Saturday 13 October 2018

वार्षिक जप-प्रयोग अमिट यादों के साथ सम्पन्न

जप प्रयोग में दृढ़ करवाई जाती है आध्यात्मिक साधना
जालंधर//दसूहा: 12 अक्टूबर 2018:(राजपाल कौर//पंजाब स्क्रीन)::
प्रत्येक साल की तरह इस साल भी सतगुरु दलीप सिंह जी की छत्रछाया में नामधारी संगत द्वारा शुरू किया गया वार्षिक जप-प्रयोग, आपसी एकता ,प्रेम और भाईचारे के संदेशों द्वारा अमिट छाप छोड़ता हुआ  आज सम्पन्न हुआ। आज से अस्सू के मेला बड़े उत्साह व उल्लास से शुरू हो गया है। सतगुरु राम सिंह जी द्धारा दर्शाये गए दिशा-निर्देश अनुसार चलते हुए, नामधारी सिक्ख जप-प्रयोग के आयोजन द्धारा अपने जीवन को गुरबाणी अनुसार जीने तथा इस पर दृढ रहने का अभ्यास करते हैं। इस दौरान अमृत वेले से लेकर शाम तक तकरीबन 8-9 घण्टे परमात्मा के साथ जुड़कर, एकाग्रचित हो कर सिमरन-साधना का अभ्यास, कथा-कीर्तन, गुरु इतिहास की जानकारी लेते हुए एक आदर्श जीवन जीने के गुण सीखते हैं। इस के इलावा भावी पीढ़ी को सेवा-सिमरन जैसे गुरसिक्खी आचरण बताते हुए उन्हें अपनी प्रतिभा निखारने का भी मौका दिया जाता है। इस जप-प्रयोग की विशेष बात यह है कि यह आयोजन श्री सतगुरु दलीप सिंह जी की आज्ञा से विशेष रूप से सरोवर अर्थात जल के पास ही करवाया जाता है क्योंकि गुरबाणी के अनुसार जल के पास बैठकर नाम सिमरन करने का बहुत महत्व माना गया है जैसे कि हम देखते हैं की गुरु साहबानों द्वारा कई धार्मिक स्थल सरोवर के किनारे ही स्थापित किये गए हैं। इस लिए सतगुरु जी की आज्ञा से यह आयोजन ,सतगुरु प्रताप सिंह सरोवर ,श्री जीवन नगर और प्राचीन पांडव तालाब मन्दिर,दसूहा जैसे पावन स्थानों पर होना नियत किया गया। चालीस दिन लगातार चलता हुआ यह कार्यक्रम प्रतिदिन आनन्द और सकारात्मक-ऊर्जा प्रदान करता रहा। संगत ने भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया और आनन्द की प्राप्ति की। 
               आज इस जप-प्रयोग की समाप्ति अमृत वेले आसा की वार के अमृतमयी कीर्तन और शाम के समय संत तेजा सिंह जी (खुड्डा वाले)की मनोहर और आनंदमयी कथा के साथ हुआ। उन्होंने संगत को नाम-बानी और जीवन में गुरु का महत्व बताया। आप जी ने बताया कि परमात्मा का वास हमारे अंदर ही है ,हम उसे बाहर ढूंढते रहते हैं। संत जी ने सतगुरु दलीप सिंह जी की कृपा से चल रहे इस शुभ कार्यक्रम की प्रशंसा की तथा आपस में मिल-जल कर रहने का सन्देश दिया। इस के साथ ही संगत को अस्सू का मेला शुरू होने की बधाइयाँ भी दी। 
   अंत में संत तेजा सिंह जी को नामधारी संगत द्वारा सम्मानित कर उनके कीमती समय निकलने का आभार भी प्रकट किया। इस अवसर पर प्रधान बलविंदर सिंह डुगरी,जागीर सिंह ,सुखविंदर सिंह ,बूटा सिंह,पलविंदर सिंह ,महिंदर सिंह ,रघबीर सिंह पटवारी ,प्रिंसिपल हरमनप्रीत सिंह काहलों ,सरपंच जोगिन्दर सिंह ,दर्शन सिंह मल्ली ,मास्टर इक़बाल सिंह ,रणजीत सिंह ,गुरदीप सिंह और विशाल संगत हाज़िर हुई।

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