Friday 17 February 2023

दास धर्म के आयोजन में लगा एक्युपंचर कैंप

255 मरीजों ने उठाया इसके अनोखे जादू का फायदा


लुधियाना
: 16 फरवरी 2023: (कार्तिका सिंह//आराधना टाइम्स)::

दास धर्म अपनी स्थापना के समय से ही तीखे विरोध का सामना करता आ रहा है इसके बावजूद इस धर्म ने अब एक नई चुनौती दी है उन लोगों को जो ईश्वर को आज के युग का एक बहुत बड़ा कारोबार बना कर बैठे हैं। दास धर्म ने कहा है हमारे पास आने पर आपको ईश्वर नहीं मिलेगा लेकिन जो गुण और शक्तियां ईश्वर के रूप में बताई जाती हैं वे सभी आपको इस सतसंग में आने से मिल जाएंगी। आपको उसकी रज़ा में रहना आ जाएगा। दास धर्म के संबंध में बहुत सी जानकारी लायंस भवन में पहुंच  कर मिली जहाँ दास धर्म का स्थापना दिवस मनाया जा रहा था। इसी अवसर पर एक चुनौती बड़ी बड़ी मल्टिनैशनल कंपनियों को भी दी गई थी एक्युपंक्चर का कैंप कर। गौरतलब है कि एक्युपंक्चर की थरेपी महंगी दवाओं के महंगे इलाज की दुकानदारी को बहुत जल्दी ही  बंद करने वाली है। 

दर्शन धाम दास धर्म के प्रमुख महाराज चडविन्दा दास तीर तरक्कडी जी के नेतृत्व मे लायंस भवन मे दास धर्म स्थापना दिवस मनाया गया व डा कोटनीस एक्युपंचर हॉस्पिटल सलेम टाबरी  द्वारा 16 तारीख सुबह 10:00 बजे से शाम 2:00 बजे तक मुफ्त एक्युपंचर मेडिकल कैंप  लुधियाना के सिविल लाइन,  लायन  भवन उधम सिंह नगर में लगाया गया।  इस कैंप में जोड़ों का दर्द घुटनों का दर्द, धूटनो   में दर्द, कमर का दर्द सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, साइटिका, दमा ब्रोंकाइटिस एलर्जी आधा सिर दर्द ,नींद ना आना मानसिक परेशानी  अधरंग, लकवा आदि का इलाज किया गया। यह कैंप दास धर्म  के सहयोग से लगाया गया  जिसमे 255 मरीजो का ईलाज किया गया। बहुत से मरीज तो मेडिटेशन जैसी अवस्था में थे क्योंकि उन्हें आराम आना शुरू हो गया था।

डाक्टर ढींगरा ने बताया कि तन मन की ऐसी कोई भी समस्या या बिमारी नहीं जिसका इलाज एक्यूपंक्चर से न हो सकता हो। तन की समस्याएं और मन की बेचैनियां सभी का इलाज संभव है। यहां असली नशा मुक्ति होती है क्योंकि यहां नशा छुड़वाने के बदले में कोई दूसरा नशा मेडिसिन कह कर नहीं दिया जाता। सिर्फ कुछ खास पॉइंट्स पर कुछ देर के लिए सूईयां लगा कर शरीर की ऊर्जा का सर्किट ठीक कर दिया जाता है जिससे जिस्म में से नशे कीमांग ही नहीं उठती।

इस कैंप में डॉक्टर इंदरजीत सिंह डॉ रघूबीर सिंह डॉक्टर राजेश भयाना व डा रितक चावला नेअपनी सेवाएं दी व लायंस क्लब के चेयरमैन  श्री शक्ति वर्मा, सरदार  ईकबाल सिहं  गिल (आई पी एस) रियायरड आई जी, सरदार जसवन्त सिहं छापा प्रधान सरबत दा भला चैरीटेबल ट्रस्ट लुधियाना. दिनेश राठोर राष्ट्रीय खिलाडी वालीबाल एसआई पजाॆब पुलीस, विपन जण्ड दैनिक सवेरा, गौतम जालंधरी जाग्रती लहर, सुखदेव सलेमपुरी अजीत सहित कई पत्रकारों को भी सम्मानित किया गया।

दास सरमुख महासचिव सतगुरु दर्शन धाम जी ने सभी को सम्मानित किया व सतगुरु दर्शन धाम के प्रधान निर्मल कुमार शर्मा व लुधियाना कमेटी के प्रधान दास सरदार तरसेम सिह जी उपस्थित रहे व कैम्प व कार्यक्रम का उध्गाटन सरदार ईकबाल सिहं जी ने किया व कहा कि सतगुरु दर्शन धाम की दुसरी पातशाही दास धर्म बहुत ही बढीया समाज की लोक भलाई हेतु मानवता की भलाई के लिये  समर्पन भावना से कार्य कर रहे है। वो दास धर्म दिवस पर डा कोटिनस एकयुपक्चर सुईयों वाला हस्पताल द्वारा कैम्प लगाया गया जिससे सभी प्रकार के रोगो का ईलाज बिना दवाईयो से बिना किसी दुशप्रभाव  व सबसे सस्ती चिकीत्सा  है  व रोग जड से समाप्त हो जाता है।

इस अवसर पर धर्म चर्चा के साथ साथ रूहानी भजन कीर्तन भी हुआ। कुल मिलाकर सारा आयोजन यादगार बन पड़ा।

Thursday 16 February 2023

आनंदमार्ग उपवास का अनुशासन

निर्जला एकादशी के अवसर पर भी दिखा इसका पालन

आध्यात्मिक साधना की दुनिया: 16 फरवरी 2023: (कार्तिका सिंह//आराधना टाइम्स):: 

आनंदमार्ग में उपवास पर अक्सर ही बहुत जोर दिया जाता है। उपवास से सबंधित दिनों की बाकायदा एक सूची भी होती है। अस्वस्थ होने जैसी किसी मजबूरी को छोड़ कर आम तौर उपवास की नियम का बहुत अनुशासन से किया जाता है। इस नियम के पालन से साधक का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है और मन भी हर तरह से स्वस्थ रहता है। दिमाग भी नियंत्रण में रहता है। इस नियम की पालना करते करते कब उसके रास्तों की रुकावटें दूर हटने लगती हैं इस तरह के चमत्कार वही जानता हैं। जानमाने अर्थशास्त्री डा. रवि बत्रा ने अपनी किसी पुस्तक में उपवासों के अनुभव पर बहुत अच्छा लिखा है कि कैसे उपवासों ने उसके रास्ते में लगातार आ रही बाधायों की कमर तोड़ दी थी। डा रवि बत्रा जाने माने अर्थशास्त्रियों में गिने जाते जिनकी भविष्यवाणियों ने किसी वक्त पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था।

आनंद मार्ग में सभी एकादशी पर्वों//दिनों का उपवास रखा जाता है जो आम तौर पर 25 से 27 घंटे तक का उपवास होता ही है। इस बार का उपवास  निर्जला एकादशी 16 फरवरी 2023 को है। इस दिन भी सभी साधक उपवास रखेंगे। 

उपवास की याद दिलाते समय स्पष्ट बताया जाता है कि कुछ बातों कोण्याद रखना जरूरी है। ध्यान रहे-एकादशी  के दिन, केवल गुर्दे की पथरी/पित्ताशय की पथरी/बीमार रोगी केवल नींबू नमक पानी पी कर एकादशी का पालन करेंगे।  

ब्लड प्रेशर के मरीज सिर्फ पानी पी कर उपवास करेंगे।  निम्न रक्तचाप के रोगियों के लिए दूध और फलों के रस की अनुमति है।  

मधुमेह के रोगियों के लिए नींबू के रस और फलों के रस की अनुमति है।  इस तरह कुछ विशेष प्रस्थितियों में आवश्यक छूट भी दी जाती है ताकि किसी पर भी इस अनुशासन की पालना करते समय कोई दुष्प्रभाव न पड़े।

लेकिन बाकी सभी को इस अनुशासन पालन सख्ती से करना होता है। बिना पानी के एकादशी के उपवास का पालन करना चाहिए।  अत्यधिक बीमार रोगी केवल फल और दुग्ध उत्पाद ही ले सकते हैं।  

एकादशी पर ठोस भोजन की अनुमति नहीं है (यह निर्देश Caryacarya और योगिक चिकित्सा पुस्तकों में छपे बाबा के प्रवचनों पर आधारित है)

गौरतलब है कि आनंदमार्ग में मेडिटेशन, योग साधना और तंत्र साधना का विशेष महत्व है। यम नियम के पालन पर बहुत जोर दिया जाता है। उच्च नैतिक जीवन शैली को बार बार याद दिलाया जाता है। दशकों पहले आनंद मार्ग ने जो नारे उठाए  उनमें सबसे प्रमुख था कि बी मोरालिस्ट अर्थात नैतिक बनो। देखने को साधारण सा स्लोगन लगता है लेकिन इस में गहरी बातें छिपी हैं सारी उम्र जिनका पालन करते साधक को ज़िंदगी संवर जाती है और वह तकरीबन हर बुराई से बचा भी रहता है।

Thursday 9 February 2023

नामधारियों ने किया हवन से पूजन अर्चन

Wednesday 8th February 2023 at 07:45 PM

हवन में महिलाओं ने भी सक्रिय योगदान दिया//भजन गायन भी हुआ   


कुरुक्षेत्र: 8 फरवरी 2023: (कार्तिक सिंह//आराधना टाईम्ज़)::

हवन के फायदे अनगिनत हैं। इसकी महिमा अपरम्पार है। हवन करने और करवाने वाली ही इससे मिलने वाले आनंद को महसूस कर सकते हैं। हवन की खूबियों के कारण बड़े बड़े लोग और राजनेता हवन करना आवश्यक समझते हैं। पर्यावरण को शुद्धता प्रदान करने के साथ साथ हवन के पास बैठने मात्र से ही मन की चिंता, संताप, शोक और रोग मिटने लगते हैं। मन में एक नया उत्साह आने लगता है। दिल और दिमाग में एक नई शक्ति का अद्भुत संचार सा होता हुआ महसूस होने लगते है। 

नामधारियों ने एक बार फिर से पूरी आस्था से कुरुक्षेत्र की ऐतिहासिक भूमि पर पहुंच कर किया हवन का आयोजन। यह जानकारी संत तेजिंदर सिंह नामधारी ने दी।  ऐसी बहुत सी वजहें और कारण हैं कि नामधारी समुदाय में हवन को आज भी विशेष स्थान प्राप्त है। बहुत सी आलोचना और विरोध के बावजूद नामधारी संगत से जुड़े भक्त लोग पूरी आस्था के साथ अक्सर हवन करते हैं। 

गौरतलब है कि नामधारी पंथ की स्थापना के समय से ही इसकी परम्परा एवं मर्यादा रही है। इस बार भी आठ फरवरी 2023 को स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वितीय जन्म शताब्दी के सबंध में हवन का विशेष आयोजन कुरुक्षेत्र में किया गया। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के आश्रम में यह एक अलौकिक सा अनुभव था। एक अध्यात्मिक ऊंचाई की अनुभूतियों से भरा हुआ अनुभव। इसमें नामधारी संगत ने अपने रूटीन की तरह यहां इस आश्रम में भी बहुत ही स्नेह और सम्मान से हवन का आयोजन किया। 

इस हवन में आहुतियां डालने वालों में सुश्री संदीप कौर ने पूरी मर्यादा के साथ हर औपचारिकता निभाई। इस हवन में उनके साथ सूबा अमरीक सिंह, सूबा रतन सिंह, प्रधान अरविन्द्र सिंह, दिल्ली यूनिट के प्रधान चरणजीत सिंह यमुनानगर, तेजिंदर सिंह और अन्य गणमान्य लोग भी शामिल हुए। इस मौके पर अंतरात्मा को छूने वाला भजन कीर्तन भी हुआ जिसके सुनते हुए मन दुनियादारी के झमेलों से हट कर आत्मिक आनंद की तरफ बहने लगता है। 

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