Sunday 4 February 2024

जब आसमान में दो चन्द्रमा दिखते हैं और उल्कापात होता है

दुनिया और ज़िंदगी के लिए होता है वह समय बहुत ही विशेष 


लुधियाना: 04 फरवरी 2024: (मीडिया लिंक रविंदर//आराधना टाईम्ज़ डेस्क)::

ज्योतिष और अध्नायात्बम के जानकार  के गोपाल
उत्तर भारत में जब पंजाब पहुंच कर लुधियाना से जगराओं की तरफ जाया जाए तो थोड़ी सी दूरी पर ही  मुल्लांपुर, रायकोट और जगराओं के इलाकों में एक जाना माना नाम है जनाब के. गोपाल जी का। बहुत लोकप्रिय शख्सियत हैं वह। समाजसेवी, जहां फिलास्फर और पत्रकार  होने के साथ साथ वह बहुत अच्छे ज्योतिषी भी हैं। उनकी भविष्यवाणियां बहुत बार सच भी साबित हो चुकी हैं। 

कई बार उनकी गहन बातों को समझ पाना सबके बस में भी नहीं होता। आज उन्होंने कहा है कि आसमान में दो चांद नज़र आने वाले हैं। साथ ही उल्कापात वाली बरसात भी होगी। उल्का पिंड की बरसात या उल्कापात का सिलसिला बहुत पुराना है। समय समय पर इसके आसार बनते ही रहते हैं। उनकी राजनैतिक उथल पुथल की बातें भी सच निकलती रही हैं। 

आज सुबह सुबह मुंह अंधेरे पांच बजे से पहले ही उन्होंने भविष्वाणी की है कि आज आसमान में दो चांद नज़र आएंगे। इसके साथ ही उल्कापात भी देखने को मिलेगा। जहां जहां भी यह देखा जा सकेगा वहां के लोगों के लिए यह बहुत ही यादगारी भी होगा। इस तरह के पल बहुत काव्यपूर्ण और रूमानी भी महसूस हो सकते हैं। यदि किसी को किसी गृह के प्रकोप का विचार मन में हो तो उसके लिए भयानक महसूस भी हो सकते हैं। अर्थात आपके  भी होगा उसका अनुपर कई गुना बढ़ जाएगा। आपकी यादें सचमुच यादगारी बन जाएंगी। 

गौरतलब है कि इस तरह की बरसात के संबंध में बहुत कुछ कहा सुना जाता रहा है। उल्का वर्षा  अर्थात meteor shower एक खगोलीय घटना है जिसमें किसी ग्रह पर आकाश के एक ही स्थान से बार-बार कई उल्का बरसते हुए प्रतीत होते हैं। प्रकृतिक तौर पर यह एक सौंदर्यपूर्ण दृश्य भी बन सकता है। 

वैज्ञानिक तौर पर इसके अलग पहलू होते ही हैं। मानव और अन्य जीवों पर इसके प्रभाव भी हो सकते हैं।  यह उल्का पात वास्तव में खगोलीय मलबे की धाराओं के ग्रह के वायुमंडल पर अति-तीव्रता से गिरने से प्रस्तुत होते हैं। अधिकतर का आकार बहुत ही छोटा (रेत के कण से भी छोटा) होता है इसलिए वह सतह तक पहुँचने से बहुत पहले ही ध्वस्त हो जाते हैं। सो कई बार इनके गिरने का पता नहीं भी चलता। हां अगर अधिक घनी उल्का वर्षा को उल्का बौछार अर्थात meteor outburst  या फिर उल्का तूफ़ान meteor storm कहते हैं और इनमें एक घंटे में 1000 से अधिक उल्का गिर सकते हैं। इसकी कल्पना मात्र से ही अनुमान लगाया जा सकता है कि दृश्य कैसा लग सकता है।  तन और मन में क्या महसूस हो सकता है। 

हमने एक गीत के बोलों की चर्चा की थी संगीत स्क्रीन में-

कैसी हसीन आज बहारों की रात है-एक चाँद आसमां पे है एक मेरे साथ है....

बेहद लोकप्रिय हुए इस गीत में दो पंक्तियां और भी विशेष हैं जो ब्रह्मण्ड के रहस्यों और ईश कृपा की तरफ भी इशारा करती हैं। 

देखिए ज़रा इन पंक्तियों की गहराई भी-

देने वाले तू ने तो कोई कमी न की;अब किस को क्या मिला ये मुक़द्दर की बात है

अगर आप किसी तरह आज की इस बरसात और दो चांद नज़र आने के दृश्य को देखने में कामयाब हो जाते हैं तो अवश्य बताएं कि आपको कैसा महसूस हुआ यह सब अलौकिक सा दृश्य? अब इस तरह के दो चन्द्रमा और उल्काजोोू आपके भविष्य और वॉटरमैन पर कैसा असर डालेगा इसका सही पता अच्छे ज्योतिषी ही बता सकेंगे। 

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