा के प्रधनमंत्राी तक ने सराहना की है ।

वर्ल्ड बुक आफ रिकार्डस, लंदन के राष्ट्रीय सचिव डा. दीपक हरके ने इस अवसर पर कहा कि ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी ने करोना महामारी के दौरान वि}व स्वास्थ्य संगठन, भारत सरकार व राज सरकार के दि}ाा निर्दे}ाों,  सही खानपान व दवाइयों  के साथ साथ राजयोग द्वारा इम्यूनिटी बढ़ाने की युक्तियों से  इन्होने हजारों ही लोगों की जान बचाई जिस कारण उन्हें इस सर्टीफिकेट आफ कमिटमैंट से सम्मानित किया गया है ।

राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी ने अहमदनगर;महाराष्ट्रद्ध से खास तौर पर पधरे डा. दीपक हरके व स. बलबाीर सिंह सिदू का ध्न्यवाद किया तथा इस करोना काल में की गई समाज सेवा का श्रेय अपनी मोहाली टीम;ब्रह्माकुमारीज़ व ब्रह्माकुमारोंद्ध को दिया  तथा सभी लोगों को निशुल्क राजयोग सीखने व अभ्यास के लिए प्रेरित किया। 

आप भी भेज सकते हैं अपने नज़दीक में हुए आयोजनों की ऐसी खबरें/रिपोर्ट, तस्वीरें, वीडियो और विशेष कवरेज का निवेदन जिसके लिए ईमेल है medialink32@gmail.com इसके साथ ही WhatsApp नंबर है:  +91 9915322407 

Sunday 7 November 2021

भगवान श्री परशुराम मंदिर में लगा फ्री आर्थो कैंप

 7th November 2021 at 6:56 PM WhatsApp

  मेडिकल कैंप में हुई 100 लोगों की हुई जांच  

कैंप में शिरकत करने पर मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्वू का स्वागत करते व
सिरोपा भेंट करके उन्हें सम्मानित करते मंदिर कमेटी के पदाधिकारी 


मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्वू ने किया कैंप का उदघाटन

मंदिर प्रबंधकों के कार्याे की सराहना की

इलाज करवाने वाले मरीज बोले आगे भी लगना चाहिए ऐसा फ्री कैंप

मोहाली: 7 नवंबर 2021:(गुरजीत सिंह बिल्ला//आराधना टाईम्ज़)::

फेस-9 के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित भगवान श्री परशुराम मंदिर एवं धर्मशाला में गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए रीड़ की हड्डी और सरवाईकल जैसी बीमारियों को दूर करने के लिए एक फ्री अर्थो कैंप का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन मोहाली के मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्वू ने रिबन काट कर किया। 

इस कैंप के दौरान श्री ब्रहामण सभा और मोयाल सभा मोहाली के प्रधान वी.के वैद, सरप्रस्त रोमेश दत्त, सरप्रस्त शिव शरन कुमार,उपाध्यक्ष जसविंदर शर्मा , सीनियर उपाध्यक्ष नवलकिशोर शर्मा, गोपाल कृष्ण,चेयरमैन राजीव दत्त, रिशी राज, के के छिब्बर, मनमोहन दादा, बलदेव राज वशिष्ट, यशपाल अगिनहोत्री, श्री ब्रहामण सभा मोहाली महिला संकीर्तन मंडल अध्यक्ष मैडम हेमा गैरोला, कमलेश राज, वरिंदर शर्मा, प्रवीन शर्मा, अरूण वैद, कृष्ण शर्मा,हनीत,टोनी, ओम प्रकाश, गुरमेल सिंह सियाण, बॉबी शंकर, राजेश कुमार अपने परिवार सहित और मंदिर के पुजारी अमित मिश्रा,अशोक कुमार भाट,ऊमेश द्विवेदी भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

कार्यक्रम में पहुंचे मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्वू ने श्री ब्रहामण सभा मोहाली और भगवान श्री परशुराम मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों के कार्यो की सराहना की और मंदिर के विकास कार्यो में पहले की तरह आगे भी अनुदान देने की बात कही। इस दौरान उनके साथ विक्टर भी उपस्थित थे। 

मंदिर प्रबंधकों की ओर से दोनों अतिथियों को गुलदस्ता भेंट करके स्वागत किया गया और उनको सिरोपा भेंट करके सम्मानित किया गया। इस दौरान श्री ब्रहामण सभा के प्रधान वी.के वैद ने मंदिर के कार्यो के बारें में मुख्यातिथि को विस्तारपूर्वक अवगत करवाया और श्री सिद्वू परिवार का मंदिर के विकास कार्यो में अहम योगदान बताया। 

इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि कैंप में लगभग 1०० के करीब लोगों का इलाज किया गया और यह कैंप सुबह 1० बजे से लेकर शाम 5 बजे तक चलता रहा। वहीं कैंप में इलाज करवाने आए मरीजों का कहना था कि इस तरह के कैंप अधिक से अधिक लगाए जाने चाहिए और वह मंदिर कमेटी प्रबंधकों से अपील करते हैं कि भविष्य में भी इस तरह का कैंप लगाया जाए। इस दौरान कैंप को सफल बनाने में मैडम हेमा गैरोला एवम उनकी महिला मंडल जिसमें पुष्पा शर्मा,सुधा,गीतांश, कुसुमा,सुशीला, वेद बाला, लीला शर्मा, गीता शर्मा, पूनम शर्मा,मुस्कान वैद ,साधना वैद,मालती देवी,ममता शर्मा,लता,खुश्बू सहित अन्य महिलाओं ने कैंप को सफल बनाने में अपना अहम योगदान दिया।

Saturday 6 November 2021

भगवान परशुराम मंदिर में गोवर्धन पूजा पूरी आस्था से हुई

विश्वकर्मा दिवस भी पूरी श्रद्वा-भावना एवं उत्साहपूर्वक मनाया गया


मोहाली
: 6 नवंबर 2021: (गुरजीत सिंह बिल्ला//आराधना टाईम्ज़)::

मोहाली के फेस-9 औद्योगिक क्षेत्र में उपस्थित  श्री भगवान परशुराम मंदिर एवम धर्मशाला में मंदिर के प्रबंधकों और श्रद्वालुओं की ओर से शुक्रवार को गोवर्धन पूजा और विश्वकर्मा दिवस बड़ी श्रद्वा-भावना एवम उत्साहपूवर्क मनाया गया। इस दौरान मंदिर परिसर में एक विशाल धार्मिक कार्यक्र म का आयोजन किया गया जिसमें भारी संख्या में श्रद्वालुओं और मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और पूजा-अर्चना भी की। कार्यक्रम के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए मंदिर के प्रमुख्य सेवादार और श्री ब्रहामण सभा मोहाली के प्रधान रिटायर्ड एसपी वी.के. वैद, सरप्रस्त रोमेश दत्त, सरप्रस्त शिव शरन कुमार,उपाध्यक्ष जसविंदर सिंह शर्मा ने बताया कि मंदिर में यह पहली बार हुआ है कि एक कार्यक्रम दो साथ करवाए गए। उन्होंने बताया कि मंदिर में आज गोवर्धन पूजा भी की गई और बाद में विश्वकर्मा दिवस भी मनाया गया। उन्होंने बताया कि जब से मंदिर में विश्वकर्मा जी की मूर्ति स्थापित की गई तब से आज यह बाबा विश्वकर्मा का पहला कार्यक्रम था जिसको लेकर श्रद्वालुओं और मंदिर कमेटी पदाधिकारियों में काफी उत्साह था। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में सुबह पहले पूजा-अर्चना की गई उसके बाद विशाल हवन यज्ञ तैयार करवाया गया जिसमें सभी श्रद्वालुओं ने मंदिर के मुख्य पुजारियों के मंत्रोच्चारण के साथ हवन भी किया। वी.के वैद ने बताया कि इसके बाद सभी श्रद्वालुओं को चाय पकौड़े का लंगर वितरित किया गया और उसके बाद कढ़ी-चावल का अटूट लंगर लगाया गया। कार्यक्रम में इस दौरान गोपाल कृष्ण,चेयरमैन राजीव दत्त, केके छिब्बर, पार्षद जसवीर सिंह मणकू,पार्षद प्रमोद मित्रा, मनमोहन दादा, बलदेव राज वशिष्ट, यशपाल अगिनहोत्री, श्री ब्रहामण सभा मोहाली महिला संकीर्तन मंडल अध्यक्ष मैडम हेमा गैरोला, कमलेश राज, वरिंदर शर्मा, प्रवीन शर्मा, अरूण वैद, कृष्ण शर्मा,गुरमीत सिंह चेयरमैन बीसी सेल, विनोद वैद,कृष्ण कुमार कंबाला, कृष्ण कुमार सैक्टर-66, नवल किशोर शर्मा,हनीत,टोनी, ओम प्रकाश, गुरमीत सिंह सियाण, बॉबी शंकर, राजेश कुमार अपने परिवार सहित  और मंदिर के पुजारी अमित मिश्रा,अशोक कुमार भाट,ऊमेश द्विवेदी भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

महिला मंडल के  कीर्तन से मंदिर हुआ भक्तिभोर

मोहाली: उक्त कार्यक्रम के दौरान मंहिला मंडल संर्कीतन मडली की ओर से मंडल अध्यक्षता मैडम हेमा गौरोला की देख-रेख में कीर्तन कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें पूरा मंदिर भक्तिभोर हो गया और संगतों को गुणगान करके निहाल किया गया है। इस दौरान मैडम हेमा गैरोला ने बताया कि मंदिर में संकीर्तन के दौरान पुष्पा शर्मा,सुधा,गीतांश, कुसुमा,सुशीला, वेद बाला, लीला शर्मा, गीता शर्मा, पूनम शर्मा,मुस्कान वैद ,साधना वैद,मालती देवी,ममता शर्मा,लता,खुश्बू सहित अन्य महिला श्रद्वालुओं ने शिरकत किया।

7 नवंबर को लगेगा मुफ्त मंदिर में कैंप

मोहाली। मंदिर प्रबंधकों ने बताया कि 7 नवंबर यानि कल रविवार को श्री भगवान परशुराम मंदिर में रीढ़ की हड्डी और सरवाईकल के माहिर डाक्टर की ओर से मुफ्त कैंप का आयोजन किया जा रहा है जो कि सुबह 1० बजे से लेकर शाम 4 बजे तक चलेगा। उन्होंने बताया कि कैंप का उद्घाटन पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्वू करेंगें।  


फोटो कैप्शन: मंदिर में आयोजित गौवर्धन पूजा, विश्वकर्मा पूजा में शिरकत करते श्रद्वालु एवम मंदिर कमेटी के पदाधिकारी ।

Saturday 9 October 2021

पांचवां विशाल भगवती जागरण आज

साडी आवाज नवी सोच ग्रुप की ओर से  कराया गया विशेष आयोजन        

लुधियाना: 9 अक्टूबर 2021: (कार्तिका सिंह//आराधना टाईम्ज़)::

मौसम में तब्दीली की दस्तक होते ही सुबह और शाम के वक्त सर्दियों की ठंडक भी महसूस होनी शुरू हो गई। गर्मियों के झुलसा देने वाली धुप से राहत बहुत अच्छी लग रही है। साथ ही त्योहारों का मौसम भी आ गया है। जागरण के आयोजन भी ज़ोर पकड़ने लगे हैं। मां की ज्योति को लोग बहुत ही आस्था से ले आकर आते हैं। बहुत ही श्रद्धा से नतमस्तक होते हैं। अपने घरों में फेरी डलवाते हैं। फिर स्थापना करते हैं। जागरण के वक्त सभी लोग पूजन और कीर्तन करते हैं। आज ऐसा ही एक यादगारी आयोजन होने जा रहा है समराला चौंक क्षेत्र के नज़दीक। 

साडी आवाज नवी सोच ग्रुप की ओर से पांचवां विशाल भगवती जागरण महाराजा रणजीत सिंह पार्क गली नंबर-5 शिंगार सिनेमा रोड पर बड़ी धूमधाम से करवाया जा रहा है। जागरण के उपलक्ष में आज महामाई की जोत ज्वाला जी से लाई गई। महामाई की ज्योत को ढोल नगाढों और बैंड बाजों के साथ महामाई के जागरण स्थल पर लाया गया। इस ज्योति का गली मोहल्ला निवासियों की ओर से पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। आज रात्रि जागरण में टी सीरीज गायक सुनील हीर एंड पार्टी और मीनू चावला एंड पार्टी द्वारा महामाई का गुणगान किया जाएगा। इस अवसर पर ग्रुप के मनमोहन कुमार , रोबिन सिंगला , गौरव गुप्ता , मन्नू , मोहित कुमार , विक्की आहूजा , संजय सूद आदि उपस्थित थे। इलाके के लोगों में इसे लेकर बहुत ही उत्साह है। 

आप भी आमंत्रित हैं इस जागरण में। आएं और जागरण में नतमस्तक हो कर मां का आशीर्वाद प्राप्त करें। मां की कृपा और मां का प्रसाद ज़िंदगी भी बदल देते हैं और किस्मत की लकीरें भी। इसलिए आना न भूलें। स्वयं भी आएं। परिवार को भी लाएं। पड़ोस को भी बताएं। मिलजुल कर प्रेम के साथ दिल से आवाज़ देते हुए जय माता दी गाएं और गम को और दूर भगाएं। बहुत कुछ मिलेगा मां के दरबार से। बस आ कर ज़रा सिर तो झुका कर देखें। एक जैकारा तो लगा कर देखें। मां खुशियों से झोली भर देगी। 

Tuesday 5 October 2021

उन्होंने मेरे जीवन को कीर्तन से भर दिया--चरणजीत सिंह हीरा

Sunday 3rd October 2021 10:17 PM

स्मृतियों के झरोखों से झांकते हुए जोधपुरी जी के अंर्तमन की झलक

सोशल मीडिया: 5 अक्टूबर 2021 (आराधना टाईम्ज़ ब्यूरो)::


जिन दिनों कॉलर टयून, हैलो टयून, रिंग टोन जैसे रिवाज नए नए चले थे उन दिनों गीतों का बोलबाला था। फिर धीरे धीरे भजन भी आए। गुरुबाणी शब्दों सेट हुआ था भाई सुरिंदर सिंह जोधपुरी जी के शब्दों से। सबसे ज़्यादा लोकप्रिय हुआ था उनका गया शब्द "हरि जीउ निमाणिआ तू माणु---" जब कठिन वक्त अत है। मुसीबतें आती हैं तब सबसे पहले वही लोग छोड़ जाते हैं जिन पर सबसे से ज़्यादा गहरा विश्वास और प्रेम होता है। दुनिया जब नकार देती है तन मन की पीड़ा और बढ़ जाती है---उस समय यह शब्द भी बहुत हौंसला देता है और भगवन के साथ जोड़ता है। गुरु के कीर्तन को घर घर पहुँचाने वाले भाई सुरिंदर सिंह जोधपुरी जी ने अपने परिवार सहित खुद भी बहुत सी मुसीबतों का सामना किया। अफ़सोस उन की कुर्बानियों की कभी चर्चा नहीं हुई। वह स्वयं भी भगवन के रंग में मगन रहने वाले थे। बहुत कुछ था जो उनके साथ चला गया लेकिन कीर्तन का अनमोल खज़ाना, अपने गायन की अनमोल निधि वह चरणजीत सिंह हीरा जी को दे गए। उन्होंने एक आलेख फेसबुक पर भी पोस्ट किया तीन अक्टूबर 2021 की रात्रि को 10:17 पर। यह आलेख जोधपुरी जी के उस अंतर्मन की थोड़ी सी झलक देता है जिसकी चमक उनके चेहरे पर सदैव रही। स्वार्थों भरी दुनिया में उनकी मासुमियत भी बरकरार रही। एक दिव्यता उनकी शख्सियत में थी। पढ़िए आप स्वयं ही पढ़िए चरणजीत सिंह हीरा जी की वह पोस्ट। जिनमें कीर्तन की बात के साथ साथ इस रूहानी मिलन की बातें भी हैं। जो बताती हैं कि आजकल भी ऐसे मिलन होते हैं। --रेक्टर कथूरिया

इस वीडियो में है अंतिम संस्कार के कार्यक्रम की कुछ यादें, कुछ तस्वीरें, कुछ वीडियो क्लिप। यही है आजकल यादों को संभालने का सिलसिला। 

अगर किसी ने जोधपुरी जी का कीर्तन सुनने के रस लिया हैं। तो मैंने उस कीर्तन करने का स्वाद चखा है।
मैंने उनका ज़हन पिया है। उनकी चेतना की गहराइयों को जाना है जिससे कीर्तन उत्पन्न होता है। वो गहराई जहां भीतर का अनंत आकाश शुरू होता है।
इसलिए मुझे किसी और का कीर्तन बहुत पसंद नहीं है।
उन्होंने मेरे जीवन को कीर्तन से भर दिया। कीर्तन-मय कर दिया।
चरणजीत सिंह हीरा 
जो भी राजनीति या सांसारिक कारण से उनके साथ रहे हैं। भले वह बाहर बाहर ही रहे पाए लेकिन मुझे खुशी है कि मैं उनके साथ उनके अंदर की इतनी गहराई से जुड़ा।
1995-96 के आसपास जब हम उन्हें फ़ोन करते थे। जब कभी भी वह दिल्ली में मॉडल टाउन के पास किसी एक भारी शरीर वाले गुरसिख के घर पर ठहरते थे।
फोन पर वे मुझे मज़ाक में चिढ़ाते थे, "की हाल है Mr. हीरा आंनद गुणी गहिरा ?" शायद मजाक में ही सही मुझे वह कीर्तन का वरदान दे गए।
उन दिनों में ही मैंने कीर्तन करना थोड़ा थोड़ा इज़ात कर लिया था। रकाब गंज गुरुद्वारा में मेरे पिता जी ने उनसे कहा कि यह भी कीर्तन भी लेता है। ओर आपके शब्द गाता है।
और उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रखा और कहा, "बेटा, तुम्हें बहुत मेहनत करनी है, बहुत मेहनत करनी है।"
और एक बार रेलवे कॉलोनी रानी बाग में उनका कीर्तन हुआ। और कीर्तन के बाद, उनसे बात करते हुए, सहज में अपने हाथ को बातों बातों में ऊपर कर रहे थे और मैं अपना हाथ नीचे कर रहा था । मेरे हाथ में जेल पेन था । जो उनके हाथ में ज़ोर से लगा।
एक बार जब हम जगाद्री कीर्तन दरबार में मिले, तो मैं उनके पैर छूने लगा तो उन्होंने मेरे कंधे पकड़ लिए और कहा, "चलो, अच्छा है, कोई तो मुझे गाने वाला हुआ।"
उनके साथ मेरा रिश्ता इतना गहरा है कि या तो वे जानते थे या मैं। इस कीर्तन दात के लिए मुझे चुनने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। अंदर ही अंदर सारा हस्तांतरण कर दिया।
मुझे इतना अपना बनाने के लिए धन्यवाद। इतना अपना जो दूसरों को कभी नहीं पता नही चल पाएगा।
बिछड़ी रूह को कोट कोट नमन एवं श्रद्धांजलि।
चरणजीत सिंह "हीरा"


Tuesday 31 August 2021

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया गया श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव 2021

Tuesday: 31st August 2021 at 05:01 PM

 दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा–‘संभवामि युगे युगे' 

लुधियाना: 31 अगस्त 2021: (आराधना टाईम्ज़ ब्यूरो)::

कोविड वैश्विक महामारी के इस संघर्ष पूर्ण दौर मे, जहां हर ओर लोग आर्थिक तंगी, स्वास्थ्य समस्याओं, मानसिक तनाव अथवा पारिवारिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं , वहां आध्यतामिकता ही मानवता को संतोष व धीरज प्रदान करने का एक मात्र उपाय है। अध्यात्म के द्वारा ही एक  व्यक्ति किसी भी प्रकार की प्रतिकूल परिस्थितियों से सहजता से बाहर निकल सकता है। यह एक ऐसा सार्वभौमिक सत्य है जिसे समय-समय पर हमारे संतों महापुरुषों ने मानव जाती को याद कराया है। आज भी , दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी , दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान [DJJS] के संस्थापक एवं संचालक , लोगों को न केवल अध्यात्म के महत्व से परिचित करवा रहे हैं अपितु  इसके सार को मानव के आंतरिक जगत में ‘ब्रह्मज्ञान ‘- आत्म साक्षात्कार का सनातन विज्ञान के द्वारा प्रयोगात्मक ढंग से प्रकट भी कर रहे हैं ।

विश्व भर के असंख्य लोगों की आध्यात्मिक तृप्ति हेतु, डी.जे.जे.एस. ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2021 के शुभ अवसर पर ‘संभावमी युगे युगे’ विषय पर आधारित एक विशेष सामाजिक-सांस्कृतिक-आध्यात्मिक वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया। उक्त विषय श्रीमद् भगवत गीता मे बताए गए भगवान श्री कृष्ण के सार्वभौमिक उद्घोष- ‘पवित्र आत्माओं के कल्याण व अधर्मियों के विनाश हेतु मैं धरती पर अवतार लूँगा’ पर आधारित था। इस भव्य ऑनलाइन कार्यक्रम का प्रसारण डी.जे.जे.एस. यूट्यूब चैनल के माध्यम से 29 और 30 अगस्त को क्रमशः दो एपिसोडों - भाग 1 और भाग 2 मे किया गया एवं सम्पूर्ण कार्यक्रम का पुनः प्रसारण जन्माष्टमी की रात्री यानि 30 अगस्त, 2021 को रात 9 बजे से मध्यरात्रि 12 [IST] तक किया गया। करोड़ों लोगों ने यूट्यूब के माध्यम से घर बैठे ही इस दिव्य कार्यक्रम का लाभ उठाया। साथ ही इन दो दिनों मे दिन मे कई कई बार सोशल मीडिया ऐप ट्विटर पर #DJJSJamashtami व #SambhavamiYugeYuge  हैशटेग ट्रेंडिंग में रहे। संस्थान के मन्त्रमुग्ध कर देने वाले संगीत व नृत्यनाटिकाओं को इंस्टाग्राम रील्स मे भी खूब सराहा गया।           

इस आयोजन में न केवल श्री कृष्ण को लेकर समाज में फैली मनगढ़ंत धारणाओं और भ्रांतियों को दूर किया गया बल्कि यह भी समझाया गया कि जन्माष्टमी का पर्व केवल दही-हांडी, उपवास या सजावटी झांकी तक ही सीमित नहीं है। बल्कि यह भगवान कृष्ण की दिव्य शिक्षाओं को आत्मसात करने और उनके दिखाए आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का संकल्प लेने का पर्व है। क्यों श्री कृष्ण का अवतार लेना एक उत्सव है? श्री कृष्ण की शाश्वत चेतना आज भी आपके जीवन को किस प्रकार दिव्य बना सकती हैं ? क्या आप केवल श्रीकृष्ण में विश्वास करते हैं या उनकी आज्ञा भी मानते हैं ? जन्माष्टमी के मूल पहलुओं को उजागर करते हुए इन सभी प्रश्नों के उत्तरों को विभिन्न माध्यमों से दिया गया। कार्यक्रम में जगतगुरु भगवान श्री कृष्ण को भक्तिमय वंदन अर्पित किया गया। श्रीमद्भगवत गीता में निहित आध्यात्मिक रत्नों को प्रस्तुत किया गया। श्री कृष्ण की जीवन गाथाओं को ज्ञानवर्धक नृत्य नाटिकाओं के माध्यम से रखा गया एवं विद्वान प्रचारकों के द्वारा श्रीकृष्ण की लीलाओं का विश्लेषण किया गया।

भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को प्रदत्त ‘गीता-ज्ञान’; भगवान विष्णु के दो द्वार पाल ‘जय-विजय’ की गाथा जिन्हें अहंकार के वशीभूत धर्म पथ को त्यागने के कारण शाप मिला; मीराबाई जी की भक्ति को दर्शाती ‘प्यारे दर्शन दीजो’ आदि रोमांचक नाट्य कार्यशालाएं; ‘केशव माधव’ व ‘गुरु वंदना’ पर नृत्य नाटिकाएँ अथवा श्री कृष्ण की मंगल आरती इस भव्य कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण रहे। इन सभी प्रस्तुतियों का सबसे  विशेष पक्ष इनमे निहित सेवा भावना थी। गौरतलब है कि इस कार्यक्रम मे भाग लेने वाले सभी कलाकारों में कोई भी इस कला मे पारंगत, नाम, प्रसिद्धि व पैसे के लिए काम करने वाला पेड-प्रॉफेश्नल नहीं था अपितु ये सभी युवा दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के निस्वार्थ, समर्पित, जागृत ब्रह्मज्ञानी शिष्य थे; जिन्होंने समाज कल्याण की भावना से प्रेरित होकर इस कार्यक्रम मे अपना सर्वस्व लगाया। प्रत्येक प्रस्तुति दिव्य उत्साह व ऊर्जा से परिपूर्ण रही क्योंकि प्रस्तुति के पहले सभी कलाकार ब्रह्मज्ञान आधारित ध्यान साधना करते। इस कार्यक्रम में मंच पर एक उच्च दर्जे का अनुशासन देखा गया, युगल प्रस्तुतियों में जो युगल [couples] इन नाट्य प्रस्तुतियों में देखे गए वो वास्तविक जीवन में भी  विवाहित हैं।

यह कार्यक्रम जिसे विश्व भर से असंख्य दर्शकों ने घर बैठे ही देखा, इसे व्यापक मीडिया कवरेज और सभी से सराहना प्राप्त हुई।

यद्यपि संस्थान तीन दशकों से अधिक समय से बड़े पैमाने पर जन्माष्टमी कार्यक्रम आयोजित कर रहा है परंतु यह कार्यक्रम सबसे खास और अनूठा था क्यूँकि डी.जे.जे.एस. की 350 से अधिक विश्वव्यापी शाखाओं से दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के सभी आयु वर्ग के हजारों शिष्य, अपने घरों से बाहर आए और स्कूलों, कॉलेजों, विश्व विद्यालयों, मंदिरों, मॉल, पार्कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों में, COVID प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, इस कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार किया गया। इस दिव्य कार्यक्रम  ने न केवल 'वसुदेव कुटुम्बकम’ की भावना को जागृत किया बल्कि इसे वास्तविक रूप मे साकार भी कर दिखाया । सुप्रसिद्ध कॉफी शॉप चेंन कैफे कॉफ़ी डे [सी.सी.डी] के देश भर मे लगभग 75 सेंटर्स मे बढ़ चढ़ कर कार्यक्रम का डिजिटल विज्ञापनों द्वारा प्रचार हुआ। इतना ही नहीं, दुनिया भर के स्थानीय मीडिया ने भी अपने संबंधित समाचार चैनलों और समाचार पत्रों के माध्यम से इस कार्यक्रम का प्रचार किया। इसके साथ साथ, अहमदाबाद के सुप्रषिद्ध कर्णावती क्लब व राजपथ क्लब और साथ ही बिहार, उत्तरप्रदेश और उड़ीसा के ग्रामीण क्षेत्रों और दूर दराज़ के इलाकों में कार्यक्रम की सामुदायिक डिजिटल स्क्रीनिंग भी की गयी।

बड़ी संख्या में विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर प्रभावशाली और दिग्गज व्यक्तित्व जैसे कि बॉलीवुड अभिनेता और प्रसिद्ध हस्ति - श्री अखिलेंद्र मिश्र जिन्हें क्रूर सिंह के रूप में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है; नेशनल सिंगिंग रियलिटी शो 'वॉयस ऑफ इंडिया किड्स' विजेता - सुश्री निष्ठा शर्मा; श्री संजय तलवार जी (एम एल ए लुधियाना), श्री श्याम सुंदर मल्होत्रा जी (सीनियर डिप्टी मेयर लुधियाना), श्री कमल चेटली लुधियाना (नेशनल वाईस प्रेजिडेंट शिरोमणि अकाली दल), श्री प्रवीण डंग जी (प्रेजिडेंट हिन्दू न्याय पीठ पंजाब), श्री रजनीश धीमान जी (एग्जीक्यूटिव मेंबर बीजेपी पंजाब), श्री मदन लाल चोपड़ा जी (चेयरमैन सनातन धर्म महोत्सव कमेटी लुधियाना), श्री दिनेश मरवाहा जी (प्रेजिडेंट श्री राम लीला कमेटी दरेसी ग्राउंड लुधियाना); प्रसिद्ध लेखक और पत्रकार- श्री संदीप देव; प्रसिद्ध हास्य कलाकार श्री दीपक राजा और श्री मणि लहरी; भारतीय टेलीविजन अभिनेत्री सुश्री स्मृति कश्यप; डब्लू.डब्लू.ई. चैंपियन द ग्रेट खली; मंत्री पंजाब श्री बलबीर सिंह सिद्धू; कई अन्य लोगों ने डी.जे.जे.एस. जन्माष्टमी को अपने सोशल मीडिया हैंडल के साथ-साथ वीडियो संदेश द्वारा बढ़ावा दिया और आयोजन को एक शानदार सफलता दिलाई।

डी.जे.जे.एस. एक अलाभकारी सामाजिक-आध्यात्मिक संगठन है जो विश्व स्तर पर नौ-आयामी सामाजिक सुधार और कल्याण कार्यक्रमों – लिंग समानता, शिक्षा, सामुदायिक स्वास्थ्य, नशीली दवाओं के दुरुपयोग उन्मूलन, पर्यावरण संरक्षण, भारतीय गाय नस्ल सुधार और संरक्षण, आपदा प्रबंधन, विकलांगों और कैदियों के सशक्तिकरण के साथ-साथ कॉर्पोरेट क्षेत्र और युवाओं के सशक्तिकरण, के माध्यम से सार्वभौमिक भाईचारे और शांति की स्थापना के लिए काम कर रहा है। 

जन्माष्टमी पर परिवहन मंत्री राजपूत ने मंदिर ट्रस्ट को दी 5 लाख की राशि

 Tuesday: 31st August 2021 at 15:19 PM

 जन्माष्टमी के पावन अवसर पर परिवहन मंत्री ने दी शुभकामनाएँ 


भोपाल
: मंगलवार: 31 अगस्त 2021: (आराधना टाईम्ज़ ब्यूरो)::

राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने सागर में श्री गोवर्धन मंदिर पहुँचकर यादव समुदाय द्वारा आयोजित जन्माष्टमी महोत्सव में भगवान श्रीकृष्ण का पूजन किया और उपस्थित जन-समुदाय को अपनी शुभकामनाएँ दीं। अपने जन्मोत्सव की बधाई लेते हुए उन्होंने कहा कि मेरा नाम भी गोविंद शायद इसीलिए रखा गया कि मेरा जन्म भी जन्माष्टमी के दिन हुआ था। इस अवसर पर उन्होंने श्री गोवर्धन मंदिर ट्रस्ट को 5 लाख रूपये की राशि मंदिर के सौन्दर्यीकरण के लिए भेंट स्वरूप प्रदान की।

बच्चों को बांटे फल व खिलौने

राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत जन्मदिन के अवसर पर घरौंदा आश्रम पहुँचे जहाँ उन्होंने बच्चों को फल मिठाईयाँ, खिलौने तथा चॉकलेट वितरित किया।

बुंदेली परंपरा से हुआ भव्य स्वागत

राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत का जन्मदिन बुंदेली परंपरा से मनाया गया। मंत्री श्री राजपूत ने उन सभी लागों के प्रति आभाग माना, जो जन्माष्टमी कार्यक्रम और उनके जन्मदिन पर शामिल हुए। इस अवसर पर बुंदेली नृत्य आकर्षक प्रस्तुति हुई।

Wednesday 4 August 2021

प्रेम हो, शायरी हो या भक्ति--सावन बहुत गहरे अर्थ रखता है

 बहुत महत्वपूर्ण हैं सावन के सोमवार और दिन त्यौहार 


लुधियाना: 4 अगस्त 2021: (मीडिया लिंक रविंद्र//आराधना टाईम्ज़)::

आप ने कभी ध्यान दिया कि प्रेम करने वाले लोग और शायरी में डूबे रहने वाले शायर वर्ग से जुड़े लोग सावन के महीने को इतना महत्व क्यूं देते हैं। शायद ही कोई शायर या शायरा हो जिसे सावन पर कुछ न लिखा हो। शायद ही को हो जिसने सावन में झूम के न देखा हो। "आया सावन झूम" के नाम की फिल्म आई थी सन 1969 में। बहुत से नाज़ुक मोड़ों से भरी हुई फिल्म ज़िंदगी की झलक दिखती है। धर्मेंद्र और आशा पारेख की जोड़ी पर फिल्माई गई इस फिल्म का टाईटल सांग था बेहद लोकप्रिय हुआ गीत आया सावन झूम के... इस गीत के बोल सावन का दृश्य सामने ला देते हैं मौसम का भी, तन का भी और मन का भी। देखिए ज़रा गीत की एक झलक:

बदरा छाए के झूले पड़ गए हाए

के मेले लग गये मच गई धूम रे

के आया सावन हो ओ ओ झूमके

इसी गीत की कुछ पंक्तियाँ हैं:हैं जो बिरहा की बात भी बहुत ही खूबसूरती से करती हैं। देखिए इनका भी एक रंग:

जाने किसको किसकी

याद आई के चली पुरवाई 

गीत में इन दोनों छोटी सी पंक्तियों को कम से कम दो बार बोलै जाता है जिससे इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है और सुनने वाले को याद और पुरवाई का संबंध भी कुछ कुछ समझ आने लगता है। इसे समझ क्र सावन महीने के जादू का अहसास होना शुरू होता है। आगे की पंक्तियाँ भी देखिए:

जाने किस बिरहन का

मन तरसा के पानी बरसा

हो ओ हो ओ

जब मन में बिरहा का दर्द महसूस होने लगता है तब वो धीरे धीर जा कर एक गहरी पीड़ा में महसूस होता है। एक तड़प से उठने लगती है। उस तड़प के चलते ही मन सोचता है बस एक  झलक मिल जाए उसकी। इधर गर्मी के बुरे हाल में तन भी तड़पता है-काश बरसात आ जाए। काश कुछ बूँदें धरती पर आ गिरें। उस वट फुहार मिल जाए तो लगता है बेहद आनंद मिल गया। यही तड़प और यही आनंद बन जाता है जब और गहरा तब बात चलती है भगवान की तरफ। साडी तड़पन तब उस भगवान की तरफ रुख कर लेती है। ऐसे में शिव शंकर भोलेनाथ मन को तीव्रता से लुभाते हैं। जब कोई आश्रय नज़र नहीं आता तब भोले शंकर  की आशा ही मन में जागती है। कहते हैं जिसने सावन के महीने में इस तड़पन को गले लगा लिया उस ने बहुत हद तक भगवान शिव शंकर की नज़दीकियों के अनुभव को भी पा लिया। ज़िंदगी में हर कदम पर मुश्किलें हैं, मुसीबतें हैं यह बात शिव शंकर के गले में पड़े सांप ध्यान से बार बार देख कर ही समझ आ सकती है। जीवन विष से भरा है इस सत्य का अहसास नीलकंठ के नज़दीक हो कर ही मन में उतरेगा। यह भस्म ही सिंगार है इसका पता भी शिव पूजा से ही चलता है। शिव की पूजा ज़िन्दगी के जिस गहरे ज्ञान को देती है उसे किताबों से नहीं पाया जा सकता। 

नटराज का पूजन कलाकार भी यूं ही नहीं करते। बहुत गहरे अर्थ हैं इसके भी। प्रेम प्यार और शायरी का रंग भी शिव पूजा से ही समझ आता है। इसी तरह इस महीने का अर्थात सावन का आध्यात्मिक रंग भी बहुत गहरा है। केवल धर्म कर्म की बात नहीं इसके वैज्ञानिक पहलु भी काफी हैं। फ़िलहाल चर्चा करते हैं धार्मिक क्षेत्र की। 

सावन का महीना पंचांग के अनुसार इस बरस 25 जुलाई 2021 को आरंभ हुआ था। बहुत इंतज़ार के बाद 26 जुलाई 2021 को सावन का पहला सोमवार था। लोग इसकी इंतज़ार बहुत शिद्द्त से करते हैं। पंचांग की गणना के अनुसार सावन के महीने का समापन 22 अगस्त 2021 को हो जाएगा। इस लिए बहुत कम दिन बाकी हैं इस ख़ास महीने के। क्र लो पूजा पथ दिल से। बहुत से लोगों के मन की मुरादें पूरी करते हुए यह महीना समाप्त होने की तरफ बढ़ रहा है। । दिलचस्प है कि इस दिन रक्षाबंधन और श्रावण पूर्णिमा का पर्व भी होगा।

गौरतलब है कि भगवान शिव शंभू के प्रिय मास श्रावण या सावन का वक़्त गुज़रता जा रहा है। पावन श्रावण मास में भगवान शिव और उनके परिवार की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धर्म शास्त्रों के मुताबिक हर वर्ष सावन माह में भगवान शिव का अभिषेक करना बहुत ही फलदायी होता है , इसके बहुत से गहरे लाभ मिलते हैं। शायद यही कारण है कि सावन में अधिकतर लोग रुद्राभिषेक कराते हैं। उल्लेखनीय है कि सावन मास भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे उत्तम माह माना जाता है। आज हम आपको संक्षिप्त में कुछ रहस्य बताने जा रहे हैं कि और क्या क्या खूबियां हैं इस सावन महीने में। 

जैसा कि आप जानते ही होंगें कि हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास का प्रारंभ आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा के समापन के साथ होता है। कैलेंडर की गणना बहुत वैज्ञानिक होती है। इसके गहरे अर्थ होते हैं। इसी कैलेंडर पद्धति और प्रणाली के मुताबिक सावन माह इस का 5वां महीना होता है। इस वर्ष सावन का महीना 25 जुलाई दिन रविवार को प्रारंभ हुआ। इसका समापन अब 22 अगस्त दिन रविवार को होगा। 

सावन सोमवार व्रत  इस वर्ष अर्थात 2021 में भी विधिवत रखे जाएंगे। किस्मत वाले ही रख पाते हैं इस उपवास को। सभी को इसका महत्व भी समझ में नहीं आता या कोई न कोई समस्या खड़ी हो जाती है। उपवास का संकल्प पूरा हो इसके लिए  चाहिए साथ ही शिव  भी। अकेला संकल्प अहंकार भी उतपन्न क्र सकता है। 

सावन महीने में हर दिन पावन माना जाता है लेकिन सोमवार का दिन विशेष होता है। सावन सोमवार का व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। इस वार सावन में 04 सोमवार व्रत पड़ रहे हैं। पहला सावन सोमवार व्रत 26 जुलाई को, दूसरा सावन सोमवार व्रत 02 अगस्त को, तीसरा सावन सोमवार व्रत 09 अगस्त को और चौथा सावन सोमवार व्रत 16 अगस्त को है। तारीखें आपको बता दिन हैं अब आपका मन इस तरफ आए यह भगवान् शिव की इच्छा से ही होगा। उसका पूजन ही लाभ देगा। 

इसी तरह  इस वर्ष मंगला गौरी व्रत भी रखे जाने हैं। इनका भी बहुत लाभ मिलता है। 

पहला मंगला गौरी व्रत: 27 जुलाई

दूसरा मंगला गौरी व्रत: 03 अगस्त

तीसरा मंगला गौरी व्रत: 10 अगस्त

चौथा मंगला गौरी व्रत: 17 अगस्त

सावन मास की अमावस्या या श्रावण अमावस्या-2021 इस बार 08 अगस्त, दिन रविवार को आ रही है। इसी तरह  सावन मास की पूर्णिमा या श्रावण पूर्णिमा 2021 इस  बार 22 अगस्त, रविवार को आएगी। आपके जीबन में यह महीना हरियाली भी लाए, खुशहाली भी लाए। यही कामना है। ॐ नमः शिवाय। 

Sunday 11 July 2021

माता मनसा देवी परिसर में लगा साप्ताहिक रक्तदान शिविर

11th July 2021 at 5:22 PM
 49 श्रद्धालुओं ने किया माता के चरणों में उत्साह से रक्तदान 


पंचकूला: 11 जुलाई 2021: (कार्तिका सिंह//आराधना टाईम्ज़)::
विश्वास फाउंडेशन, श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड व इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी डिस्ट्रिक्ट ब्रांच पंचकूला की  तरफ से आज एक संयुक्त रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। यह साप्ताहिक रक्तदान शिविर रविवार को माता मनसा देवी परिसर में सत्संग भवन हॉल के पास वाले पार्क में लगाया गया। इस शिविर में 49 रक्तदानियों ने बहुत ही उत्साह के साथ माता के चरणों में रक्तदान किया। शिविर में मास्क, सोशल डिस्टैन्सिंग व सैनीटाईजेशन का खास ध्यान रखा गया। ब्लड बैंक एम केयर हॉस्पिटल ब्लड सेंटर वीआईपी रोड़ जीरकपुर टीम ने डॉक्टर गौरव की मौजूदगी में रक्त एकत्रित किया। गौरतलब है कि दान किया गया यह रक्त बहुत सी बिमारियों का शिकार मरीज़ों की जान बचाने के काम आता है। 

इस मौके पर विश्वास फाउंडेशन की महासचिव साध्वी नीलिमा विश्वास ने बताया कि लोगों में यह भ्रम है कि रक्तदान करने से शरीर में कमज़ोरी आती है। रक्तदान के कारण कोई कमजोरी नहीं आती, बल्कि सभी को 90 दिन में एक बार अवश्य ही रक्तदान करना चाहिए। इससे जरूरतमंदों को मदद मिलती है साथ ही शरीर स्वस्थ रहता है। रक्तदान जैसा पुनीत काम सबसे बड़ी सेवा में आता है।

इस रक्तदान शिविर में आये सभी रक्तदानियों को प्रशंसा पत्र, मास्क, साबुन, स्मृति चिन्ह व गिफ्ट देकर प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर विश्वास फाउंडेशन से अविनाश शर्मा, वर्षा शर्मा, पवन मनचन्दा, हर्ष मनचन्दा, सुरेश कुमार, संजय सिंह व अन्य गणमान्य अतिथि भी मौजूद रहे।

Monday 5 July 2021

महिला सशक्तिकरण में नामधारी समाज का विशेष योगदान

5th July 2021 at 4:35 PM

धर्म के क्षेत्र में है यह क्रन्तिकारी कदम और अन्यों के बहुत बड़ी सीख 

नई दिल्ली: 5 जुलाई 2021: (*प्रीति सिंह//आराधना टाईम्ज़):: 
महिला सशक्तिकरण के प्रेरणा स्रोत माता चंद कौर जी 
आज के समय में
हम सभी महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं और महिलाओं को उच्च स्थान देने का वायदा भी करते हैं। वहीं नामधारी समाज ने कुछ ऐसा उदाहरण हम सभी के समक्ष पेश किया, जिससे समाज में वास्तविक रूप में महिलाओं को उच्च दर्जा व सम्मान लगातार मिल रहा है। नामधारी सिखों ने समाज के प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी तथा उच्चयोग (सर्वोच्च) स्थान व सम्मान को सुनिश्चित करने की एक विशेष मुहिम शुरू की है। जिसके अंतर्गत पुरुष प्रधान क्षेत्रों में महिलाओं का प्रवेश सुनिश्चित किया जा रहा है।
अप्रैल 2021 में नामधारी समाज के मुखी सतगुरु दलीप सिंह जी ने एक अनूठी पहल की, जिसमें उन्होंने पूर्ण रूप से नामधारी सिंघनियों (महिलाओं) को पुरुषों के तुल्य बैठने, पाठ करने, मंच संचालन, अरदास, अमृतपान, हवन-यज्ञ आदि ऐसे कई कार्यो में उच्च स्थान ही नहीं बल्कि संपूर्ण होला मोहल्ला कार्यक्रम का संचालन नामधारी सिंघनियों (महिलाओं) द्वारा करवाया गया। इस अवसर पर विवाह के लिए आनंद कारज की रस्में, अरदास, हवन-यज्ञ, लंगर बनाने से लेकर अमृतपान व अमृत बनाने आदि का कार्य संपन्न किया।
होला महल्ला कार्यक्रम में आनंद कारज (लावां) का उच्चारण नामधारी सिंघनियों (महिलाओं) द्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में से किया गया तथा श्री दसम ग्रंथ साहिब जी में से होला महल्ला कार्यक्रम में भोग के श्लोक आदि सभी रीति-रिवाज महिलाओं ने संपन्न किए, जबकि ये सभी कार्य अभी तक सिंघ पुरुष ही करते थे। ये सभी परिवर्तन समाज में एक नई परंपरा का सूत्रपात करेंगे।
नामधारी सिख समुदाय ने अनूठी पहल शुरू करके पुरुषों द्वारा अमृतपान तथा अमृत बनाने का कार्य भी महिलाओं द्वारा शुरू करवाया जबकि सिखों की अन्य संप्रदायों में यह कार्य अभी तक पुरुषों द्वारा ही किया जाता है यहां तक कि तख्त श्री हजूर साहिल (नांदेड) में तो अभी तक स्त्रियों को अमृतपान नहीं करवाते।
सामान्यत: सिख पंथ में आज भी विवाह (आनंद कारज) से जुड़ी थार्मिक रीति-रिवाजों को गुरुद्वारे में तैनात कुछ पुरुषों द्वारा ही किया जाता है तथा महिलाओं की भागीदारी नाम मात्र भी नहीं रहती। जबकि, नामधारी पंथ ने अपने समुदाय में आनंद कारज की रीतियों में सिंघनियों (महिलाओं) को अधिकार  प्रदान किया गया, जो कि महिला सशक्तिकरण में एक नया मील पत्थर साबित होगा।
धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं में महिलाओं को सक्रिय भागीदारी के साथ ही नामधारी संप्रदाय ने सामाजिक क्षेत्रों में भी महिलाओं की हिस्सेदारी को सुदृढ़ किया है।
हमेशा से ही नामधारी गुरु साहिबानो एवं विशेष रूप से वर्तमान सतगुरु दलीप सिंह जी ने नामधारी संगत को बुद्धिजीवी बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बहुत सी ऐसी नई बातें बताईं, जिससे आने वाले समाज में महिलाओं के प्रति लोगों के मनोभाव, बुद्धिमता व सोच में बदलाव आएगा।
समाज का उद्धार तभी होता है जब किसी भी धार्मिक स्थलों पर धर्मगुरु कुछ ऐसे उदाहरण देते हैं जिससे लोगों की सोच को एक नई दिशा मिलती है। महिला सशक्त तभी कहलाती है जब समाज उसे पूर्ण रूप से स्वीकारता है।
नामधारी समाज महिला सशक्तिकरण वाले इस परिवर्तन को सहर्ष एवं पूर्णतया स्वीकार किया है। जो कि अपने आप में बहुत बड़ी बात हैं व कठिन हैं। क्योकि, समाज में परिवर्तन लाना जहां कठिन है वहां समाज द्वारा पुरातन परंपरा से निकलकर नई सोच तथा नई परंपरा को अपनाना और भी कठिन हैं। परंतु, नामधारियों ने अपने गुरु के आदेश को मानते हुए, महिला सशक्तिकरण को सहर्ष स्वीकार किया है। जो आश्चर्य जनक तथा प्रसन्नता की बात है।                                                                ---*प्रीति सिंह
*प्रीति सिंह विश्व सत्संग सभा, दिल्ली की प्रधान है और ऐसे विषयों पर लिखती रहती है 

Friday 21 May 2021

पशुपति और वीरेश्वर की पूजा में क्या अंतर है?

संघर्ष के बिना जय नहीं मिलती-आनंदमार्ग 

चंडीगढ़//खरड़: 21 मई 2021: (आराधना टाईम्ज़ डेस्क)::
आनंदमार्ग वास्तव में एक ऐसी साधना पद्धति देता है जिसमें शामिल होने वाले साधक दुनिया से पलायन नहीं करते बल्कि हर चुनौती का सामना  करते हैं चाहे वह कितनी ही बड़ी क्यूं न हो।  आनंदमार्ग का हर संदेश गहरा ज्ञान देता है। आज का संदेश लिया गया है दादा सत्यजीत आनंद के एक संदेश में से जो उन्होंने वाटसअप पर भेजा।  

वे मनुष्य जब साधना के पथ पर आते हैं, तब उन पर चारों तरफ से बाधा-विपत्तियाँ आती हैं। घर के सदस्य बाधा डालते हैं, बन्धु-बान्धव भी बाधा डालते हैं। अनेक तरह से अनेक प्रकार की बाधाएं आती हैं और वह साहस के साथ उनसे संघर्ष करता चला जाता है, लडता रहता है। लडे बिना तो जय मिलती नहीं। बिना लडे ही कभी किसी को जय मिलती है? अब यही जो लडाई है, इसे कौन लडता है? जो वीर है वही लडाई करता है, उसमें पशुभाव नहीं रहता, उस समय उसमें रहता है 'वीरभाव' | उस समय वह परमात्मा को 'वीरेश्वर कहकर पुकारता है | वह कहता है-'हे परमपुरुष! मैं वीर हूँ, तुम वीरेश्वर हो' इस अवस्था में साधक के इष्ट 'पशुपति' नहीं रहे, वे बन गए 'वीरेश्वर' वीरभाव, सदा प्राप्य क्रमेण देवता भवेत्' वह साधक अब पशु नहीं है और इस वीरभाव में जब वह प्रतिष्ठित हो जाता है, तो किसी पाप व किसी अनाचार को सहन नहीं कर सकता, तब वह स्वाभाविक रुप से अन्याय नहीं करता, अन्याय सहन भी नहीं करता, उसका यह एक स्वभाव बन जाता है। 

श्री श्रीआनंदमूर्तिजी 

'आनन्द वचनामृतम्', "सहज धर्म", पृष्ठ- 40 , चतुर्थ, पंचम और षष्ठ खण्ड

🌹बाबा नाम केवलम्🌹

आपको आनंदमार्ग के ये संक्षिप्त विचार कैसे लगे अवश्य बताएं। आनंदमार्ग से जुड़ने के इच्छुक अपने नज़दीकी जागृति  केंद्र  के साथ सम्पर्क कर सकते हैं। 

विश्वास फाउंडेशन का कोरोना को हराने का प्रयास सराहनीय

21st May 2021 at 3:44 PM

मेयर कुलभूषण गोयल ने कहा इससे वातावरण की शुद्धता भी होगी 


पंचकूला
:21 मई 2021: (कार्तिका सिंह//आराधना टाईम्ज़)::

कभी सोचा न था कि कोरोना युग आएगा। सांस लेते वक़्त भी डॉ और अपराध का बोध होगा। अपनों से दुरी बना कर रखनी पड़ेगी। नाक और मुँह पर मास्क लगाने पड़ेंगे। कुछ वर्ष पहले अगर इस तरह की बात भी की जाती तो लोग इसे  और बुरी तरह मज़ाक उड़ाते। अब जबकि यह हमारे वक़्तों की एक हकीकत बन चुकी है तो इसे स्वीकार किये बिना कोई रास्ता भी नहीं। अब कोविड/कोरोना के खिलाफ चल रहे युद्ध में सक्रिय भागीदारी दिखाते हुए विश्वास फाउंडेशन, पंचकूला ने कोरोना महामारी के इन कठिन दिनों में वातावरण की शुद्धता के लिए जड़ी-बूटियों वाले मिक्सचर से शहर के सेक्टरों में "हर्बल धूनी की आहूति" के लिए जागरूकता का आगाज किया है। इससे पर्यावरण शुद्ध होगा। सांस लेने लायक हवा आसानी से उपलब्ध हो सकेगी। 

अपने इस इस मकसद को पूरा करने के लिए विशवास फाउंडेशन ने एक अभियान चलाया है। पंचकूला में इसका शुभारम्भ बहुत सराहा गया। आज शुक्रवार को बीकेएम विश्वास स्कूल कैंपस से मेयर कुलभूषण गोयल ने झंडी दिखाकर सेक्टर 9, 10, 11, 12, 17 और 18 के लिए तीन टीमों को रवाना करके जागरुकता कार्यक्रम का आगाज किया। उन्होंने वातावरण की शुद्धता के लिए विश्वास फाउंडेशन के प्रयास को खुले शब्दों में सराहा। इससे आम जनता में भी स्वस्थ हवा और सुरक्षित सांस को ले कर आत्म वोइश्वास में वृद्धि हुई। 

इस मौके पर विश्वास फाउंडेशन की जनरल सेक्रेटरी साध्वी नीलिमा विश्वास ने कहा कि वातावरण में फैले कोरोना संक्रमण के अंशों को कम करने की कोशिश की गई है। मकसद पंचकूलावासियों की भी भागीदारी बढे। लोग भी घरों व मोहल्लों में हवन करें और धूनी यात्रा निकालें। कोरोना महामारी की दूसरी लहर हवा के जरिए ही संक्रमण फैला रही, ऐसा सरकार और वैज्ञानिकों ने कहा है, सो वातावरण की शुद्धता से भी संक्रमण को कम करने की कोशिश होनी चाहिए। इस अवसर पर सेक्टर 9 शिवा मार्किट के प्रेजिडेंट सुरिंदर कुमार बंसल, विश्वास फाउंडेशन से रजनीश सिंगला, आशीष सिंगला, श्यामसुन्दर साहनी, सविता साहनी, मुलखराज मनोचा, सुनीता मनोचा, अविनाश शर्मा, वर्षा शर्मा, राजिंदर गुलाटी व अन्य गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे।

Thursday 20 May 2021

कोविड/कोरोना के युग में विश्वास फाउंडेशन की नई पहल

मीडियाकर्मियों में बांटे सेनेटाइजर व अन्य जरूरी बूस्टर


पंचकूला
20 मई 2021: (कार्तिका सिंह//आराधना टाईम्ज़):: 

विश्वास फाउंडेशन की ओर से जारी कोरोना महामारी के इन कठिन दिनों में सेवा कार्यों की कड़ी में आज वीरवार 20 मई को पंचकूला में मीडियाकर्मियों को मास्क, सेनेटाइजर और अन्य जरूरी बूस्टर दिए। ये वो फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स हैं जो रोजाना अपनी जान जोखिम में डाल कर शहरवासियों को देश-प्रदेश व शहर भर की खबरों से रूबरू करवाते हैं। 

इन सब कोरोना वारियर्स जो कि विभिन्न समाचार पत्रों, न्यूज चैनलों से जुड़े हुए हैं, को आज बीकेएम विश्वास स्कूल सेक्टर 9 में बुलाकर किट्स दी गईं। विश्वास फाउंडेशन की जनरल सेक्रेटरी साध्वी नीलिमा विश्वास ने बताया कि हरेक किट में 10 मास्क, सेनेटाइजर, मल्टी विटामिन, जूस और अन्य जरूरी चीजें दी गई। इस कोरोना काल में पत्रकार निस्वार्थ सेवा में जुटे हुए हैं और अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों को मौजूदा हालातों के अलावा शहर की प्रमुख खबरों से भी अवगत करवा रहे हैं, इसलिए विश्वास फाउंडेशन ने फैसला किया कि पत्रकारों को उनकी सुरक्षा एवं कोरोना संकट में बचाए रखने के लिए यह विशेष किट प्रदान की जाए। सभी के प्रति संस्था की ओर से आभार भी जताया गया जो ये लोग हर दिन अपनी जान की परवाह किए बिना देश व समाज के लिए काम कर रहे हैं। साध्वी नीलिमा विश्वास ने कहा कि पत्रकार रोजाना सैकड़ों लोगों के संपर्क में आते हैं, इसलिए उन्हें अपनी सावधानी विशेष तौर पर रखनी चाहिए। विश्वास फाउंडेशन की ओर से कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए कोविड-19 मेडिसन किट तैयार की गई है, जोकि सभी लोगों को जिन्हें कोरोना संक्रमण है, उन्हें फ्री दी जाएगी। इस किट में बुखार की दवा, एंटीबायोटिक, मल्टीविटामिन, एंटी एलर्जिक, विटामिन सी, जिंक समेत कई दवाएं हैं। जिसको भी जरूरत हो वो बीकेएम विश्वास स्कूल सेक्टर 9 पंचकूला में सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक आकर इन दवाइयों की किट प्राप्त कर सकते हैं। इस किट का कोई भी शुल्क नहीं है, सभी के लिए निशुल्क/फ्री है।