Saturday 28 September 2019

ग्यासपुरा में सात दिवसीय श्रीमद देवी भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन

Saturday:Sep 28, 2019, 4:37 PM
आयोजन दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से ग्यासपुरा  में 
लुधियाना: 28 सितंबर 2019: (आराधना टाईम्ज़ ब्यूरो)::
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से गगन नगर ग्यासपुरा  में  29 सितम्बर से 5 अक्टूबर  तक सात दिवसीय श्रीमद देवी भागवत  कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। जिसका समय प्रतिदिन सांय 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक रहेगा। इस कथा में आप  को   माँ के विभिन्न अवतारों के पीछे छिपे रहस्यों को  अध्यात्म, विज्ञान, संगीत के माध्यम से रसपान करेंगे। इस कथा को वांचने के लिए श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या  साध्वी  भद्रा भारती जी दिल्ली से पधार रही हैं। 

इस उपलक्ष्य में शहर में मंगल कलश यात्रा का आयोजन किया गया।  इस कलश यात्रा की शुरुआत स्वामी प्रकाशानंद जी,  पार्षद सोनिया शर्मा ,श्री पंकज शर्मा ,बलजीत सिंह मान,निर्मल सिंह,सरबजीत सिंह जी,तरलोचन सिंह काका जी  द्वारा झंडी   दिखाकर की गई।कलश यात्रा  से पहले  श्री  सुमन ठाकुर,धर्मपत्नी पूनम ठाकुर सपरिवार द्वारा पूजन करवाया गया। कलश यात्रा के महत्व को बताते हुए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य  स्वामी गुरुकृपानंद जी ने कहा कि  माँ शक्ति के सभी रूप मोक्ष और बलिदान का संदेश देते हैं।वह शुद्धता ,ज्ञान,सत्य और आत्म साक्षत्कार का अवतार है।कलश के अग्रभाग में देवताओं का निवास होता है। दूसरा, यह हमारे मानव मस्तिष्क का भी प्रतीक है। जिसमें अमृत का कुंड स्वीकार किया गया है। कलश यात्रा हमें निमंत्रण देती है कि आओ अपने मानव तन में ही परमात्मा का दीदार प्राप्त करो। यही हमारे जीवन का लक्ष्य है। इस यात्रा में  प्रदूषित हो रहे वातावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने हेतु पर्यावरण संरक्षण नामक झांकी का भी आयोजन किया गया, जिसमें बताया गया कि यदि वातावरण को प्रदूषित होने से न रोका गया तो आने वाले समय में हमारे लिए सांस लेना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए हमें अधिक से अधिक वृक्ष लगाने चाहिए ओर उनकी देखभाल भी करनी चाहिए। ताकि हमारी आने वाली पीढिय़ां अच्छे से जीवन यापन कर सकें।

वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ इस कलश यात्रा में   501 सौभाग्यवती महिलायें  पीले वस्त्रों में  कलश उठा कर चलीं और प्रभु के आशीर्वाद को प्राप्त किया। सारा शहर इस यात्रा की भव्यता में लीन हो गया ।यह कलश यात्रा विभिन्न  मार्गों से होती हुई कथा स्थल पर आकर समाप्त हुई।  कलश यात्रा का जगह-जगह पर बहुत ही श्रद्धा और सम्मान के साथ स्वागत किया गया।