Sunday 17 March 2024

आत्मा कारक ग्रह//वृद्धावस्था ग्रह-विशेष आयु-विशेष प्रभाव-विशेष शक्ति

Saturday 16th March 2024 at 09:33 AM

बिभाष मिश्रा बता रहे हैं ज्योतिष से सबंधित इस पहलु के भी गहन रहस्य 


ज्योतिष की दुनिया से
16 मार्च 2023: (बिभाष मिश्रा//आराधना टाईम्ज़ डेस्क)::

ज्योतिष शास्त्र में दो ऐसे शब्द जो एक ही सिक्के के दो पहलू हैं जिनका मायने लगभग एक समान है, पर परिभाषा अलग-अलग है, आज इसके कांसेप्ट को समझने की कोशिश करते हैं ।।।

ग्रहों की तीन अवस्थाएं होती है बाल्यावस्था, युवावस्था ,और वृद्धावस्था

बाल्यावस्था ग्रह - 0 से 10 डिग्री ।।

युवावस्था ग्रह - 10 डिग्री से 25 डिग्री ।।

वृद्धावस्था ग्रह - 25 डिग्री से 30 डिग्री ।‌

ज्योतिष कहता है जब कोई ग्रह वृद्धा अवस्था में होता है मतलब 25 डिग्री से 30 डिग्री के मध्य होता है,  तो अपनी क्षमता को खो देता है, यानी उसकी क्षमता उस प्रकार नहीं रहती है जितना ग्रह अगर कोई युवावस्था में हो ।।।

अगर कोई ग्रह उदाहरण के तौर पर 29 डिग्री का है तो वह वृद्धावस्था कहलाएगा और वह पूर्णतया फल देने लायक नहीं रहेगा ।।।

अब सिक्के के अगले पहलू को समझते हैं, अगला कॉन्सेप्ट यह कहता है कि आपकी कुंडली में जो ग्रह सर्वाधिक डिग्री का है वह आत्मकारक हुआ,  और यह ग्रह बाकी के 8 ग्रह की तुलना में आपके ऊपर सर्वाधिक प्रभाव रखता है ।।

एक तरफ वृद्धावस्था कहकर उसे आप कमजोर कह रहे हैं दूसरी तरह आत्मकारक कहकर उसे सर्वाधिक बली ।।।

सही मायने में दोनों ही अपने-अपने जगह सही है सिर्फ समझने का फेर है ।।

यकीनन अगर कोई ग्रह सर्वाधिक डिग्री का होकर वृद्धावस्था में है तो उसकी शक्ति कमजोर पड़ जाती है, उसके तुलना में युवा ग्रह जो 10 से 25 डिग्री के मध्य हैं वह बेहतर परिणाम देने वाले होते हैं ।।।

पर अनुभव की बात करें तो वृद्धावस्था वाले ग्रह के पास ज्यादा अनुभव होता है ।।

उदाहरण के तौर पर एक परिवार में एक वृद्ध माता-पिता जिनके परिवार में रहना मात्र ही उस परिवार की हरियाली को बताता है ।।।

एक वृद्ध माता-पिता आर्थिक तौर पर परिवार में कोई योगदान नहीं देते हैं , यहां तक की परिवार के देखरेख में उनका कोई शारीरिक योगदानभी  नहीं होता है , परंतु उनका परिवार में उपस्थित होना ही यही परिवार के लिए बहुत बड़ा धन होता है ।।

युवा धन कमाते हैं, पर अगर कहीं वह संकट में फंसते हैं तो वह सलाह वृद्ध माता-पिता से ही लेते हैं ।।

वृद्ध माता-पिता अपना तजुर्बा, अपना अनुभव अपने बेटे को शेयर करते हैं ।‌।

एक अन्य उदाहरण से समझते हैं सिटी एसपी शहर का कप्तान होता है और पुलिस की सभी कार्यभार को S.P ही संभालता है

पर जहां वह आपराधिक गतिविधि या अन्य मामलों के निपटारे में खुद को असहाय महसूस करता  है, तो वह सलाह अपने वरीय पदाधिकारी DIG,  IG और DGP से लेता है जो अभिभावक के तौर पर अपना अनुभव SP को  शेयर करते हैं ।।

युवावस्था वाले ग्रह की भूमिका SP की भूमिका से समझना चाहिए ।।

वृद्धावस्था वाले ग्रह की भूमिका DIG,  IG, और DGP की भूमिका से समझना चाहिए ।।।

उम्मीद करता हूं कि आपका कांसेप्ट क्लियर हो गया होगा ।।

Er. Bibhash Mishra-Research Scholar and Astrologer Consultant

+91 99559 57433

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