Wednesday 14 June 2023

ज्योतिष विज्ञान: सच और झूठ की सीमा कहाँ तक?

ज्योतिष से जुड़े विज्ञान के संबंधों की विशेष चर्चा 

लुधियाना: 14 जून 2023: (आराधना टाइम्स//ज्योतिष डेस्क)::

मानवीय तन मन की सरंचना भी अजीब है। आज क्या सामने है इसकी उसे न चिंता रहती है और न ही कोई जिज्ञासा। कल क्या होगा इसमें आम तौर पर सभी की रुचि रहती है। इस बात को जानने की चाहत ने ही ज्योतिष विज्ञान को विकसित किया। समुन्द्र में आने वाला ज्वार भाटा, सागर के विशाल जल पर चन्द्रमा का प्रभाव, उंगलियों के निशान, हाथों की लकीरें, ऋतू बदली, दिन रात इत्यादि बहुत सी ऐसी बातें हैं जिनसे ज्योतिष के विज्ञान होने  समझ में आने लगती हैं। उंगलियों के निशान कभी किसी से नहीं मिलते। चन्द्रमा के प्रभाव से समुन्द्र का पानी आसमान की तरफ बहुत बड़ी ऊंचाई को छूता है। निश्चित ही हमारे अंदर के पानी पर भी चन्द्रमा का प्रभाव पड़ता है। तिब्बती मेडिसिन सिस्टम में दलाईलामा के पैरोकार ज्योतिष के आधार पर भी विभिन्न रोगों का इलाज करते हैं। जटिल रोगों के लिए वह बाकायदा जन्म तारीख और जन्म जा समय पता लगाने को कहते हैं। पिछले जन्मों को जान लेने का विज्ञान भी इस मामले में सहायक समझा जाता है। 

अब आज के दौर में भी ज्योतिष विज्ञान हमारे समाज में बेहद अहमियत रखने लगा है। ज्योतिष हमारे जीवन में हमेशा से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। यह एक ऐसा विज्ञान है जो हमारी भविष्यवाणी करके हमें कल घटित होने वाली बातें आज दिखाने का प्रयास करता है। ज्योतिष के जरिए भविष्य देखने दिखाने की कोशिश हमें कई बार शक्तिशाली भी बना देती है और कई बार कमजोर भी। 

इस ज्ञान का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है जैसे कि समाज, राजनीति और व्यापार। हालांकि, ज्योतिष विज्ञान के बारे में बहुत से मतभेद भी हैं। कुछ लोग इसे एक वैज्ञानिक विषय के रूप में मानते हैं, जबकि दूसरे इसे एक धार्मिक विषय के रूप में मानते हैं। इस लेख में, हम इस सवाल का जवाब ढूंढेंगे कि ज्योतिष विज्ञान की सच और झूठ की सीमा कहाँ तक है। इन सवालों के जवाब भी महत्वपूर्ण हैं। बहुत सी वैज्ञानिक घटनाएं और रूटीन आस को साबित करते नज़र आने लगे हैं कि प्रकृति के रहस्य बहुत गहरे हैं।


इन रहस्यों के जरिए ही समझा जा सकता है कि ज्योतिष विज्ञान क्या है? इस विज्ञान के नियम और सिद्धांत क्या हैं?

यह बात हकीकत है कि ज्योतिष विज्ञान भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसे वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित नहीं माना जाता है। यह एक ऐसी विधा है जो कि व्यक्ति की जन्मकुंडली को अध्ययन कर उसके वर्तमान और भविष्य के बारे में बताती है। ज्योतिष विज्ञान में कुंडली में पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, और आकाश जैसे पाँच महाभूत होते हैं जो कि मानव शरीर में उपस्थित हैं। ज्योतिष विज्ञान में विभिन्न ग्रहों की स्थिति के आधार पर भविष्यवाणी की जाती है। ज्योतिष विज्ञान व्यक्ति को उसकी कुंडली के आधार पर विभिन्न विषयों जैसे उनके स्वास्थ्य, व्यवसाय, शिक्षा, प्रेम जीवन, वैवाहिक जीवन आदि के बारे में बताती है। ज्योतिष विज्ञान के बारे में कहा जाता है कि इसमें एक अंधविश्वास होता है। लेकिन ज्योतिष विज्ञान वास्तव में एक विज्ञान है जो कि अध्ययन करने से हमें अपने जीवन के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिलता है।ज्योइसी तरह तिष विज्ञान के प्रकार

इस तरह ज्योतिष विज्ञान, जिसे ज्योतिष के रूप में भी जाना जाता है, एक आधुनिक दुनिया में भी एक प्राचीन कला है। यह एक ऐसी विज्ञान है जो ब्रह्मांड और इसके भागों, जैसे कि ग्रह और नक्षत्रों के बीच के संबंधों के अध्ययन पर आधारित है। ज्योतिष विज्ञान विभिन्न प्रकारों में आता है, जिनमें वैदिक ज्योतिष, चीनी ज्योतिष, वेस्टर्न ज्योतिष, ईजिप्टी ज्योतिष, जापानी ज्योतिष और मायान ज्योतिष शामिल हैं। प्रत्येक विधा के ज्योतिष विज्ञान में अपने अंतर्निहित सिद्धांत होते हैं, जिन्हें विभिन्न तरीकों से आवश्यक सामग्री के अध्ययन के उपयोग से लागू किया जाता है। वैदिक ज्योतिष भारतीय ज्योतिष का एक प्रमुख भाग है, जो वेदों के अध्ययन पर आधारित है। इसके अलावा, वेस्टर्न ज्योतिष उत्तर अमेरिका में प्रचलित है, जो विशेष रूप से यूरोपीय ज्योतिष पर आधारित है। चीनी ज्योतिष, जिसे शेंग ज्योतिष भी कहा जाता है, एक अन्य प्रसिद्ध ज्योतिष विज्ञान है, जो चीन में प्रचलित है। जहाँ तक झूठ और सच की सीमा की बात है, ज्योतिष विज्ञान एक विवादित विषय है और इस बारे में विभिन्न मत होते हैं। हालांकि, अगर आपको इसमें विश्वास है, तो आप इसे एक मान्य और उपयोगी विज्ञान के तौर पर हर कदम पर हर पल घटित होता हुआ पाएंगे।

इस हकीकत के बावजूद ज्योतिष में भी सच और झूठ की सीमा होती है। ज्योतिष बताने वाला ज्योतिषी स्वयं कितना जानकार है इसका भी असर होता है।

उल्लेखनीय है कि ज्योतिष विज्ञान, जिसे ज्योतिष भी कहा जाता है, एक विज्ञान है जो व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर उनकी भविष्यवाणी करता है। यह विज्ञान बहुत समय से लोगों के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। लेकिन कुछ लोगों के मन में अभी भी सवाल होते हैं कि ज्योतिष विज्ञान में सच और झूठ की सीमा कहाँ तक है? इसके रहस्यों को समझे बिना इसके उत्तर समझे भी नहीं जा सकते।

आम तौर पर ज्योतिष विज्ञान की भविष्यवाणियों के पीछे अक्सर नज़र आने वाली साइंस के वैज्ञानिक तथ्य नहीं होते हैं। इसलिए, कुछ लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या ज्योतिष विज्ञान सही होता है या नहीं? इसके जवाब में कहा जा सकता है कि ज्योतिष विज्ञान की भविष्यवाणियों की सटीकता से ज्यादा इसकी आधारभूत सिद्धांतों को ध्यान में रखना चाहिए। प्राकृति के नियमों को सामने रखते हुए ही ज्योतिष के इशारे समझे जा सकते हैं।

यदि एक व्यक्ति ज्योतिष विज्ञान को सही ढंग से समझता है तो उन्हें इसके माध्यम से अपने जीवन में बहुत सी मदद मिल सकती है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि ज्योतिष विज्ञान की भविष्यवाणियों में आपके कर्मों और भाग्य का खास महत्व होता है और इन भविष्यवाणियों को समझने के बाद भी यह आप पर निर्भर करता है कि आप अपने कर्मों के माध्यम से अपनी भविष्यवाणियों को साकार करते हैं या नहीं।

यदि ज्योतिष आधारित जीवन जीवन जिया जाए तो ज्योतिष विज्ञान के फायदे और नुकसान भी समझे जा सकेंगे। इसके संकेत कदम कदम पर नज़र भी आने लगेंगे।

ज्योतिष विज्ञान के बारे में बहुत कुछ सुना जा सकता है। यह एक विषय है जिसके बारे में लोग सहमत नहीं होते हैं। इसलिए, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम ज्योतिष विज्ञान के फायदे और नुकसान के बारे में जानें। ज्योतिष विज्ञान को उन लोगों द्वारा मान्यता दी जाती है जो अपने जीवन में निरंतर समस्याओं से जूझ रहे होते हैं। ज्योतिष विज्ञान उन लोगों को मार्गदर्शन देता है जो अपने भविष्य को लेकर चिंतित होते हैं। ज्योतिष विज्ञान के फायदे कुछ इस प्रकार हैं। ज्योतिष विज्ञान में आप अपने भविष्य को जान सकते हैं और अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए सलाह प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, ज्योतिष विज्ञान आपको अपने शुभ और अशुभ ग्रहों के बारे में बताता है जो आपके जीवन में कैसे प्रभावित होते हैं। हालांकि, ज्योतिष विज्ञान के नुकसान भी होते हैं। ज्योतिष विज्ञान को समझना आसान नहीं है और इसमें कुछ लोग धोखा भी देते हैं। इसलिए, ज्योतिष विज्ञान के बारे में असत्य बातें फैलाने से बचना चाहिए। इसके अलावा, अधिकतर लोग अपने भविष्य को जानने के लिए ज्योतिष विज्ञान का इस्तेमाल करते हैं, जो उन्हें अनिश्चितता में रखता है। इसलिए, हम यह निष्कर्ष निकाल सकते है कि अभी भी इस क्षेत्र में गहन अध्यन और साधना को जरूरत है। कई राज्यों को यूनिवर्सिटी में इसकी बकायदा शिक्षा शुरू हो चुकी है। निकट भविष्य में इसका ट्रेंड और भी बढ़ेगा।

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