Monday 5 April 2021

होला मोहल्ला पर जीवन नगर में हुए विशेष आयोजन

सतगुरु दलीप सिंह ने बताया समाज को मज़बूत बनाने का गुर 

*सतगुरु दलीप सिंह जी ने स्त्रियों को महान समागम का संचालन करने का दायित्व संभाला  

*होले महल्ले के दौरान किया नया ऐलान 

*बहू-बेटियों को समाज में आगे बढ़ाने से उनका हौंसला एवं आत्मसम्मान बढ़ता है

*दूसरे दिन भी नामधारी होला-महल्ला का समागम आस्था की भावना से हुआ 

*सेवा, प्रभु भक्ति एवं नई परम्पराओं का सबूत देता हुआ 

लुधियाना: 3 अप्रैल 2021: (*गुरमीत सिंह सग्गू//आराधना टाईम्ज़)::

गुरद्वारा श्री जीवन नगर में चल रहा  प्रोग्राम वर्तमान नामधारी प्रमुख सतगुरु दलीप सिंह जी की अगुवाई में पूरे उत्साह, श्रद्धा एवं प्रेम भक्ति से सराबोर रहा । यह प्रोग्राम बहुत ही नियमबद्ध  एवं अनुशासित तरीके से मनाया जा रहा है।  इस दौरान सतगुरु दलीप सिंह जी की आज्ञानुसार सारे समागम का प्रबंधन विशेष रूप से नामधारी महिलाओं ने संभाला। समागम में शामिल हो प्रत्येक कार्यभार संभाला और सतगुरु जी द्वारा दिए अधिकारों को अपना धन्य भाग समझा। आज फिर से इस समागम के दौरान नाम-सिमरन, कवि दरबार, कथा-कीर्तन तथा गुरुवाणी के पाठों का प्रवाह चला।

यह प्रोग्राम आज "आसा की वार" से शुरू हुआ तथा सतगुरु दलीप सिंह जी ने (लाइव कॉन्फ्रेंस) द्वारा अपने  कल्याणकारी संदेश द्वारा बताया कि गुरुवाणी में लिखा है, "दुख रोग संताप उतरै सुनी सच्ची बानी" अतः आप जी ने बताया कि गुरुवाणी पढ़ने से एक नहीं अनेक लाभ हैं, आपने  गुरुवाणी पढ़ने, सुनने एवं मानने के लाभों से परिचय करवाया।  

इस समागम की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि इस महान समागम की जिम्मेवारी नामधारी महिलाओं को देकर  महिलाओं के सम्मान में एक और क्रन्तिकारी पहल की। आप जी ने बताया कि मैंने स्त्रियों को समाज में आगे बढ़ाने के लिए, इस समागम का प्रबंधन महिलाओं को सौंपा है ताकि उनमें काम करने का उत्साह और आत्मविश्वास  बढ़े कि वे किसी भी काम में पीछे नहीं हैं।  

आप जी ने बेटियों को ज्यादा से ज्यादा शिक्षा पढ़ाने तथा गरीबों की मदद करने की प्रेरणा दी। आप ने कहा कि हमें फिजूलखर्ची और महंगे लंगर लगाने छोड़कर जरूरतमंद लड़कियों को पढ़ाने तथा जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए। आप स्त्रियों को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए यत्नशील हैं।                                   

आज होले महल्ले के दूसरे दिन सुबह अमृत वेले  आसा की वार के कीर्तन में सारी संगत ने रागी सिंघों के साथ मिलकर गुरुवाणी गायन किया । इस अवसर पर सतगुरु गोबिंद सिंह जी के फौजी सिक्खों अर्थात गतके की टीम ने ने वीर रस का प्रतीक गतके के जौहर दिखाकर सब को निहाल किया। इसके साथ ही पंथ के महान जत्थेदारों, जत्थेदार जोगिन्दर सिंह मुक्ता जी ने साथ में होले महल्ले से संबंधित वीर रस से ओत-प्रोत  शबद गायन किया; "सुरा सो पहचानिए जो लरै दीन के हेत"  इस अवसर पर जसपाल सिंह, प्रधान सुखदेव सिंह, रघबीर सिंह सग्गू, अजीत सिंह, सूबा बलजीत सिंह, मोहन सिंह झब्बर, अंग्रेज सिंह, नरिंदर सिंह, गुरनाम सिंह, गुरभेज सिंह, मुख्तयार सिंह, बीबी दलजीत कौर, सतनाम कौर, जसवीर कौर, मंजीत कौर,कुलदीप कौर, जसविंदर कौर, मंजीत कौर, राजपाल कौर, भूपिंदर कौर, संदीप कौर, भगवंत कौर, गुरवंत कौर, हरप्रीत कौर, रंजित कौर, बलविंदर कौर के अलावा विशाल संगत हाजिर हुई । गुरु का लंगर सुनियोजित तरीके से चलता रहा। 

*गुरमीत सिंह सग्गू नामधारी समाज में परिवार सहित सक्रिय रहने वाले सज्जन पुरुष हैं। 

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