Wednesday 14 November 2018

अखिल भारतीय संत समिति में हुए खास ऐलान

धर्मान्तरण तथा लव जेहाद आदि विषयों पर भी हुआ विचार विमर्श 
जालंधर//नई दिल्ली:13 नवम्बर 2018: (राजपाल कौर//आराधना टाईम्ज़)::

गत दिवस दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में अखिल भारतीय संत समिति का विशाल आयोजन किया गया।इस समागम में विशेष रूप से समस्त भारत से आये हुए महामण्डलेश्वर ,शंकराचार्य तथा समूह साधु-संतों में ,नामधारी प्रमुख सतगुरु दलीप सिंह जी के अनुयायी भी काफी संख्या में हाजिर हुए। इस समागम में मुख्य रूप से 31 अक्टूबर 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद मारे जाने वाले सिक्खों और 7 नवम्बर 1986 को दिल्ली के रामलीला मैदान में गौवध को रोकने के लिए शहीद हुए संतों एवं गौभक्तों व श्री राम जन्म भूमि के कार सेवकों को श्रद्धांजली भेंट की गई। गौरतलब है कि ये लोग 30 अक्टूबर  और 2 नवम्बर 1990 को अयोध्या में मारे गए थे। इसके अलावा श्री राम जन्म भूमि पर भव्य मन्दिर के निर्माण तथा हमारे समाज में हो रहे धर्मान्तरण तथा लव जेहाद आदि विषयों पर विचार विमर्श किए गए। इस समिति की बैठक मेंखास तौर पर सतगुरु दलीप सिंह जी द्वारा भेजा गया संदेश श्री जयप्रकाश गोयल जी ने पढ़ कर सुनाया जो कि पवित्र गुरबाणी के अनुसार आपसी एकता और विशेष रूप से हिन्दु-सिक्ख एकता को और मजबूत करने वाला था, जिसमें अन्य त्योहारों को मिलकर मनाने के इलावा इस साल सांझीवालता व परस्पर प्रेम के प्रवर्तक सतगुरु नानक देव जी का 550 वां प्रकाश उत्सव गुरद्वारों के इलावा मंदिरों में भी धूमधाम से मनाने का सुझाव रखा। इस महान संदेश के समर्थन में सारा हॉल जो बोले सो निहाल तथा जय श्री राम के जयकारों से गूँज उठा।इस आयोजन के अध्यक्ष जगद्गुरु हंसादेव आचार्या जी ने नामधारी सतगुरु, ठाकुर दलीप सिंह जी के समाज कल्याण के कार्यो की चर्चा और प्रशंसा भी की। आप जी ने इस महान सभा में इस बात की भी बड़े गर्व से घोषणा की तथा वचन दिया कि अखिल भारतीय संत समिति और सारा संत समाज हमेशा सतगुरु, ठाकुर दलीप सिंह जी के साथ खड़ा है। इसके साथ ही आप जी ने यह भी बताया कि संघ तथा विश्व हिन्दु परिषद भी आपसे पूरी तरह जुड़े हैं तो हम भिन्न कैसे हो सकते हैं। इस अवसर पर महान संत, महन्त ज्ञानदेव जी, श्री श्री रविशंकर जी, शंकराचार्य वासुदेव जी, ब्रह्मचारी वागीश स्वरूप जी तथा तथा नामधारी पंथ के सूबा भगत सिंह जी महद्दीपुर, सूबा भगत सिंह जी यू.पी., सूबा अमरीक सिंह जी, तजिन्दर सिंह जी (विश्व हिन्दू परिषद के प्रान्त प्रधान), वकील नरिंदर सिंह जी, हरभजन सिंह फोरमैन, मलकीत सिंह बीड़, अरविंदर सिंह दिल्ली ,पलविंदर सिंह कूकी,प्रभजिंदर सिंह,गुरदेव सिंह आदि हाजिर थे।    

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